—-भारतीय कंपनी पर आरोप
नई दिल्ली। गाम्बिया में कफ सिरप पीने से 66 बच्चों की मौत बाद अब उज्बेकिस्तान में कुछ इसी तरह का मामला सामने आया है। उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि एक भारतीय दवा कंपनी द्वारा निर्मित दवाओं का सेवन करने के बाद देश में 18 बच्चों की मौत हो गई है। मंत्रालय ने कहा है कि मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड को 2012 में उज्बेकिस्तान में रजिस्टर्ड किया गया था। उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मरने वाले बच्चों ने नोएडा स्थित मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित डॉक-1 मैक्स सिरप का सेवन किया था। मंत्रालय ने कहा कि अब तक सांस की गंभीर बीमारी वाले 21 में से 18 बच्चों की मौत डॉक्टर-1 मैक्स सिरप लेने के कारण हुई है। मंत्रालय ने आगे कहा है, यह पाया गया है कि जिन बच्चों की मौत हुई है उन्हें अस्पताल में भर्ती होने से पहले इस दवा को 2-7 दिनों तक 3-4 बार दिया गया था। इसके साथ-साथ कंपनी ने दवा के लिए जो मानक निर्धारित किए हैं वो निर्धारित मानक खुराक से अधिक है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने बयान में यह भी कहा है कि चूंकि दवा का मेन कम्पोनेंट पैरासिटामोल है जिसे बच्चों के माता-पिता ने गलत तरीके से अपने दम पर या फिर फार्मेसी विक्रेताओं की सिफारिश पर एंटी कोल्ड के रूप में इस्तेमाल किया। स्थिति बिगड़ने की सबसे प्रमुख वजह यही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि सिरप को लेकर शुरुआती लैब जांच में पता चला है कि इसमें एलिथीन ग्लाइकॉल होता है जो कि जहरीला पदार्थ होता है। यह स्वास्थ्य में गंभीर परिवर्तन ला सकता है जैसे कि उल्टी, बेहोशी, ऐंठन, हृदय संबंधी समस्याएं और किडनी फेल होने जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है।
सिरप की बिक्री पर रोक
इधर, उज्बेकिस्तान की सरकार ने कहा कि बच्चों की मौत के बाद मामले में कुल सात जिम्मदार कर्मचारियों को उनके कर्तव्यों के प्रति लापरवाह और असावधान होने के कारण बर्खास्त कर दिया गया है। इसके साथ-साथ कई विशेषज्ञों पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।
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