क्षेत्रीय भाषाओं ने जल्द पढ़ सकेंगे सुप्रीम कोर्ट के फैसले

–सीजेआई ने दी खुशखबरी, पीएम मोदी ने की तारीफ

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट जल्द ही अपने जजमेंट की कॉपी क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहा है। इस संबंध में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में जानकारी दी है। उनके इस फैसले का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वागत किया है। पीएम मोदी ने रविवार को सीजेआई के भाषण का एक वीडियो ट्वीट किया और कहा- ये एक प्रशंसनीय सोच है और इससे खासकर युवाओं को मदद मिलेगी। पीएम मोदी ने ट्वीट किया- हाल ही में एक समारोह में सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने क्षेत्रीय भाषाओं में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को उपलब्ध कराने की दिशा में काम करने की बात कही है। उन्होंने इसके लिए तकनीक के उपयोग का भी सुझाव दिया है। यह एक प्रशंसनीय सोच है, जिससे कई लोगों, खासकर युवाओं की मदद मिलेगी।

सांस्कृतिक जीवंतता को बढ़ाती हैं भाषाएं

पीएम मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा- भारत में कई भाषाएं हैं, जो हमारी सांस्कृतिक जीवंतता को बढ़ाती हैं। केंद्र सरकार भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रयास कर रही है। इसमें इंजीनियरिंग और चिकित्सा जैसे विषयों को अपनी मातृभाषा में पढ़ने का विकल्प शामिल है।

क्षेत्रीय भाषाओं में ट्रांसलेट

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने मुंबई में बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि हमारा अगला लक्ष्य है कि सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट की कॉपी को भारत की प्रत्येक क्षेत्रीय भाषाओं में ट्रांसलेट करके दिया जाए। इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग करने का संकेत दिया है। उन्होंने इस काम में टेक्नोलॉजी की मदद लेने की बात कही है। इससे पहले सितंबर 2022 में सीजेआई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट ने अपनी संविधान पीठ की सुनवाई को लाइव-स्ट्रीम करना शुरू किया था। सीजेआई चंद्रचूड़ ने लाइव-स्ट्रीमिंग के फायदे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा- कानून के शिक्षक और छात्र अदालत के समक्ष लाइव मुद्दों को देख और चर्चा कर सकते हैं। तब आपको एहसास होता है कि जब आप लाइव मुद्दों पर चर्चा करते हैं।सीजेआई ने कहा- हमारे पास लाइव स्ट्रीमिंग होनी चाहिए। टेक्नोलॉजी के महत्व पर जोर देते हुए सीजेआई ने कहा कि हमारा मिशन उन लोगों तक पहुंचना है जिनके पास पहुंच नहीं है। पहुंच में और अंतर पैदा नहीं करना है। विचार वकीलों को मुफ्त में जानकारी उपलब्ध कराने का है, लेकिन तब अंग्रेजी की बारीकियां ग्रामीण वकीलों की मदद नहीं करेंगी, इसलिए विचार सभी के लिए जानकारी को सुलभ बनाना है।

बार के न्यूज-व्यूज चैनल की शुरुआत

सीजेआई चंद्रचूड़ ने बीसीएमजी के न्यूज-व्यूज चैनल की भी शुरुआत की। न्यूज-व्यूज देश का पहला बार काउंसिल न्यूज चैनल है। उन्होंने युवा वकीलों के लिए बीसीएमजी की तरफ से तैयार सिविल और क्रिमिनल प्रैक्टिस हैंडबुक का भी विमोचन किया। 50 हजार युवा वकीलों को इस हैंडबुक की कॉपी फ्री में उपलब्ध कराई जाएगी।

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