रुद्राक्ष लेने लाइन में लगी महिला की मौत, तीन लापता, कई बीमार

—इंदौर-भोपाल हाईवे पर 17 किमी जाम, लापता महिलाओं में एक भिलाई की

—कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष महोत्सव, करीब 7 लाख श्रद्धालु पहुंचे

—–भगदड़ जैसे हालात से बचने के लिए प्रशासन ने रुद्राक्ष वितरण को रोका


पॉइंटर

ये हुआ?

  • ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए वाहनों को सात किमी पहले ही पार्क कराया, श्रद्धालुओं को पैदल भेजा कुबेरेश्वर धाम
  • पानी और खाने के लिए श्रद्धालु होते रहे परेशान। मोबाइल का नेटवर्क भी हुआ फेल
  • डोम में जगह नहीं मिली तो श्रद्धालुओं ने धूप से बचने के लिए चादर और साड़ी से तंबू बना िलया

हाइलाइटर

जो लोग कुबेरेश्वर धाम रुद्राक्ष के लालच में आ रहे हैं, तो वे न आएं…

पं. मिश्रा बोले – अगर मौत आनी है तो आएगी ही

  • कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि लोग मौत से डरते हैं। कहते हैं कि हम केदारनाथ नहीं जाएंगे। वहां बहुत ठंड है, कुछ हो गया तो क्या होगा। लेकिन अगर मौत आनी है तो आएगी ही। भले ही आप घर में ही क्यों न हो। आप घर में होंगे, पैर पोंछने के लिए पायदान में पैर रखोगे और अगर मौत आनी ही होगी तो तुरंत पायदान फिसल जाएगा। आप 7 तालों में ही क्यों न बंद हो, मौत को आना है तो वह आएगी ही।

  • फोटो: सचिन महोिबया

सीहोर> मध्यप्रदेश में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के सीहोर स्थित कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष महोत्सव के पहले दिन गुरुवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। करीब सात लाख लोग कुबेरेश्वर धाम पहुंचे। भीड़ को कंट्रोल करने और भगदड़ जैसे हालात से बचने के लिए प्रशासन ने रुद्राक्ष वितरण को रोक दिया। भीड़ को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दौरा भी निरस्त कर दिया गया। कुबेरेश्वर धाम में महाराष्ट्र के नासिक के मालेगांव से आई मंगला बाई (50) की तबीयत अचानक खराब हो गई। उसे चक्कर आया और वह गिर पड़ी और उसकी मौत हो गई। मंडी थाना एएसआई धर्म सिंह वर्मा ने बताया कि मंगला बाई रुद्राक्ष लेने के लिए कतार में लगी हुई थी, तभी चक्कर खाकर गिर गई। छत्तीसगढ़ के भिलाई, राजस्थान के गंगापुर और महाराष्ट्र के बुलढाणा की रहने वाली तीन महिलाएं लापता हैं। वहीं, पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि जो लोग कुबेरेश्वर धाम रुद्राक्ष के लालच में आ रहे हैं, तो वे न आएं। टिकट कैंसिल करा लें। यहां आना है तो महादेव के लिए आएं। उनसे क्या मिलेगा, उसकी लालसा में आओ। रुद्राक्ष के लिए आने की आवश्यकता नहीं है।


10 से 15 किमी तक पैदल चलना पड़ रहा

  • इंदौर-भोपाल हाईवे पर सुबह से देर शाम तक लंबा जाम लगा रहा। श्रद्धालु करीब 10 से 15 किमी पैदल चलकर धाम पहुंचे। बढ़ती भीड़ के कारण जहां 1 दिन पहले ही रुद्राक्ष वितरण शुरू कर दिया गया था, उसे अब रोक दिया गया है। सीहोर से जाने वाले श्रद्धालुओं को सोया चौपाल पर ही वाहनों से उतार दिया गया। यहां से आगे गाड़ियों को रोक दिया गया।

पुलिस के साथ 15 हजार लोग संभाल रहे व्यवस्था

-पुलिस और प्रशासन की टीम के अलावा आरएसएस, बजरंग दल, स्थानीय लोग, समिति सदस्य सहित कुल 15 हजार लोग व्यवस्थाएं संभाल रहे हैं। इनकी तैनाती कथा पंडाल, भोजन पंडाल, रुद्राक्ष वितरण केंद्र पर की गई है।


देश के अलग-अलग राज्यों से आ रहे श्रद्धालु

-शहर में श्रद्धालुओं की सेवा के लिए क्षेत्रवासी लगे हैं। सेवा करने के लिए जिले और आस-पास के क्षेत्रों से कई संगठन आगे आए हैं। नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर ने आधा दर्जन से अधिक यात्री बस को भक्तों की सेवा में लगाया है। महोत्सव में मध्यप्रदेश के अलावा हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र सहित देश के अन्य राज्यों से श्रद्धालु आ रहे हैं।


