तुर्की-सीरिया में भूकंप … मौत का आंकड़ा 21 हजार के पार… 10 शहरों में 10 हजार बिल्डिंग तबाह

-100 साल में आई सबसे भयंकर आपदा

  • 6 फरवरी को 7.8 तीव्रता का आया था भूकंप

भूकंप के जोरदार झटकों से तुर्की तहस नहस हो चुका है। भूकंप के 100 घंटे बाद तुर्की और सीरिया में मरने वालों का आंकड़ा 21 हजार के पार पहुंच गया है। पलभर में हजारों लोग बेघर हो गए. यह पिछले 100 साल में आई सबसे भयंकर आपदा है। भूकंप की तबाही के बीच अब भीषण सर्दी, भूख और निराशा लगातार मुसीबत को बढ़ा रही हैं। रेस्क्यू में जुटी टीमें इमारतों के मलबे से लोगों को बचाने के प्रयास में लगी हुई हैं। पिछले सोमवार को तुर्की और सीरिया के बीच सीमा क्षेत्र में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। यहां तबाही का मंजर कुछ ऐसा है कि शहर की सड़कों पर लाशें बिछी हैं कंबलों, गलीचों और तिरपालों में शव लिपटे पड़े हैं। मुर्दाघर और कब्रिस्तान फुल हो चुके हैं।

इस्तांबुल। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन ने भूकंप से तबाह क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि भूकंप से बचे लोगों के लिए घरों को फिर से तैयार किया जाएगा। साथ ही कहा कि नष्ट हुए घरों को एक साल के अंदर फिर से बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार प्रभावित परिवारों को 10,000 तुर्की लीरा (532 डॉलर) प्रदान करेगी। वहीं तुर्की के भूकंप प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

40 हजार पार कर सकता है मौत का आंकड़ा

एक्सपर्ट्स के मुताबिक तुर्की में अगले 6 महीनों तक यहां भूकंप के झटके लग सकते हैं। भूकंप से करीब 10 से 20 मिलियन लोग प्रभावित हुए हैं। इसके साथ ही आशंका जताई गई है कि मरने वालों का आंकड़ा 40 हजार से ज्यादा हो सकता है। जबकि घायलों का आंकड़ा लगभग 2 लाख लोगों के करीब हो सकता है। भूकंप में तुर्की के 10 प्रांतों सबसे ज्याद प्रभावित हुए हैं। इनमें 10,000 इमारतें जो गिर गई हैं, जबकि 50 हजार से एक लाख इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई हैं।

7.8 की तीव्रता वाले भूकंप के बाद आए 1509 आफ्टरशॉक

एपी की रिपोर्ट्स के मुताबिक तुर्की में सोमवार को आए 7,8 की तीव्रता वाले भूकंप के बाद अबतक 1509 ऑफ्टरशॉक आ चुके हैं। यहां 21 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। रेस्क्यू की टीमें दिनरात लोगों को बचाने में लगी हुई हैं।

भारत की तीन टीमें कर रहीं काम

भयंकर भूकंप की चपेट में आए तुर्की की मदद के लिए 70 देशों के साथ ही भारत भी आगे आया है। भारत ने तुर्की को ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत विशेष मदद भेजी है। भारत की तरफ से एनडीआरएफ की 3 टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तुर्की पहुंची हैं। इनमें विशेष रेस्क्यू डॉग स्क्वायड भी शामिल है। इसके अलावा भारत ने भारतीय वायु सेना के एक ट्रांसपोर्ट विमान में जीवन रक्षक दवाओं और चिकित्सा वस्तुओं सहित छह टन राहत सामग्री तुर्की के अलावा भूकंप से प्रभावित हुए सीरिया में भेजी हैं।

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94 घंटे तक फंसा रहा, पीना पड़ा पेशाब

(फोटो : टर्की3-यूरिन)

तुर्की के गाजियांटेप शहर में शुक्रवार तड़के एक ढह गई इमारत के मलबे के नीचे से एक17 साल के किशोर को बचाया गया है। बचाव दल ने अदनान मुहम्मद कोरकुट को उस तहखाने से निकाला, जहां सोमवार को भूकंप आने के बाद से वह फंसा हुआ था। 94 घंटे तक मलबे में फंसे रहने वाले अदनान ने कहा कि यह काफी खतरनाक हालात थे। उसने कहा कि प्यास लगने पर उसे मजबूरी में अपना पेशाब तक पीना पड़ा।

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