—-जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मंच पर बवाल
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इंट्रो
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अधिवेशन के आखिरी दिन मौलाना अरशद मदनी के बयान पर बवाल हो गया। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 34वें अधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी ने मोहन भागवत के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि अल्लाह और ओम एक हैं। जिनके बयान के विरोध में अधिवेशन में पहुंचे अलग-अलग धर्मगुरु मंच छोड़कर चले गए।
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नई दिल्ली। जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एएम समूह) के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने प्रसिद्ध जैन मुनि आचार्य लोकेश मुनि की मौजूदगी में ‘ओम’ और ‘अल्लाह’ तथा मनु और पैगंबर आदम को एक बताते हुए रविवार को दावा किया कि बहुसंख्यक समाज के पूर्वज हिंदू नहीं थे, बल्कि मनु थे, जो एक ओम यानी अल्लाह की इबादत करने वाले थे। आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत के घर वापसी संबंधी बयान पर मदनी ने कहा कि इस्लाम भारत के लिए कोई नया मज़हब नहीं है, बल्कि अल्लाह ने पैगंबर आदम यानी मनु को यहीं उतारा, उनकी पत्नी हव्वा को उतारा, जिन्हें वे (हिंदू) हमवती कहते हैं और वे सारे नबियों, मुसलमानों, हिंदुओं, ईसाइयों के पूर्वज हैं।
मैंने बड़े-बड़े धर्म गुरुओं से पूछा जब कोई नहीं था, न श्री राम, न ब्रह्मा थे, न शिव थे, तो सवाल पैदा होता है? तब मनु पूजते किसको थे? कोई कहता है शिव को पूजते थे, लेकिन उनके पास ईलम नहीं है। वहीं बहुत कम लोग बताते हैं कि मनु नाम का कुछ नहीं था दुनिया में, वो ओम को पूजते थे, तो मैनें कहा ओम कौन है? तो फिर बहुत से लोगों ने कहा वो एक हवा है, जिनका कोई रुप नहीं है, जिसका कोई रंग नहीं है वो दुनिया में हर जगह है। जिन्होंने आसमान बनाया, धरती बनाई तो मैनें कहा अरे बाबा इन्हीं को तो हम अल्लाह कहते हैं, इन्हीं को तो तुम ईश्वर कहते हो, इसी को तो हम अल्लाह कहते हैं, फारसी बोलने वाले खुदा और अंग्रेजी बोलने वाले गॉड कहते हैं. इसका मतलब ये है कि मनु एक अल्लाह एक ओम यानि को पूजते थे। ये हमारे मुल्क की ताकत है।
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मदनी बोले- हम जिसे आदम कहते हैं, वही मनु
मौलाना मदनी ने कहा, हजरत आदम जो नबी थे, सबसे पहले उन्हें भारत की धरती के भीतर उतारा। अगर चाहता तो आदम को अफ्रीका, अरब, रूस में उतार देता। वो भी जानते हैं, हम भी जानते हैं कि आदम को दुनिया में उतारने के लिए भारत की धरती को चुना गया। दुनिया के अंदर अकेला आदम था, उसे कहते क्या हो। लोग अलग-अलग बातें कहते थे। धर्मगुरुओं ने कहा कि हम उसे मनु कहते हैं, हम आदम कहते हैं, अंग्रेजी बोलने वाले एडम कहते हैं। हम आदम की औलाद को आदमी और ये मनु की औलाद को मनुष्य कहते हैं।
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आचार्य लोकेश मुनि ने जताई असहमति
मौलाना मदनी के बयान पर आचार्य लोकेश मुनि (जैन मुनि) ने असहमति जताते हुए कहा कि भगवान ऋषभदेव पहले तीर्थंकर थे, जिनके पुत्र भरत के नाम पर इस भारत देश का नाम पड़ा है। मदनी को शास्त्रार्थ के लिए आमंत्रित करते हुए जमीयत के 36वें अधिवेशन से चले गए। जैन मुनि लोकेश ने मदनी के बयान का विरोध करते हुए कहा कि यह अधिवेशन लोगों को जोड़ने के लिए हो रहा है। ऐसे में आपत्तिजनक बातें क्यों? इसके बाद वे कार्यक्रम से उठकर चले गए। उनके बाद दूसरे धर्मों के संतों ने भी मंच छोड़ दिया।
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भारत जितना मोदी और भागवत का, उतना ही मदनी का
भारत जितना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत का है, उतना ही मदनी का भी है। रामलीला मैदान में चल रहे जमीयत के 34वें सत्र के दौरान शनिवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने यह बातें कही थीं।
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