जम्मू में मिला लिथियम का लाखों टन भंडार, बैटरी बनाने के आता है काम

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि देश में पहली बार जम्मू-कश्मीर में 59 लाख टन लिथियम का भंडार पाया गया है। लिथियम एक अलौह धातु है और ईवी बैटरी में प्रमुख घटकों में से एक है। बता दें कि लिथियम एक अलौह धातु है। ये इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरी में इस्तेमाल वाले घटकों में से एक है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत लिथियम समेत तमाम अहम खनिजों की आपूर्ति को मजबूती देने की तलाश में है। इससे देश को अपने इलेक्ट्रिक वाहन से संबंधित योजनाओं को आगे बढ़ाने में सहायता मिलेगी। इस नजरिए से देखें तो जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में 5.9 मिलियन टन के लिथियम मिलना आश्चर्यजनक है।

सफेद सोना भी कहा जाता है

लिथियम को सफेद सोना भी कहा जाता है क्योंकि यह आधुनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाली तमाम जरूरी चीजों को बनाने में काम आता है। भारत में पहली बार लिथियम के भंडार पाए गए हैं। जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना एरिया में 5.9 मिलियन टन लिथियम के अनुमानित भंडार की खोज की गई है।

भारत में लिथियम की खोज एक बड़ी बात क्यों?

लिथियम इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) में लगने वाली बैटरी के प्रमुख घटकों में से एक है। जैसे-जैसे दुनिया पेट्रोल और डीजल से इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ मूव कर रही है वैसे-वैसे लिथियम की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। लिथियम का उपयोग न केवल ईवी में बल्कि लैपटॉप और मोबाइल फोन जैसे गैजेट्स की बैटरी में भी किया जाता है। इसका इस्तेमाल कांच और चीनी मिट्टी इंडस्ट्री में भी होता है। लिथियम को सफेद सोना भी कहा जाता है क्योंकि यह आधुनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाली तमाम जरूरी चीजों को बनाने में काम आता है।

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