भीम, रुपे से खर्च पर मिलेगा कैशबैक, 2600 करोड़ रुपए की स्कीम मंजूर

-केंद्र सरकार ने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने उठाया कदम

  • पीएम मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने लिया फैसला

नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को रुपे डेबिट कार्ड और भीम-यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के जरिये कम राशि के लेन-देन को बढ़ावा देने के लिये 2,600 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने यह फैसला किया। योजना के तहत, बैंकों को चालू वित्त वर्ष में रुपे और यूपीआई का उपयोग करके ‘पॉइंट ऑफ सेल’ (पीओएस) यानी दुकानों पर लगी भुगतान मशीन और ई-कॉमर्स लेनदेन को बढ़ावा देने के लिये वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा। मोदी ने इस बारे में ट्विटर पर लिखा है, ‘‘मंत्रिमंडल के रुपे डेबिट कार्ड और भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के संबंध में आज के फैसले से डिजिटल भुगतान में भारत की प्रगति और मजबूत होगी।” इससे मजबूत डिजिटल भुगतान परिवेश तैयार करने में मदद मिलेगी। योजना के तहत कम खर्च वाला और उपयोग के लिहाज से सरल यूपीआई लाइट और यूपीआई 123 पे को भी बढ़ावा दिया जाएगा। सिर्फ दिसंबर महीने में ही यूपीआई के जरिये 12.82 लाख करोड़ रुपये मूल्य के रिकॉर्ड 782.9 करोड़ डिजिटल लेन-देन हुए। बयान के अनुसार, ‘‘रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेन-देन (लोगों और कारोबारियों के बीच) को बढ़ावा देने के लिये 2,600 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी गयी है।” मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी देते हुए केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि इससे डिजिटल भुगतान व्यवस्था को एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम), असंगठित क्षेत्र और किसानों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।

केंद्रीय मंत्रिमंडल की तीन नई सहकारी समितियों के गठन को हरी झंडी

सरकार ने जैविक उत्पाद, बीज और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए तीन नई सहकारी समितियों के गठन का फैसला किया है। बहुराज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 के अन्तर्गत राष्ट्रीय स्तर की सहकारी जैविक समिति, सहकारी बीज समिति एवं सहकारी निर्यात समिति का पंजीकरण किया जायेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘सहकारिता क्षेत्र एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनाने और ग्रामीण विकास को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस संदर्भ में, मंत्रिमंडल ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जो ‘सहकार से समृद्धि’ के हमारे दृष्टिकोण को आगे बढ़ाएगा।” मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय श्रम एवं रोजगार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि सहकारिता- ग्रामीण भारत का अहम हिस्सा है और मंत्रिमंडल ने 35 साल बाद तीन नई बहु सहकारी समितियां गठित करने का अहम फैसला लिया है। बहु-राज्यीय सहकारिता समिति कानून 1984 में लागू किया गया था।

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