—दुनियाभर ने बचाव और राहत के लिए भेजी टीमें, भारत से एनडीआरएफ के 101 कर्मी भेजे गए
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खास बातें
तुर्किये में 3,549 लोगों की जान जा चुकी 20 हजार से ज्यादा घायल
सीरिया में 1,602 लोग मारे गए और 2 हजार से ज्यादा जख्मी
भूकंप प्रभावितों की संख्या 2 करोड़ 30 लाख तक हो सकती है।
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इंट्रो
तुर्किये और सीरिया में आए भूकंप में मरने वालों की संख्या 5000 के पार हो गई है। हजारों लोग अभी भी लापता हैं। दुनियाभर के देशों ने बचाव और राहत के लिए हाथ बढ़ाया है। भारत ने एनडीआरएफ की 101 कर्मी बचाव और राहत के लिए भेजे हैं। इस बीच, तुर्किये के राष्ट्रपति रिसेप तैयप एर्दोआन ने 10 राज्यों में तीन महीने के लिए इमरजेंसी लगा दी है।
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अदन (तुर्किये)। तुर्किये और सीरिया में आए 7.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप और उसके बाद के झटकों के कारण धराशाई हुई इमारतों में से और शवों के बरामद होने से मृतकों का आंकड़ा पांच हजार की संख्या को पार कर गया है। हजारों इमारतों के मलबे में बचे लोगों को ढूंढ़ने के लिए बचावकर्मी काम में लगे हुए हैं। दुनियाभर के देशों ने बचाव एवं राहत कार्य के प्रयास में मदद के लिए टीम भेजी है। तुर्किये की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने कहा कि 24,400 से अधिक आपातकालीन कर्मी मौके पर मौजूद हैं, लेकिन सोमवार के भीषण भूकंप से बड़े इलाके के प्रभावित होने और अकेले तुर्किये में ही लगभग 6,000 इमारतों के ढहने की पुष्टि के साथ उनके प्रयास बहुत कम साबित हो रहे हैं। आपदा में बचे हुए लोगों तक पहुंचने के प्रयास में शून्य से नीचे का तापमान और करीब 200 की संख्या में आए भूकंप के बाद के झटके भी बाधा बन रहे हैं, इससे अस्थिर ढांचों के भीतर लोगों को खोजना काफी खतरनाक हो गया है। नूरगुल अताय ने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा कि हते प्रांत की राजधानी अंताक्या में ध्वस्त इमारते के मलबे में दबी अपनी मां की आवाज को वह सुन सकती थीं, लेकिन उनके और अन्य लोगों के मलबे के अंदर घुसने के प्रयास राहतकर्मियों और भारी उपकरणों की नामौजूदगी के कारण व्यर्थ चले गये। उन्होंने कहा कि उनकी मां 70 साल की थीं और ज्यादा समय तक जूझने में सक्षम नहीं थीं। अधिकारियों ने बताया कि भूकंप के केंद्र के दक्षिण पूर्व में स्थित हते में करीब 1500 इमारतें जमींदोज हो गईं और कई लोगों ने अपनों के मलबे में फंसे होने और किसी बचाव दल या मदद के नहीं पहुंचने की शिकायत की है। तुर्किये के दक्षिण-पूर्वी प्रांत कहमनमारस में केंद्रित भूकंप ने दमिश्क और बेरूत के निवासियों को सड़क पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया। सीरिया में ‘डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ के मिशन प्रमुख सेबस्टियन गे ने कहा कि उत्तरी सीरिया में चिकित्सा कर्मी जीजान से जुटे हैं जो भारी संख्या में आये घायलों के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। तुर्किये के हते प्रांत में हजारों लोगों ने खेल केंद्रों या मेला हॉल में आश्रय लिया, जबकि अन्य लोगों ने बाहर रात बिताई और आग का सहारा लिया। बंदरगाह के अन्य इलाके से काला-घना धुआं उठ रहा है, जहां दमकल कर्मी अभी तक आग बुझाने में सफल नहीं हुए हैं। यह आग भूकंप के कारण पलटे मालवाहक कंटेनर (शिपिंग कंटेनर) में लगी। तुर्किये के उपराष्ट्रपति फुअत ओकते ने बताया कि तुर्किये में भूकंप से अभी तक 3,419 लोगों की मौत हुई है, जबकि 20,534 लोग घायल हुए हैं।
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मलबे में फंसे लोगों की तलाश
तुर्किये और सीरिया में भूकंप से 5021 लोगों की मौत हुई है और हजारों लोग घायल हैं। स्वस्थ्य मंत्रालय के मुताबिक सीरिया सरकार के कब्जे वाले इलाके में मृतकों की संख्या 812 हो गई जबकि 1450 लोग घायल हुए हैं। अधिकारियों को आशंका है कि सोमवार तड़के आए भूकंप और बाद के झटकों से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि बचावकर्मी मंगलवार को भी मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं।
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भूकंप के बाद करीब 200 झटके
कम तापमान और भूकंप के बाद के करीब 200 झटके महसूस किए जाने के कारण बचाव कर्मियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय मदद की नवीनतम प्रतिद्धता के तहत दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक येओल ने कहा कि वह 60 सदस्यीय बचाव दल के साथ-साथ चिकित्सा सामग्री और 50 सैनिकों को तेजी से भेजने की तैयारी में हैं।
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भारत से दो दल मदद को भेजे गए
भारत से एनडीआरएफ के दो दल भीषण भूकंप से प्रभावित तुर्किये की राहत एवं बचाव कार्यों में मदद करने के लिए मंगलवार को रवाना हुए। अधिकारियों ने बताया कि संघीय आपदा बल के साथ दो खोजी श्वान, चार पहिया वाहन, हथौड़े, कटाई करने वाले औजार, प्राथमिक चिकित्सा से संबंधित दवाएं और संचार प्रणाली भी भेजी गई है। एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि दिल्ली के पास स्थित गाजियाबाद और कोलकाता स्थित दलों के कुल 101 कर्मियों को उपकरणों के साथ हिंडन एयरबेस से भारतीय वायु सेना के जी-17 विमान के जरिये तुर्किये के लिए रवाना किया गया। तुर्किये जाने वाले समूह में पांच महिला बचावकर्मी, एक चिकित्सक और पैरा मेडिकल कर्मी शामिल हैं
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