—एनडीआरएफ की एक, एसडीआरएफ की चार टीम तैनात
–सीमा प्रबंधन सचिव, एनडीएमए सदस्य आज करेंगे दौरा
610 घरों में आईं बड़ी दरारें, लोगों में दहशत
60 परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में पहुंचाया गया
90 और परिवारों को जल्द से जल्द निकालना होगा
इंट्रो
उत्तराखंड के जोशीमठ को भूस्खलन और धंसाव क्षेत्र घोषित किया गया है। इस क्षेत्र को रहने के लिए असुरक्षित बताया गया है। दरकते शहर के क्षतिग्रस्त घरों में रह रहे 60 से अधिक परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में पहुंचाया गया है। 90 और परिवारों को निकाला जाएगा। इधर, इस मुद्दे पर रविवार को पीएमओ में हाईलेवल मीटिंग हुई।
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नई दिल्ली/चमोली। उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना के बाद से केंद्र सरकार भी लगातार इस मामले में राज्य सरकार के साथ संपर्क में है। रविवार को प्रधानमंत्री कार्यालय ने जोशीमठ को लेकर एक बेहद ही बैठक की। इस बैठक में जमीन धंसने की घटने से उपजे संकट और इससे निपटने के उपाय समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में मौजूद अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय एजेंसियां, विशेषज्ञ लघु, मध्यम और दीर्घकालिक योजनाएं तैयार करने में उत्तराखंड सरकार की सहायता कर रहे हैं। जोशीमठ में एनडीआरएफ की एक, एसडीआरएफ की चार टीम तैनात की गई हैं। इसके अलावा सीमा प्रबंधन सचिव, एनडीएमए सदस्य स्थिति का आकलन करने के लिए सोमवार को उत्तराखंड का दौरा करेंगे। इस उच्च स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा ने कैबिनेट सचिव और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ जोशीमठ के हालात को लेकर एक समीक्षा बैठक की। इस बैठक में जोशीमठ के जिला पदाधिकारी और उत्तराखंड के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंस के जरिए शामिल हुए।
इधर, जोशीमठ के आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि जोशीमठ को भूस्खलन-धंसाव क्षेत्र घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में कुल 4,500 इमारतें हैं। इनमें से 610 में बड़ी दरारें आ गई हैं, जिससे वे रहने लायक नहीं रह गई हैं। उन्होंने कहा कि एक सर्वेक्षण चल रहा है और प्रभावित इमारतों की संख्या बढ़ सकती है।
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पीएम ने धामी से की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जोशीमठ में जमीन धंसने को लेकर बातचीत की। पीएम ने मुख्यमंत्री को इस घटना के मद्देनजर राज्य को केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया था। उत्तराखंड के सीएम धामी ने बताया कि पीएम मोदी ने मुझसे टेलीफोन पर बातचीत कर जोशीमठ की स्थिति और लोगों के पुनर्वास व सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों के बारे में पूछा।
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घर-दफ्तर, स्कूलों में दरारें
सीएम धामी ने बताया कि जोशीमठ की स्थिति का विश्लेषण किया जा रहा है। जोशीमठ में हालात काफी खराब हैं। यहां कई घरों, सरकारी कार्यालयों, स्कूलों में दरारें पड़ गई हैं। कुछ दरारें हर दिन गहरी भी हो रही हैं। लोग यहां भय की वजह से पलायन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद मौजूदा हालात का जायजा लेते भी नजर आए।
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एक्सपर्ट व्यू
बाईपास बनाने ब्लास्ट से आई दरारें
पर्यावरणविद रवि चोपड़ा ने घटना की वजह को बताया है। पर्यावरणविद के मुताबिक इस तरह की घटना से बचने के लिए लोगों को सुरक्षित रखने के लिए पहाड़ के नीचे कोई ब्लास्टिंग या कार्य नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाईपास बनाने के लिए ब्लास्ट किए गए है जो गलत था। रवि चोपड़ा ने कहा कि हमारी कमेटी की सिफारिशों पर विचार होना चाहिए।
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