‘शिव ज्योति अर्पणम’ कार्यक्रम में बना रिकाॅर्ड
हरिभूमि न्यूज :भोपाल
उज्जैन में शनिवार को महाशिवरात्रि बड़े धूम धाम से मनाई गई। इस मौके पर शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें 21 लाख दीपक का प्रज्जवलन किया गया। इससे अवंतिका नगरी जगमगाने लगी। यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया। वर्तमान में सर्वाधिक दीप प्रज्वलन का रिकॉर्ड अयोध्या दीपोत्सव-2022 में 15 लाख 76 हजार दीप प्रज्वलित कर बनाया गया था।
भगवान भूतभावन महादेव की नगरी उज्जैन में क्षिप्रा नदी तट के संपूर्ण घाटों को पांच ब्लॉक में बांटा गया। इसमें ‘ए’ ब्लॉक में केदारेश्वर घाट पर, ‘बी’ ब्लॉक सुनहरी घाट पर, ‘सी’ ब्लॉक दत्त अखाड़ा क्षेत्र में, ‘डी’ ब्लॉक रामघाट पर तथा ‘ई’ ब्लॉक भूखी माता की ओर दीपों का प्रज्वलन िकया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दीप प्रज्वलन कार्यक्रम में शािमल हुए। बता दें िक पिछले वर्ष भी महाशिवरात्रि पर मुख्यमंत्री के आव्हान पर उज्जैन नगरी महाशिवरात्रि पर जगमग हुई थी।
क्षिप्रा नदी के घाटों, नगर में स्थित मंदिरों, व्यावसायिक स्थलों और घरों में दीप जलाए गए। विद्युत सज्जा के साथ रंगोली भी चित्रित की गई। जन सहभागिता के लिए उज्जैन वासियों ने संकल्प पत्र भरे थे। सभी पांचों ब्लॉकों के लिए प्रत्येक ब्लॉक में 225 दीये दो वॉलेंटियर की ओर से प्रज्वलित किए। इस प्रकार एक सब-सेक्टर में 40 से 50 ब्लॉक तथा 100 के लगभग वॉलेंटियर्स हुए। प्रति सौ वॉलेंटियर्स पर दो सुपरवाइजर व प्रति एक हजार वॉलेंटियर्स पर एक कंट्रोल आफिसर नियुक्त किया गया। विभिन्न सेक्टर वाइज वॉलेंटियर्स के लिए प्रवेश-पत्र बनाए गए थे। वॉलेंटियर्स 10 मिनिट की समय-सीमा में दीये जलाकर पीछे हटे। इसके बाद अगले पांच मिनटों में ड्रोन से प्रज्वलित दीयों की फोटोग्राफी की गई।
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शिव-धामों में भक्तों का तांता
महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन
50 मिनट में महाकाल के दर्शन हुए
उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर सिंहस्थ महापर्व जैसे इंतजाम देखने को िमले। भक्तों को चार गेट से 12 कतारों के माध्यम से प्रवेश दिया गया। भस्म आरती के दौरान भी भक्तों को बाबा महाकाल के दर्शन िकए। करीब दो लाख लोगों ने बाबा के दर्शन कर पूजा अर्चना की। व्यवस्थाएं ऐसी बनाई गई थी िक भक्तों को 50 िमनट के भीतर बाबा के दर्शन हो गए। मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि इस बार भीड़ नियंत्रण के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। इंदौर, देवास, बड़नगर आदि क्षेत्रों से आने वाले वाहनों के लिए शहर से दूर 14 पार्किंग सब स्टेशन बनाए जा रहे हैं।
ओंकारेश्वर मंदिर, खंडवा
24 घंटे खुले रहे मंदिर के पट
खंडवा। ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट के सहायक कार्यपालन अधिकारी अशोक महाजन ने बताया िक मंदिर के पट तड़के 3:00 बजे खोल दिए गए। दिनभर करीब ़एक लाख शिव भक्तों ने दर्शन िकए। मंदिर परिसर में बेरिकेडिंग कर कर्मचारियों की तैनाती की गई। भीड़ की संभावना को देखते हुए गर्भगृह में जल-फूल व बेलपत्र ले जाने पर रोक रही।
पशुपतिनाथ मंदिर, मंदसौर
करीब 1 लाख दीपक जले
मंदसौर. शिवना नदी के किनारे स्थित पशुपतिनाथ की मूर्ति पूरे विश्व में अद्वितीय है। ये आठ मुखी है। कोरोना के 2 साल बीत जाने के बाद इस बार महाशिवरात्रि बड़े ही धूमधाम से मनाई गई। पूरे नगर में करीब एक लाख से अधिक दीपक जलाए गए। इस दौरान करीब एक लाख से अधिक दर्शनार्थी यहां पर दर्शन करने के लिए पहुंचे। शाम के समय भगवान को दूल्हे के रूप में सजाया गया। शिवरात्रि पर लोगों ने अपने घर में पांच दीपक जलाए।
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भोजपुर
विश्व प्रिसद्ध भोजपुर मंिदर में महािशवराित्र पर भक्तों की भीड़ उमड़ी। करीब एक लाख लोगों ने बाबा के दर्शन िकए।
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काशी में दर्शन के लिए पहुंचे 5 लाख से ज्यादा भक्त
तीन से चार किमी लंबी लाइन
वाराणसी। महाशिवरात्रि पर काशी विश्वनाथ में 5 बजे तक साढ़े पांच लाख लोगों ने दर्शन किए। हर-हर महादेव के उद्घोष से शिव नगरी गूंज उठी। दोपहर से बारात निकलनी शुरू हुई। शिवभक्त कोई नंदी के रूप में दिखा तो किसी ने शिव का अवतार धारण किया। वहीं, कोई नरमुंड पहने और शरीर पर मसाने की राख रगड़े बाराती नजर आए। काशी विश्वनाथ मंदिर का पट सुबह 3.30 बजे खुल गया था। इसके बाद आरती और पूजा की गई। इसके बाद मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया गया। भक्तों की 3 से चार किमी लंबी-लंबी लाइन देखी गई। लाइन में लगने से लेकर दर्शन करने तक में औसतन 30 से 35 मिनट का वक्त लगा।
हालांकि श्रद्धालु व्यवस्था से थोड़े मायूस भी नजर आए, क्योंकि शिवरात्रि पर वे ज्योर्तिलिंग को न छू पा रहे थे, न ही जलाभिषेक कर पा रहे थे। गर्भगृह के बाहर लगे पाइप से ही दूध, जल, बेल पत्र, फूल चढ़ाने की इजाजत दी गई थी। भीड़ को देखते हुए गर्भगृह के चारों गेट से केवल झांकी दर्शन कराए जा रहे हैं और पर्व पर वीआईपी दर्शन भी बंद कर दिए गए हैं।
जी-20 थीम पर बारात
इस बार बारात जी-20 थीम पर निकाली गई। बारात में शामिल लोग तिरंगा झंडा के साथ जी-20 में शामिल देशों के राष्ट्राध्यक्षों का मुखौटा लगाए हुए हैं। इसे काशी कॉर्निवाल भी कहा जा रहा है। बारात पूरे 18 घंटे तक चली। रात 12 बजे जयमाल रस्म पर खत्म हुई।
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