जिनको रूद्राक्ष मिला, वे खुश

-रुद्राक्ष वितरण अचानक रोके जाने से श्रद्धालु निराश नजर जाए। नासिक से आए मोहनेंद्र ने बताया कि वह बड़ी उम्मीद से आया था। लेकिन, रुद्राक्ष नहीं मिलने से खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। वहीं, यूपी के महोबा से आए अजब सिंह ने बताया कि रुद्राक्ष मिल गया है, अब घर पर पहुंच कर टीवी पर ही पंडित जी की कथा का आनंद लेंगे।


श्रद्धालुओं ने श्मशान घाट में ही डेरा जमा लिया

-पैदल चलने वाले श्रद्धालु खेतों की पगडंडियों से होते कथा स्थल पर पहुंचे। धाम पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं ने श्मशान घाट पर ही अपना डेरा जमा लिया। जिस ओटले पर शव रखा जाता है, उसी पर बैठकर पेड़ की छांव में भोजन भी किया। कुबेरेश्वरधाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए जब डोम और टेंट में जगह नहीं मिली, तो हजारों श्रद्धालुओं ने पेड़ की डालियों, बांस और बैरिकेट्स से चादर और साड़ी बांधकर डेरा जमा लिया और पंडित जी की कथा सुनी।


चने का पूरा खेत ही उखाड़ा ले गए श्रद्धालु

-धाम पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं ने एक किसान का पूरा हरे चने का खेत ही खाली कर दिया। खेतों के रास्ते जाते समय श्रद्धालु एक चने खेते में पहुंचे और पेड़ उखड़ना शुरू कर दिए। किसान रमेश वर्मा ने बताया कि श्रद्धालुओं को रोकते उससे पहले ही वह झुंड में आए और चने उखाड़ लिए। अब जो थोड़े बहुत बचे हैं। उसे हरेभरे ही काटना पड़ रहा है।

उधर, दो धार्मिक आयोजनों में भी घटनाएं…


भीड़ को देखकर हुआ बेकाबू

हैिडंग

कलश यात्रा में आए हाथी ने

कइयों को ‘रौंदा’, 3 की मौत


एजेंसी. गोरखपुर

गोरखपुर में गुरुवार को एक हाथी कलश यात्रा निकलने से पहले भड़क गया। उसने कई लोगों को रौंद दिया। इस घटना में तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है। जबकि कई लोग घायल हैं। आयोजन को रद्द कर दिया गया है। घटना चिलुआताल इलाके के जगतबेला के मोहम्मदपुर माफी गांव की है। सीएम योगी ने मृतकों के परिजन के लिए 5-5 लाख रुपए के मदद का ऐलान किया हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कलश यात्रा निकलने से पहले पंडाल में यज्ञ हो रहा था। मौके पर लोगों की भीड़ जमा थी। काफी शोर हो रहा था। इस दौरान कुछ लोग हाथी को छेड़ रहे थे, इससे वह भड़क गया। वह इधर-उधर भागने लगा। लोगों को रौंदते हुए खेत में घुस गया। सूचना मिलते ही पुलिस और वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। मौके पर महावत के साथ वन विभाग की टीम भी मौजूद है। उसे ट्रेंकुलाइजर गन से शॉट दिया गया। रेस्क्यू जारी है। आयोजन समिति के सदस्य हनुमान यादव के अनुसार, गांव में 16 से 24 फरवरी तक लक्ष्मी नारायण महायज्ञ होना था। यज्ञ में शामिल होने के लिए अयोध्या, वृंदावन, मथुरा, हरिद्धार समेत कई जगहों से 51 वैदिकचार्य भी पहुंचे थे। इस दौरान कलश यात्रा निकाली जानी थी। कलश यात्रा के लिए किराए पर दो हाथी और दो ऊंट मंगाए गए थे।


बागेश्वर धाम में अर्जी लगाने

लाइन में खड़ी महिला की मौत


एजेंसी. छतरपुर

पं. धीरेन्द्र शास्त्री के पन्ना रोड स्थित बागेश्वर धाम में एक महिला की मौत हो गई। किडनी की समस्या से पीिड़त यह महिला बुधवार को अपने पति के साथ अर्जी लगाने पहुंची थी। पंडाल में लाइन में खड़े-खड़े वह अचानक गिर पड़ी और वहीं दम तोड़ दिया। 33 साल की यह महिला नीलू उर्फ नीलम अपने पति देवेंद्र सिंह के साथ उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के महाराजपुर से आई थी। पति देवेंद्र सिंह‎ ने बताया कि उसकी पत्नी लंबे समय‎ से बीमार थी। इससे निजात‎ पाने के लिए वह बागेश्वर धाम पहुंची थी। सुबह खाना खाया था। उसके बाद पंडाल में अर्जी के लिए लाइन में खड़ी हुई। इसी दौरान बेहोश हो गई। परिजन उसका शव यूपी अपने गृह ग्राम ले गए।

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