(फोटो : पुतिन)
मॉस्को। रूस और यूक्रेन युद्ध के सालभर पूरे होने वाले हैं। पिछले साल फरवरी के आखिरी दिनों में रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला था। एक साल होने के बाद भी रूस को सफलता नहीं मिल सकी है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कई बार परमाणु हमले की भी चेतावनी दी है, लेकिन इसके बाद भी यूक्रेन पीछे नहीं हटा। अब पुतिन न्यूक्लियर ब्रीफकेस के साथ नजर आए हैं, जिसके बाद कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगी हैं। माना जा रहा है कि युद्ध के बीच पुतिन ने पश्चिमी देशों को भी चेतावनी दे दी है। साथ ही, यह तस्वीरें यूक्रेन के लिए भी खतरे की घंटी की तरह बताई जा रही हैं। राष्ट्रपति पुतिन के दो बॉडीगार्ड्स ब्रीफकेस के साथ नजर आए। दोनों पुतिन के बेहद करीब खड़े हुए थे। माना जा रहा है कि दो ब्रीफकेस में से एक फोल्ड-अप शील्ड थी, जिससे यदि कोई गोलीबारी की घटना हो तो राष्ट्रपति पुतिन को सुरक्षित किया जा सके, जबकि दूसरे ब्रीफकेस में परमाणु हमले के लिए लॉन्च बटन था। दरअसल, स्टेलिनग्राद की लड़ाई में हिटलर पर जीत की 80वीं वर्षगांठ मनाने के लिए पुतिन दक्षिणी रूसी शहर वोल्गोग्राड पहुंचे थे, जहां पर उनके साथ न्यूक्लियर ब्रीफकेस भी था। सामने आईं तस्वीरों में पुतिन के दो बॉडीगार्ड्स दो ब्लैक बैग के साथ हैं। हत्या की आशंका के बीच यूक्रेन के साथ युद्ध के दौरान पहले भी परमाणु बैग ले जाने वाले एक सुरक्षा अधिकारी को पुतिन के करीब देखा गया है। पुतिन को अपने आधिकारिक कवच-प्लेटेड ऑरस लिमोसिन में एक एम्बुलेंस और कड़ी सुरक्षा सहित 25-वाहन के काफिले में देखा गया था।
इसके अलावा, स्नाइपर्स भी राष्ट्रपति पुतिन की सुरक्षा के लिए मौजूद थे। इसके अलावा स्थानीय गवर्नर एंड्री बोचारोव को भी पुतिन के करीब आने से पहले नौ दिनों के क्वारंटाइन में रहने के लिए मजबूर किया गया था। वहीं, कुछ स्थानीय लोगों को छोड़कर बाकी सभी को सड़क से दूर रखने का आदेश दिया गया था। विपक्षी नेता बोरिस विस्नेव्स्की ने पुतिन पर प्रोपेगैंडा के लिए वर्षगांठ का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। वहीं, जब पुतिन दक्षिणी शहर पहुंचे तो ऐसी खबरें थीं कि पुतिन की यात्रा से पहले शहर को सजाया गया था। आवारा कुत्तों को सड़कों से हटा दिया गया था और टूटे-फूटे घरों को बंद कर दिया गया था ताकि पुतिन उस गरीबी को न देख सकें जिसमें उनके लोग रहते हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध को होने वाले हैं एक साल
पिछले साल 24 फरवरी को रूस और यूक्रेन युद्ध की शुरुआत हुई थी। इस आक्रमण से दोनों पक्षों में हजारों मौतें हुई हैं और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में सबसे बड़ा शरणार्थी संकट पैदा हो गया है। मई के अंत तक लगभग 80 लाख यूक्रेनियन अपने देश के भीतर विस्थापित हो गए और अन्य 80 लाख 31 जनवरी 2023 तक देश छोड़कर चले गए। रूस ने इस दौरान यूक्रेन की राजधानी कीव समेत कई बड़े शहरों को मिसाइल हमलों से धवस्त कर दिया। हालांकि, यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को पश्चिमी देशों से मदद मिलती रही है। अमेरिका, यूरोप के कई देशों ने रूस पर कई तरह के कड़े प्रतिबंध लगाए और यूक्रेन को युद्ध में लड़ने के लिए हथियार उपलब्ध करवाए हैं।
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