लोन घोटाले में वीडियोकॉन के संस्थापक धूत गिरफ्तार

—-आईसीआईसीआई बैंक ऋण मामला

–सीबीआई अदालत ने कोचर दंपती के साथ तीन दिन की रिमांड पर भेजा

इंट्रो

आईसीआईसीआई बैंक ऋण मामले में सीबीआई ने शिकंजा कसा है। सीबीआई ने वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था। सीबीआई की अदालत ने सोमवार को चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत को 28 दिसंबर तक सीबीआई हिरासत में भेज दिया।

नई दिल्ली। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने मुंबई में सुबह धूत (71) से थोड़ी देर पूछताछ करने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया। इससे कुछ घंटे पहले ही आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को विशेष अदालत में उनकी हिरासत संबंधी सुनवाई के लिए पेश किया था। उन्होंने बताया कि सीबीआई इन तीनों और अन्य संदिग्धों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने पर विचार कर रही है। कोचर दंपति की तीन दिन की हिरासत सोमवार को समाप्त हो रही है। उन्हें 23 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने चंदा कोचर और उनके पति दीपक को जांच में सहयोग नहीं करने और स्पष्ट जवाब न देने के आरोप में हिरासत में ले लिया था। चंदा कोचर ने अपने पति और धूत के बीच किसी भी तरह के आर्थिक लेन-देन की जानकारी होने से इनकार किया, जिसका एजेंसी ने 24 दिसंबर को मुंबई में सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष सुनवाई के दौरान दावा किया था। कोचर दंपति की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने हिरासत का विरोध करते हुए कहा, ऋण लेने वाले मुख्य कर्जदार को गिरफ्तार नहीं किया गया है और वर्तमान आरोपी किसी भी राशि के लाभार्थी नहीं थे। देसाई ने जुलाई 2021 में आईसीआईसीआई बैंक द्वारा सीबीआई को लिखे एक पत्र को भी अदालत के संज्ञान में रखा, जिसमें कहा गया था कि उसे उन गतिविधियों से कोई नुकसान नहीं हुआ है, जो सवालों के घेरे में है। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने कोचर दंपति और धूत के अलावा दीपक कोचर द्वारा संचालित नूपावर रिन्यूएबल्स (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड तथा वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भारतीय दंड संहिता की धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2019 के तहत दर्ज प्राथमिकी में आरोपी बनाया है।

क्या है आरोप

सीबीआई का आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई के दिशानिर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपए की ऋण सुविधाएं मंजूर की थीं। प्राथमिकी के अनुसार, इस मंजूरी के एवज में धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से नूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपए का निवेश किया। 2010 से 2012 के बीच हेरफेर करके पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को एसईपीएल स्थानांतरित की। पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट तथा एनआरएल का प्रबंधन दीपक कोचर के ही पास था।

वर्ष 2019 में दर्ज किया गया था मामला

सीबीआई ने वर्ष 2019 में दर्ज प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत बैंक लोन से जुड़े मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ व एमडी चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को अरोपी बनाया है। उनके अलावे इस मामले में दीपक कोचर के संचालन में चलने वाली न्यूपावर रिन्युएबल (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को आरोपी गया है।

चंदा, दीपक, धूत के साथ चार कंपनियों पर कार्रवाई

सीबीआई ने ने लोन फ्रॉड मामले में चंदा कोचर, दीपक कोचर और वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल धूत के साथ-साथ नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को आईपीसी की क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी, चीटिंग और करप्शन से जुड़ी धाराओं के तहत रजिस्टर्ड FIR में आरोपी बनाया था।

ऐसे हुआ घोटाला

2008 में वेणुगोपाल धूत और दीपक कोचर ने नूपावर नाम की कंपनी बनाई

2009 में वेणुगोपाल धूत ने दीपक कोचर को पूरी कंपनी का मालिक बना दिया

2010 में वेणुगोपाल धूत की कंपनी सुप्रीम एनर्जी ने नूपावर को 64 करोड़ का कर्ज दिया

धूत ने बैंक से 300 करोड़ का बैंक से कर्ज लिया, इसमें 64 करोड़ नूपावर को दिया

लोन के बदले सुप्रीम एनर्जी यानि वेणुगोपाल गोपाल के पास नूपावर की कमान आ गई

इसके बाद वेणुगोपाल धूत ने नूपावर कंपनी अपने पार्टनर महेशचंद्र पुगलिया को दे दी

2012 में वीडियोकॉन ने आईसीआईसी बैंक से 3250 करोड़ का लोन लिया

2013 में पुगलिया ने नूपावर कंपनी सिर्फ 9 लाख रुपए में दीपक कोचर को दे दी

‘धूत’ ने वीडियोकॉन को घर-घर पहुंचाया

बजाज स्कूटर की डीलरशिप रखने वाले परिवार से ताल्लुक रखने वाले वेणुगोपाल धूत ने कुछ दशकों में ही इलेक्ट्रॉनिक्स उपभोक्ता उत्पादों की श्रेणी में अपनी कंपनी वीडियोकॉन को घर-घर तक पहुंचा दिया था। लेकिन पिछले कुछ साल उनके लिए अच्छे नहीं रहे और वह लगातार आर्थिक मुश्किलों में घिरते चले गए। इस बीच आईसीआईसीआई बैंक से लिए गए कर्ज में शीर्ष स्तर पर हुई गड़बड़ियों के उजागर होने से उनकी स्थिति और बिगड़ी। वेणुगोपाल धूत ने अपना सफर छोटे कस्बे के एक कारोबारी के रूप में शुरू किया था। नंदलाल माधवलाल धूत के बड़े बेटे वेणुगोपाल ने अपनी कोशिशों से वीडियोकॉन ग्रुप का विस्तार घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के अलावा तेल एवं गैस, रियल एस्टेट और खुदरा कारोबार में भी किया। उनका जन्म महाराष्ट्र के अहमदनगर में एक कृषक परिवार में हुआ था। उनके पिता के पास रुई ओटने वाली एक मिल थी। वह अनाज का थोक कारोबार भी करते थे। लेकिन 1982 में देश में रंगीन टेलीविजन प्रसारण शुरू होने के साथ परिवार को एक नया कारोबारी अवसर नजर आया और उसने रंगीन टीवी सेट बनाने की सोची। पुणे विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले वेणुगोपाल ने टेलीविजन निर्माण की बारीकियां सीखने के लिए जापान का रुख किया। एक साल तक वहां पर इसका प्रशिक्षण लिया। वहां से लौटने के बाद 1986 में वेणुगोपाल ने वीडियोकॉन इंटरनेशनल की नींव रखी, जिसका इरादा हर साल एक लाख टीवी सेट बनाने का था। इसके लिए कंपनी ने जापानी कंपनी तोशिबा के साथ तकनीकी सहयोग करार भी किया था। वहां से शुरू हुआ सिलसिला लंबे समय तक जारी रहा। रंगीन टीवी सेट के मामले में अपनी पकड़ बनाने के बाद वीडियोकॉन ने फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एयर कंडीशनर और अन्य छोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के क्षेत्र में भी कदम रखा।

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