- सुप्रीम कोर्ट नए साल में सुनाएगा कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर फैसला
इंट्रो
2023 में सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले आने वाले हैं, जो पूरे देश की राजनीति को प्रभावित करेंगे। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव व 2023 में दस राज्यों में विधानसभा चुनावों पर भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर पड़ना तय है। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ फैसलों के बारे में…
- जम्मू-कश्मीर परिसीमन
जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद से वहां का माहौल ही पूरी तरह से बदल गया है। यहां सरकार ने परिसीमन के जरिये काफी कुछ बदलने की कोशिश की है। नए पैटर्न में जम्मू में 43 और घाटी में 47 सीटें हैं। POK को मिला दिया जाए तो सीटें 114 तक पहुंच जाती हैं। परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में फैसला लंबित है। कोर्ट ने इस पर 1 दिसंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब नए साल में कभी भी फैसला आ सकता है।
हिजाब मामला
2022 में हिजाब विवाद काफी सुर्खियों में रहा। कर्नाटक के उडुपी से शुरू हुआ विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। मुस्लिम समुदाय राज्य सरकार के उस फैसले को गलत मानता है जिसमें हिजाब को शिक्षण संस्थानों में गलत ठहराया गया। कर्नाटक हाईकोर्ट ने बीजेपी सरकार के फैसले को सही बताया, लेकिन अब फैसला सुप्रीम कोर्ट को करना है।
प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991
प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 पर सुप्रीम फैसला बेहद महत्वपूर्ण है। मथुरा, काशी पर विवाद लगातार चल रहा है। एक्ट में बदलाव पर अदालत के फैसले से देश में मंदिर-मस्जिद विवाद नए आयाम ले सकता है। 1991 के एक्ट से राम मंदिर को बाहर रखा गया था। राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट फैसला दे चुका है। लेकिन दक्षिण पंथी लोग काशी, मथुरा को लेकर कमर कस रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट का फैसला इस लिहाज से बेहद अहम है।
चुनाव आयोग में केंद्र की भूमिका पर होगा फैसला
डीवाई चंद्रचूड़ के सीजेआई बनने के बाद शीर्ष अदालत ने चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर कई सवाल उठाए। याचिका में मांग की गई है कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति उसी तरह से होनी चाहिए जैसे सीबीआई या दूसरे अहम पदों पर कमेटी के जरिये नियुक्ति होती है। अगर सुप्रीम फैसला केंद्र के मुताबिक न रहा तो 2024 में इसका काफी असर पड़ेगा।
मोदी की नोटबंदी सही या गलत, सुप्रीम कोर्ट बताएगा
मोदी सरकार का नोटबंदी का फैसला बहुत ज्यादा चर्चा में रहा। सही गलत को लेकर आज भी चर्चाएं जारी हैं। लेकिन अब ये मामला भी सुप्रीम कोर्ट के पास है। 2016 में हुई नोटबंदी को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 2023 में फैसला सुना सकता है। संविधान बेंच 7 दिसंबर को मामले की सुनवाई पूरी कर चुकी है।
कमजोर तबके को आरक्षण
कमजोर माली हालत वाले वर्ग को दाखिले और नौकरियों में 10 फीसदी का आरक्षण दिया जाना है। तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पटीशन दाखिल कर कहा है कि इस आधार पर जिन्हें रिजर्वेशन दिया जा रहा है, वो इसके सही हकदार नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट को द्रमुक की याचिका पर फैसला देना है। फैसला केंद्र के मुताबिक नहीं रहा तो इसका बहुत ज्यादा असर 2024 में देखने को मिल सकता है।
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