लड़कियों के घर लौटने की गारंटी नहीं हिंदुओं के साथ कदम-कदम पर अत्याचार

-टूरिस्ट वीजा पर भारत आए 41 हिंदू ने बताया दर्द, नहीं लौटना चाहते पाकिस्तान

-पड़ोसी देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ हो रहा अमानवीय अत्याचार

  • पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आए हैं ये परिवार, हिंदुस्तान में ही चाहते हैं रहना

(फोटो : परिवार)

जयपुर। राजस्थान में पाकिस्तान के सिंध प्रांत से 41 हिंदू भारत आए हैं। आए तो हैं टूरिस्ट वीजा पर, लेकिन अब लौटना नहीं चाहते। उनका कहना है कि पाकिस्तान में न तो उनका धर्म सुरक्षित है और न ही बेटियां। अब भारत सरकार से नागरिकता और रोजगार की मांग कर रहे हैं। ताकि वह बिना किसी डर के जीवनयापन कर सके। जो हिंदू आए हैं, उनमें से ज्यादातर सिंध प्रांत के हैं। पाकिस्तान के सक्खर और हैदराबाद जिलों से हैं।

लड़कियों के घर लौटने की गारंटी नहीं

सक्खर जिले से आए ईश्वर लाल ने बताया कि वहां कुछ भी नहीं है। बच्चियों के लिए शिक्षा है ही नहीं। अगर कोई पढ़ने जाता है तो उसे कलमा पढ़ना पड़ता है। 15 साल की लड़की अगर घर से निकलती है तो उसके घर लौटने की कोई गारंटी नहीं होती। लड़के भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्हें मार दिया जाता है, हिंदुओं के साथ बुरा व्यवहार होता है। पुलिस-प्रशासन भी सुनवाई नहीं करता।

नाई नहीं काटते बाल-दाढ़ी

ईश्वर मिट्टी का काम करते हैं और गंगा का मार्ग बनाने में भागीरथ के लिए भी काम इनके ही पूर्वजों ने किया था। वे बताते हैं, मुस्लिमों को सब छूट है, लेकिन हमारे साथ भेदभाव होता है। मुस्लिमों को वहां सब छूट है। हमारे लिए पानी के बर्तन नहीं होते। हाथ से पानी पीना पड़ता है। चाय के बर्तन अलग होते हैं। नाई भी हमारे बाल-दाढ़ी नहीं काटता। वहां हमें प्लॉट खरीदने की इजाजत है, पर कोई कब्जा कर लेता है। हम कुछ नहीं कर पाते।

स्कूल टॉयलेट केवल हिंदुओं से साफ कराते

अभी भारत आए ज्यादातर लोग सिंधी बोलते हैं। एक और पाकिस्तानी रायचंद ने बताया कि बड़ी मुश्किल से इज्जत बचाकर आए हैं। 16 साल का प्रकाश कहता है कि धर्म के नाम पर गाली-गलौज होती है। मारते हैं। स्कूल में टीचर कहता था कि मुसलमान नहीं बने तो पिटाई होगी। स्कूल में टॉयलेट सिर्फ हिंदुओं से साफ कराते थे। गंदे कपड़े साफ करवाते थे।

महिलाओं की स्थिति और भी बदतर

इन 41 हिंदुओं में कई महिलाएं और बच्चियां हैं। राजपूत समाज से ताल्लुक रखने वाली अमीरा ने कहा कि वहां मजदूरी सिर्फ हिंदू महिलाओं से कराते थे। बच्ची अगर बाहर जाएगी तो उठा ले जाएंगे। न पुलिस सुनती है और न ही कोर्ट।

निमितेकम सोसाइटी कर रही है मदद

इन 41 हिंदुओं को जयपुर की संस्था निमितेकम सोसाइटी मदद कर रही है। उनके रहने-खाने की व्यवस्था सोसाइटी ने ही की है। सोसाइटी के जय आहूजा ने बताया कि संस्था अब तक 12 हजार प्रवासियों की मदद की है। इनमें से पांच हजार को भारत की नागरिकता दिलवा चुके हैं।

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