कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में चुनाव की भी सुगबुगाहट

  • फैसला, अधिवेशन के पहले दिन 24 फरवरी को लेगी स्टियरिंग कमेटी

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आहूत होने वाले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के हाईप्रोफाइल राष्ट्रीय अधिवेशन में लाख टके का सवाल ये है कि क्या नव निर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्लूसी) के सदस्यों के लिए चुनाव करवा पाने की स्थिति में रहेंगे! राहुल गांधी सहित गांधी परिवार की स्पष्ट मंशा है कि संगठन में ऊपर से नीचे तक लोकतांत्रिक व्यवस्था दिखे। चुनाव के आधार पर जब पार्टी के अध्यक्ष की नियुक्ति हुई है तो अब सर्वोच्च नीति निर्धारक समिति में जिन वरिष्ठ नेताओं को जगह बनानी है,वे भी चुनाव के माध्यम से आयें।

एआईसीसी में अब दो खेमे हैं। एक युवा नेताओं का खेमा है जो चाहता है चुनाव हो। दूसरा,वरिष्ठ नेताओं का खेमा है जो राहुल गांधी को ये समझाने पर तुला है कि सीडब्लूसी के लिए चुनाव अधिवेशन में न करायें। बाद में कभी दिल्ली में कराना हो तो जरूर करा लें। पार्टी के 50 वरिष्ठ नेताओं ने जोर लगाया हुआ है। राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा में संसदीय दल के नेता का नाम छोड़ दें तो केवल 23 जगह सीडब्लूसी में बचती है। उसमें भी 11 सदस्यों को नामित करने की परंपरा कांग्रेस पार्टी में रही है ताकि अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला सहित समाज के उन तबसे से आने वाले नेताओं को भी सीडब्लूसी में शामिल किया जा सके जो अंतिम पायदान पर खड़े लोगों की नुमाइंदगी करते हैं। ऐसे में गिनती की जगह बचती है। अभी जब इसी साल 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव हैं। छत्तीसगढ़ में भी चुनाव होने हैं। जहां अधिवेशन हो रहा है। तुरंत 2024 में लोकसभा चुनाव है। वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि सीडब्लूसी चुनाव लड़ने में नेताओं को उलझा दिया तो अधिवेशन की प्रासंगिकता खत्म हो जाएगी। आपसी खींचतान बढेगी। पार्टी के लिए माहौल खराब होगा। अभी तक वरिष्ठ नेताओं का दबाव रंग लाता दिख रहा है, फिर भी इस संबंध में अंतिम फैसला अधिवेशन के पहले दिन 24 फरवरी को स्टियरिंग कमेटी की बैठक में लिया जाएगा।

सीडब्लूसी चुनाव की आहट भी नहीं

एआईसीसी के सीडब्लूसी के सदस्यों का चुनाव 29 राज्यों के एआईसीसी डेलीगेट्स करते हैं। डेलीगेट्स की कुल संख्या 1300 है। डेलीगेट्स का चयन हो चुका है। उनकी लिस्ट बन गई है। मगर, चुनाव कराने के लिए एक ‘इलेक्टोरेल कॉलेज’ बनाया जाता है। जिनमें चुनाव अधिकारियों से लेकर वोटों की गिनती के लिए समितियों का एलान होता है, ऐसा न तो अभी तक हुआ है और न ही होता हुआ दिख रहा है। कांग्रेस के संविधान में इस बात का साफ उल्लेख है कि एआईसीसी का कोषाध्यक्ष और महासचिव वही बन सकते हैं जो सीडब्लूसी के सदस्य हों। मगर, परंपरा ये भी रही है कि सीडब्लूसी में विशेष आमंत्रित सदस्य, स्थायी आमंत्रित सदस्य बनाकर नेताओं का नॉमिनेशन होता रहा है।

सीडब्लूसी में जिनकी बन सकती है जगह

वरिष्ठ नेताओं की श्रृंखला में भूपिंदर सिंह हुड्डा, कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश, तारिक अनवर, अंबिका सोनी, मीरा कुमार, पवन बंसल, सिद्धारमैया, रमेश चेनीथल्ला, ओमेन चांडी, मणिशंकर अय्यर, सलमान खुर्शीद, कुमारी सैलजा, पीएल पुनिया, पृथ्वी राज चव्वहाण, सुशील कुमार शिंदे, आनंद शर्मा, शशि थरूर, मनीष तिवारी, वहीं अपेक्षाकृत युवा नेताओं में सचिन पायलट, जितेंद्र सिंह, रणदीप सुरजेवाला।

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