केंद्र व राज्य के कर्मचारियों पर लागू होगा नया नियम
- नोडल अधिकारी के जरिये होगी यह निकासी
- पीएफआरडीए ने लॉकडाउन में दी थी नियमों में छूट
(फोटो : एनपीएस)
नई दिल्ली। राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के उपभोक्ता एक जनवरी, 2023 से आंशिक निकासी के लिए आवेदन कर सकेंगे। हालांकि, यह निकासी स्व-घोषणा से नहीं बल्कि संबंधित नोडल अधिकारी के जरिये होगी। यह नियम केंद्र, राज्य और स्वायत्त निकायों के कर्मचारियों पर लागू होगा। पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने कोरोना महामारी के दौरान मानदंडों में ढील देकर स्व-घोषणा के जरिये एनपीएस के तहत निकासी की सुविधा दी थी। पीएफआरडीए ने एक सर्कुलर में कहा, कोरोना महामारी से संबंधित नियमों को खत्म करने और लॉकडाउन के नियमों में छूट देने के साथ यह तय किया गया है कि सभी सरकारी क्षेत्र के सब्सक्राइबर्स को एनपीएस से आंशिक निकासी से जुड़े अनुरोध को संबंधित नोडल ऑफिस में जमा करना होगा।
पीएफआरडीए की सिफारिश
देश में 90 फीसदी कामगारों को पेंशन के दायरे में लाने पीएफआरडीए की सिफारिश ब्रिटेन की पेंशन प्रणाली की तर्ज पर है। वहां हर नियोक्ता के लिए यह अनिवार्य है कि उसके कर्मचारियों को पेंशन योजना में शामिल किया जाए और वह योगदान भी दे, भले ही उसके यहां एक ही कर्मचारी क्यों न हो। भारत में अभी केवल 20 से अधिक श्रमिकों वाली कंपनियां ही एनपीएस में शामिल होती हैं। पीएफआरडीए के चेयरमैन सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने कहा, असंगठित क्षेत्र का एक विशाल बेरोजगार क्षेत्र किसी भी पेंशन योजना के अंतर्गत नहीं आता है। एनपीएस योजना को आकर्षक बनाने के लिए नियामक ने सरकार को इसके सदस्यों के लिए वार्षिक कर छूट को दोगुना कर 100,000 रुपये करने का भी सुझाव दिया है।
ग्रीन बॉन्ड में दिलचस्पी
भारत इस वित्त वर्ष में पहली बार सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी कर 160 अरब रुपये जुटाने की योजना बना रहा है। बंद्योपाध्याय ने कहा कि पीएफआरडीए और उसके दस पेंशन फंड मैनेजर इन ग्रीन बॉन्ड में निवेश करने के इच्छुक हैं। मुझे विश्वास है कि जब दिशानिर्देश सामने आएंगे तो बहुत सारे फंड मैनेजर इसमें आएंगे।
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