-भाजपा सांसद बोले- ब्रिटिश एजेंसी को पैसे की जरूरत
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री को लेकर मचे बवाल के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने आरोप लगाया है कि चीन बीबीसी के प्रोपेगंडा की फंडिंग कर रहा है। भाजपा ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीबीसी को “बेहद” पैसों की जरूरत है और वह इसे चीन की कंपनी हुआवेई से ले रहा है। राज्यसभा सांसद का यह दावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर चल रहे विवाद के बीच आया है। महेश जेठमलानी ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कहा, “बीबीसी इतना भारत विरोधी क्यों है? क्योंकि इसे पैसों की बेहद जरूरत है और यह इसे चीन सरकार से जुड़े हुवाई से ले रही है।” उन्होंने कहा कि बीबीसी चीन के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए पैसे ले रही है। यह सीधे-सीधे एक कैश-फॉर-प्रोपेगैंडा डील है। बीबीसी बिकाऊ है।
अपने ट्वीट में कथित सबूत के तौर पर एक लिंक शेयर करते हुए उन्होंने कांग्रेस नेता जयराम रमेश को बीबीसी एक साथी कॉमरेड बताया। भाजपा सांसद ने अगस्त, 2022 में यूके की पत्रिका द स्पेक्टेटर में प्रकाशित एक स्टोरी का लिंक शेयर किया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि बीबीसी हुवाई से पैसे ले रही थी।
इससे पहले बीजेपी सांसद महेश जेठमलानी ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश और चीनी कंपनी हुवाई के बीच साठगांठ होने का आरोप लगाया था। जेठमलानी ने अपने इस दावे के समर्थन में जयराम रमेश की किताब के अंश का हवाला दिया और चीन तथा चीनी दूरसंचार कंपनी के साथ अपने संबंधों का खुलासा करने को कहा था। जेठमलानी ने पिछले मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि ‘वर्ष 2005 से जयराम रमेश भारत में चीनी टेलीकॉम कंपनी हुवाई की गतिविधियों के लिए पैरवी कर रहे हैं। जबकि हुवाई को सुरक्षा खतरे के मद्देनजर कई देशों में प्रतिबंधित कर दिया गया है।’
अगले सप्ताह सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
उच्चतम न्यायालय 2002 के गुजरात दंगों पर आधारित बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अगले सप्ताह सोमवार को सुनवाई करेगा। वहीं विधि मंत्री किरेन रिजिजू ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने वाले लोगों पर निशाना साधते हुए कहा कि इस तरह वे सर्वोच्च अदालत का कीमती वक्त ‘‘बर्बाद’’ करते हैं।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की पीठ ने वकील एम एल शर्मा और वरिष्ठ वकील सी यू सिंह की दलीलों पर गौर किया। दोनों वकीलों ने इस मुद्दे पर अपनी अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था। पीठ ने कहा, ‘‘इस पर छह फरवरी (सोमवार) को सुनवाई की जाएगी।’’
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