—-पहली बार टूटी परंपरा, दिल्ली के बाहर बेंगलुरु में आर्मी-डे-परेड, जवानों में दिखा गजब का साहस
–1949 में शुरू हुआ था समारोह, दक्षिणी कमान क्षेत्र में मनाया गया 75वां आर्मी डे परेड
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बेंगलुरु। रविवार 15 जनवरी को आर्मी डे मनाया गया। इस मौके पर दिल्ली में होने वाली सेना दिवस परेड पहली बार राष्ट्रीय राजधानी से बाहर हुई। इस साल बेंगलुरु के एमईजी एंड सेंटर के परेड ग्राउंड में सेना दिवस परेड का आयोजन किया गया। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे बेंगलुरु के गोविंदस्वामी परेड ग्राउंड में आर्मी डे-2023 कार्यक्रम में शामिल हुए। थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने रविवार को कहा कि भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर एक मजबूत रक्षात्मक रुख अपनाए हुए है। वह हर प्रकार की आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। थलसेना प्रमुख ने पश्चिमी सीमा पर स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम जारी है। इसके उल्लंघन के मामलों में कमी आई है, लेकिन सीमा के दूसरी तरफ आतंकवादी ढांचा बरकरार है। उन्होंने कहा, आतंकवाद से निपटने का हमारा तंत्र घुसपैठ की कोशिशें नाकाम कर रहा है।
जनरल पांडे ने ‘सेना दिवस’ समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तरी सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति है। स्थापित प्रोटोकॉल एवं मौजूदा तंत्र के माध्यम से शांति बनाए रखने के लिए कदम उठाए गए हैं। जनरल पांडे ने जम्मू और पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन के जरिए हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी की कोशिशों का जिक्र करते हुए कहा कि इनसे निपटने के लिए ड्रोन जैमर का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा भारतीय सेना ओर अन्य सुरक्षा बल इन कोशिशों को नाकाम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
जनरल पांडे ने कहा, हमारा ध्यान सद्भावना पैदा करने और विकासात्मक परियोजनाओं को पूरा करने पर भी केंद्रित है, जिनके माध्यम से हम स्थानीय आबादी को मुख्यधारा में ला सकते हैं। इसके तहत प्रभावशाली युवाओं को उनकी पसंद के पेशेवर क्षेत्रों और खेलों में अपने सपनों को पूरा करने के अवसर दिए जा रहे हैं। उन्होंने पूर्वोत्तर में सुरक्षा स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि स्थिति में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि सेना ने हिंसा को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और कई उग्रवादी समूहों ने सरकार के साथ शांति समझौता कर लिया है या इस दिशा में बातचीत चल रही है।
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अब तक दिल्ली में होता रहा आयोजन
75वां सेना दिवस अपनी तरह का पहला आयोजन होगा, जो 1949 में समारोह शुरू होने के बाद से दिल्ली के बाहर हो रहा है। इस बार सेना दिवस परेड का आयोजन दक्षिणी कमान क्षेत्र में हो रहा है।
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सेना से जोड़ने का दिया अवसर
बेंगलुरु में सेना प्रमुख जनरल एम पांडे ने कहा कि पहली बार आर्मी-डे परेड और इससे जुड़े अन्य कार्यक्रम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बाहर आयोजित किए जा रहे हैं। इसने सेना को लोगों से जुड़ने का एक सुनहरा अवसर दिया है। मुझे विश्वास है कि इससे हमारे संबंध और भी मजबूत होंगे। थलसेना प्रमुख ने कहा कि इन क्षेत्रों के विकास में तेजी आई है और सेना दूरदराज के इलाकों में लोगों को सशक्त एवं समृद्ध बनाने में मदद करने के अपने प्रयासों को जारी रखेगी।
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