अडाणी समूह मामले पर संसद गर्म, आरबीआई ने मांगा कर्ज का ब्योरा

—-हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई, फिर अडाणी का एफपीओ रद्द, अब गरमाई सियासत

–विपक्षी सदस्यों ने जमकर किया हंगामा, बाधित रहे दोनों सदन

इंट्रो

अडाणी समूह पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का मामला संसद तक पहुंच गया है। गुरुवार को विपक्ष ने यह मुद्दा संसद के दोनों सदनों में उठाया। हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित हो गई। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, देश में आर्थिक घोटाले हो रहे हैं। समूचे विपक्ष ने तय किया है कि इसकी आवाज संसद में उठाई जाएगी। इधर, आरबीआई ने बैंकों से अडाणी समूह को दिए गए कर्ज का ब्योरा मांगा है।

नई दिल्ली। संसद में गुरुवार को कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने अडाणी समूह से जुड़े मामले सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए नारेबाजी एवं हंगामा किया। इससे दोनों सदन एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिए गए। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार दोपहर कई विपक्षी दलों के नेताओं की मौजूदगी में विजय चौक पर संवाददाताओं से बातचीत में अडाणी प्रकरण में आम लोगों तथा एलआईसी एवं एसबीआई के हितों को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने या उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश से जांच कराये जाने की मांग की। संसद के बजट सत्र के तीसरे दिन लोकसभा की बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू कराया, कांग्रेस समेत लगभग सभी विपक्षी दलों के सदस्य आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे। वे अडाणी समूह को लेकर आई हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर चर्चा कराने की और समूह की कारोबारी प्रक्रियाओं की जांच कराने की मांग कर रहे थे। हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से उनके स्थान पर जाने की अपील करते हुए बिरला ने प्रश्नकाल चलने देने का अनुरोध किया और कहा कि बिना तथ्यों के कोई बात नहीं की जानी चाहिए। इस दौरान अध्यक्ष बिरला ने भाजपा की सदस्य पूनम मदाम को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से संबंधित पूरक प्रश्न पूछने को कहा, लेकिन हंगामे के बीच वह पूरक प्रश्न नहीं पूछ सकीं। अध्यक्ष बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा, प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय होता है। विधान मंडल अध्यक्षों के (हाल में हुए) सम्मेलन में चिंता व्यक्त करते हुए कहा गया था कि प्रश्नकाल चलना चाहिए। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा, आप बुनियादी सवाल उठाएं। मैं आपको पर्याप्त समय दूंगा। आप सदन की मर्यादा नहीं रखना चाहते। बिना तथ्यों के कोई बात नहीं कीजिए। हंगामा नहीं थमने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही कुछ ही मिनट बाद अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी। सदन की बैठक अपराह्न दो बजे जब फिर शुरू हुई तो हंगामा जारी रहा। कई सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए। शोर-शराबे के बीच पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से सदन चलने देने की अपील की। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने अपराह्न दो बजकर करीब पांच मिनट पर बैठक शुक्रवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। राज्यसभा में भी विभिन्न मुद्दों पर कार्य स्थगन के प्रावधान वाले नियम 267 के तहत चर्चा कराने की मांग पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण कार्यवाही बाधित रही। नेता प्रतिपक्ष के कार्यालय के अनुसार, कांग्रेस नेता खडगे ने नियम 267 के तहत बाजार मूल्य खोने वाली कंपनियों में एलआईसी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के निवेश के मुद्दे पर चर्चा का नोटिस दिया था। शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने एलआईसी, एसबीआई आदि की होल्डिंग्स के ओवरएक्सपोजर की रिपोर्ट की गई घटनाओं के आलोक में तत्काल सार्वजनिक महत्व के मामले पर चर्चा कराने का नोटिस दिया था।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर संसद में चर्चा की मांग

अडाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को लेकर कांग्रेस, टीएमसी, आप और सप समेत 13 विपक्षी पार्टियों ने मीटिंग की। यह बैठक राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के चैंबर में हुई। इनमें से 9 पार्टियों ने राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। खड़गे ने कहा कि लोगों की मेहनत का पैसा बर्बाद हो रहा है। लोगों का विश्वास बैंक और एलआईसी से उठ जाएगा। कुछ कंपनियों के शेयर लगातार गिरते जा रहे हैं।

खड़गे ने पूछा-सरकार क्यों दिलवा रही कर्ज

विजय चौक पर विपक्षी नेताओं की मौजूदगी में खड़गे ने संवाददाताओं से कहा, हम यह कहना चाहते हैं कि सरकार क्यों दबाव बनाकर ऐसी कंपनियों को कर्ज दिलवा रही है? उन्होंने कहा, लोगों के हित में ध्यान रखते हुए एलआईसी, एसबीआई के निवेश को ध्यान में रखते हुए हम चर्चा की मांग कर रहे हैं।

कांग्रेस ने कहा-सीजेआई की निगरानी में हो जांच, जेसीपी गठित की जाए

इधर, कांग्रेस ने अडाणी एंटरप्राइजेज के मामले को लेकर बृहस्पतिवार को मांग की कि सीजेआई की देखरेख में इस पूरे मामले की जांच की जाए, उसकी रिपोर्ट प्रतिदिन सार्वजनिक की जाए तथा इस प्रकरण को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन हो। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने अडाणी समूह पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया, अडाणी का नैतिक रूप से सही होने की बात कहना वैसे ही है जैसे उनके प्रधान मेंटर द्वारा विनम्रता, सादगी और विशाल हृदयता के सद्गुणों का उपदेश देना। यह ‘एंटायर पॉलिटिकल साइंस’ है। कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने दावा किया, मोदी जी, बहुत मेहनत करके जो गुब्बारा फुलाया, उसकी हवा निकल गई। सारे नियम कानून ताक पर रखकर मोदी जी ने एक आदमी पाल-पोसकर बड़ा किया।

आरबीआई ने बैंकों से किया सवाल

आरबीआई ने ऋणदाताओं यानी बैंकों से अडाणी समूह को दिए गए कर्ज का ब्योरा मांगा है। इससे एक दिन पहले शेयर की कीमतों में भारी गिरावट के बीच समूह की प्रमुख फर्म अडाणी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपए के अनुवर्ती सार्वजनिक पेशकश (एफपीओ) के वापस ले लिया गया था। बैंकिंग सूत्रों ने कहा कि बड़े ऋण संबंधी आंकड़ों की जानकारी के तहत आरबीआई नियमित रूप से बैंकों के बड़े कॉरपोरेट उधारकर्ताओं का ब्योरा लेता है। कई बार बैंक गिरवी रखी गई प्रतिभूतियों के बदले उधार देते हैं और अडाणी समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों के इक्विटी शेयरों की कीमत में भारी गिरावट के चलते गिरवी रखी गई प्रतिभूतियों की कीमत भी घट सकती है।

किसलिए मच रहा हंगामा

अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आई। हालिया रिपोर्ट के बाद भूचाल मचा हुआ है। अडाणी समूह पर हिंडनबर्ग रिसर्च ने शेयर में हेरफेर और धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट आने के बाद अदाणी समूह के शेयरों में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। उधर, अदाणी समूह ने रिपोर्ट के बाद 413 पन्नों में अपनी प्रतिक्रिया दी थी। इसके बाद अडाणी समूह ने एफपीओ रद्द कर दिया।

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