13 गांवों के 350 किसानों का दर्द
सचिन अग्रहरि
राजनांदगांव। राज्य शासन द्वारा भू-अर्जन की प्रक्रिया के बाद ही सड़क निर्माण काम शुरू किए जाने के आदेश जारी किए गए हैं, लेकिन नवगठित खैरागढ़ जिले के अधीन छुईखदान-उदयपुर-दनिया सड़क का निर्माण एडीबी के अफसरों ने 13 गांव के साढ़े तीन सौ से ज्यादा किसानों को फूटी कौड़ी का मुआवजा नहीं दिया और पिछले पांच साल में सड़क का निर्माण पूरा कर लिया है। अपने घर और खेत की जमीन में सड़क बनते देख किसान अब सड़कों पर उतरकर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन एडीबी के अफसर हाथ में हाथ धरे बैठे हैं। किसानों का साफ तौर पर कहना है कि दोषी अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाना चाहिए।
छत्तीसगढ़ शासन के सड़क क्षेत्र परियोजना एडीबी के अंतर्गत छुईखदान-उदयपुर-बुंदेली-दनिया मार्ग की स्वीकृति 7 अगस्त 2018 को मिली थी। शासन ने इस कार्य के लिए 75 करोड़ रुपए की राशि जारी थी। निर्माण एजेंसी एडीबी के अफसरों द्वारा सड़क निर्माण के जद में आने वाले 13 गांव का सर्वे कराया गया। सर्वे के बाद भू-अर्जन की प्रक्रिया शुरू किए जाने के बजाय एडीबी ने 6 मार्च 2020 से निर्माण काम शुरू करा दिया। किसानों के खेत और मकानों को धराशाही कर सड़क का काम अब पूरा कर लिया गया है, लेकिन आज पर्यन्त तक 13 गांव के साढ़े तीन सौ से ज्यादा किसानों को फूटी कौड़ी का मुआवजा नहीं दिया गया है। यहां करीब 165 खसरे सड़क निर्माण की भेंट चढ़े हैं। सिर्फ आठ किसानों को ही मुआवजा मिला है। निर्माण एजेंसी द्वारा काम पूरा करने के बाद किसान अब मुआवजा वसूलने के लिए चक्कर काट रहे हैं। किसानों ने पिछले दिनों इस मामले में उग्र आंदोलन किया। इस मामले को लेकर किसानों के एक प्रतिनिधि मंडल ने सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात कर गुहार लगाई है। सीएम ने इस मामले में कलेक्टर को जांच कराने के आदेश भी दिए हैं।
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अवैध उत्खनन से बनाई सड़क
किसानों को बिना मुआवजा दिए बनाई गई इस सड़क में ठेकेदार एनसी नाहर ने मुरूम का जमकर अवैध उत्खनन भी किया है। उदयपुर की शासकीय भूमि खसरा नंबर 505 एवं 506 में छह हेक्टेयर में छह फीट से 15 फीट तक उत्खनन कर 25 हजार से ज्यादा घनमीटर मुरूम का अवैध उत्खनन किया गया है। अवैध उत्खनन के बाद यहां खाई की स्थिति निर्मित हो गयी है।
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एनजीओ की भूमिका भी संदिग्ध
एडीबी ने इस सड़क को लेकर मुआवजा निर्धारण करने का काम वन फाउंडेशन एनजीओ को सौंपा था। इस एनजीओ ने गणना पत्रक बनाने में जमकर लापरवाही की है। किसानों का कहना है कि एनजीओ द्वारा अब गणना पत्रक भी नहीं दिया जा रहा है।
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भड़के कलेक्टर, मची खलबली
मुआवजा दिए बगैर ही सड़क निर्माण किए जाने का मामला प्रकाश में आने के बाद कलेक्टर जगदीश कुमार सोनकर ने एडीबी के अफसरों को जमकर फटकार लगाई है। उन्होंने मामले में जांच के आदेश भी जारी कर दिए हैं। ऐसी चर्चा है कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने की भी तैयारी है।
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किसानों के साथ ठगी
एडीबी के अफसरों द्वारा किसानों के साथ ठगी की गई है। इस मामले में एडीबी, एनजीओ और ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की गई है। मुआवजे के लिए किसान चक्कर काट रहे हैं।
–सुधीर जैन, अध्यक्ष, आंदोलन समिति
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वर्जन
राजस्व से मांगी है जानकारी
जिन किसानों का मुआवजा प्रकरण लंबित है, उनके संबध में राजस्व विभाग को पत्र लिखकर सीमांकन रिपोर्ट मांगी गई है। अभी तक आठ लोगों को मुआवजा दिया गया है। शेष प्रकरण कलेक्टोरेट में जमा किए गए है।
एडी बंजारा, सहायक परियोजना प्रबंधक, एडीबी
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