—10 महीने पहले किया था हमला, पुलिसकर्मियों को बनाया था निशाना
—लैपटॉप से गोरखनाथ मंदिर का मिला था नक्शा
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इंट्रो
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर के हमले मामले में दोषी करार दिए गए अहमद मुर्तजा को फांसी की सजा सुनाई गई। सोमवार को मामले में एटीएस-एनआईए कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है।
गोरखपुर। बीते दिनों कोर्ट की ओर से मुर्तजा यूएपीए, देश के खिलाफ जंग छेड़ने और जानलेवा हमले के आरोप में दोषी करार दिया गया था। सोमवार को मुर्तजा को सुनवाई के लिए कोर्ट में पेश किया गया था। एटीएस-एएनआई की कोर्ट ने मुर्तजा को फांसी की सजा सुनाई है। मुर्तजा ने गोरखनाथ मंदिर में घुसकर सुरक्षाकर्मियों पर जानलेवा हमला किया था। 4 अप्रैल को गोरखनाथ चौकी के मुख्य कॉन्स्टेबल विनय कुमार मिश्रा ने मुर्तजा के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई थी। वह मंदिर के गेट नंबर एक के सुरक्षा प्रभारी थे। मुर्तजा ने पीएसी के सिपाही अनिल कुमार पासवान पर हमला कर उनसे हथियार छीनने की कोशिश की थी। अन्य सुरक्षाकर्मी बचाव में आए तो मुर्तजा ने उन पर भी हमला कर दिया। इसके बाद वह हथियार लहराते हुए धार्मिक नारे लगाने लगा था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जांच में उसके पास से हथियार, लैपटॉ और उर्दू में लिखी सामग्री बरामद की गई थी। मामले में डिप्टी एसपी संजय वर्मा ने चार्जशीट दाखिल की थी। एटीएस ने इस मामले में अहमद मुर्तजा को 25 अप्रैल 2022 को विशेष अदालत में पेश किया था और पुलिस कस्टडी लेकर रिमांड भी हासिल की थी। सरकार के खर्च पर मुर्तजा के लिए वकील किया गया था।
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27 गवाहों की पेशी के बाद फैसला
27 गवाहों की पेशी के बाद एटीएस-एनआईए कोर्ट इस नतीजे पर पहुंची। सोमवार को दोषी मुर्तजा को फांसी की सजा का ऐलान कर दिया। इससे पहले शनिवार को एनआईए-एटीएस की कोर्ट ने अहमद मुर्तजा को दोषी करार दिया था।
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आईएसआईएस कनेक्शन भी
अहमद मुर्तजा से जांच पड़ताल में एजेंसियों को कई अहम सुराग मिले। खुलासा हुआ कि मुर्तजा आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) के संपर्क में था। उसने विदेशी सिम कार्ड भी खरीदा था। इसके जरिए वह इस खतरनाक आतंकी संगठनों के संपर्क में आया था। उसने नेपाल के रास्ते लाखों रुपया सीरिया भेजा था। मुर्तजा मुंबई में बीटेक की पढ़ाई के दौरान ही आतंकी संगठनों के संपर्क में आ गया था।
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खाते में मिले थे 20 लाख रुपए
आतंकी मुर्तजा के बैंक खातों की करीब 20 लाख रुपए मिले थे, वहीं कछ खाते निष्क्रिय पाए गए। मुर्तजा के संपर्क के मामले में पुलिस ने सहारनपुर, सिद्धार्थनगर सहित कई अन्य जगहों पर छापेमारी भी की थी। इस दौरान उसके खिलाफ कई अहम सुराग मिले थे।
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इधर, शिष्या से रेप केस में आसाराम दोषी, कल सजा
दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे संत आसाराम बापू को गांधीनगर की अदालत से भी बड़ा झटका लगा है। गांधीनगर की अदालत ने महिला शिष्या से दुष्कर्म मामले में आसाराम बापू को दोषी करार दिया है। ये मामला 2013 में दर्ज किया गया था। सत्र अदालत के न्यायाधीश डीके सोनी ने सजा को लेकर अपना आदेश मंगलवार (31 जनवरी) के लिए सुरक्षित रख लिया। इस मामले में सुनवाई के दौरान अदालत ने सबूतों के अभाव में आसाराम की पत्नी समेत छह अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है। दरअसल,सूरत की एक महिला ने अक्टूबर 2013 में आसाराम बापू और सात अन्य लोगों के खिलाफ बलात्कार और अवैध रूप से बंधक बनाने का मामला दर्ज कराया था। आरोपियों में से एक की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में जुलाई 2014 में चार्जशीट दायर की थी। अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, आसाराम बापू ने 2001 से 2006 के बीच पीड़िता महिला से कथित तौर पर कई बार दुष्कर्म किया था। जब उसके साथ यह हो रहा था तब वह शहर के बाहरी इलाके में स्थित अपने आश्रम में रह रही थी।
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