भारतवंशियों के लिए विदेशों में सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने में जुटी सरकार

  • प्रवासी भारतीय दिवस का आगाज करते हुए केंद्रीय मंत्री जयशंकर ने कहा
  • सम्मेलन में बोले- पासपोर्ट का रंग कोई भी हो हमारा खून एक,

इंदौर में ‘वैष्णव जन तो तेने कहिए…’ से हुआ सम्मेलन का आगाज

(फोटो : प्रवासी भारतीय सम्मेलन)

इंदौर। प्रवासी भारतीय सम्मेलन के 17वें साल के सम्मेलन की मेजबानी इस साल मध्य प्रदेश में इंदौर को मिला है। ये सम्मेलन 8 जनवरी से 10 जनवरी तक चलेगा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को इंदौर में 17वें युवा प्रवासी भारतीय दिवस का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार अलग-अलग देशों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने के प्रयास में जुटी है कि भारतवंशी युवाओं को विदेशों में और सुरक्षित एवं भेदभावरहित माहौल मिले तथा उनके लिए बेहतर कार्यस्थल विकसित हों। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस दिशा में मेहनत कर रहे हैं कि विदेशों में भारतवंशी युवाओं के लिए बेहतर कार्यस्थल विकसित हों, उन्हें यात्रा का और सुरक्षित अनुभव मिले तथा उनके साथ भेदभावरहित व्यवहार सुनिश्चित हो।” इस दौरान शंकर ने कहा, पासपोर्ट का रंग कोई भी हो हमारा खून एक है।

देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन की शुरुआत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रिय भजन वैष्णव जन तो तेने कहिये… से हुई है। विशेष यह कि जी-20 समूह के 20 देशों के कलाकारों द्वारा यह भजन अपनी-अपनी भाषा में प्रस्तुत किया गया। देश के युवा और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने युवा प्रवासियों का स्वागत करते हुए कहा कि पासपोर्ट का रंग कोई भी हो हमारा खून एक ही है।

भारत में दुनिया के सबसे बड़े प्रवासी

इस दौरान एस जयशंकर ने बताया कि भारत में दुनिया के सबसे बड़े प्रवासी हैं। एस जयशंकर ने आगे कहा कि यह एक ऐसा समय है जहां हम अपनी संभावनाओं के बारे में सबसे ज्यादा आश्वस्त हैं हम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को जोड़ना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि कोविड महामारी के दौरान केंद्र सरकार के प्रयासों के बारे में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भारत सरकार और प्रवासियों के बीच संबंध बहुत स्पष्ट थे।

दुनिया के हित में काम करें : ठाकुर

युवा प्रवासी भारतीय दिवस समारोह को युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ऑस्ट्रेलिया की सांसद जेनेटा मैस्करेनहास ने भी संबोधित किया। केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने प्रवासी भारतीय समुदाय से अपील की कि वह आकांक्षाओं से भरे भारत से तकनीक के माध्यम से जुड़े और देश के सशक्त मानव संसाधन को भुनाते हुए समूची दुनिया के हित में काम करे। ठाकुर ने इंदौर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान संवाददाताओं से कहा,‘‘प्रवासी भारतीय समुदाय से हमारा अनुरोध है कि वह तकनीक के जरिये हमसे जुड़े और न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के हित में मिलकर काम करे। आपके पास संसाधन हैं और हमारे पास मानव संसाधन हैं।” उन्होंने कहा कि सरकार प्रवासी भारतीय समुदाय को विदेश से देश में धन भेजने के संदर्भ में नहीं देखती, बल्कि उनके साथ भागीदारी चाहती है।

2000 में शुरुआत

आपको बता दें कि साल 2000 में बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर की ओर से प्रवासी भारतीय सम्मेलन की शुरुआत की थी। विजयवर्गीय ने इस सम्मेलन को इंदौर की मदद के लिए विदेशों में रह रहे भारतीयों से आर्थिक मदद मांगने के लिए शुरू किया था। उस समय नगर निगम ने इसकी बड़े पैमाने पर तैयारी की थी। बाद में केंद्र सरकार ने भी प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की तैयारी की।

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