-28 जून को दुकान में घुसकर गला काटकर वीडियो किया था जारी आरोपियों ने
उदयपुर। 28 जून 2022 का दिन कोई नहीं भूल सकता, क्योंकि इस दिन उदयपुर में कन्हैयालाल की उनके ही दुकान में घुसकर गला काटकर हत्या की गई थी। इसके बाद आरोपी गोस मोहम्मद और रियाज अत्तारी ने हत्या का लाइव वीडियो वायरल कर देशभर में दहशत का माहौल बनाया था। इस मामले में जांच कर रही एनआईए (एनआईए) ने जयपुर विशेष एनआईए कोर्ट में 177 दिन बाद चार्जशीट पेश की है। इस मामले में कन्हैयालाल के बड़े बेटे, जो नगर विकास प्रन्यास में सहायक क्लर्क की पद पर लगे हुए हैं, उन्होंने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस मामले में लापरवाही की का आरोप लगाया है।
यश तेली ने मीडिया ने बातचीत करते हुए कहा, “आज भी 28 जून का दिन याद आता है तो नींद उड़ जाती है। पिता की इस तरफ से आतंकियों ने हत्या की थी। आतंकवाद इसी तरह विदेशों से फंडिंग प्राप्त कर देश में आए दिन वारदातों को अंजाम देते हैं। यह भी सुना है कि इन्हें 500 करोड़ रुपए से ज्यादा मिलते हैं, जिससे देश में दहशत का माहौल पैदा करते हैं। ” उन्होंने कहा, “इन्हें रोकना जरूरी है, एक मिसाल कायम करना जरूरी है, ताकि दोबारा ऐसा कोई करे तो सोचे कि उसका क्य हश्र होगा। ” उन्होंने कहा कि इन्हें जल्द फांसी होनी चाहिए। यश तेली ने कहा कि इन्हें सरे बाजार फांसी होनी चाहिए, ताकि इन आतंकियों को एक मैसेज जाए।
इतनी देरी क्यों कर रही सरकार?
यश ने आगे बताया कि घटना के बाद सभी ने आश्वाशन दिया था कि 3 माह के अंदर चालान पेश होगा और फास्ट ट्रैक से 6 माह में फैसला सामने आ जाएगा, लेकिन चालान ही 6 माह में पेश हुए है। समझ नहीं आ रहा है कि आखिर इतनी देरी क्यों? सब कुछ तो साफ है। ऐसे आरोपियों को लगता है कि कानून का सहारा लेकर बाहर आ जाएंगे, लेकिन जल्द से जल्द इन्हें फांसी पर लटकाकर मैसेज देना चाहिए।
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सीबीआई जांच : सुप्रीम कोर्ट जाएंगे अंकिता के पिता
देहरादून। अंकिता के पिता ने न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में सशक्त पैरवी के लिए अपना अधिवक्ता अजय पंत को नियुक्त किया है। अंकिता के पिता सीबीआई जांच की मांग को लेकर रद्द हुई याचिका से नाखुश दिखे। उनका कहना है कि वह अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे। अंकिता के पिता ने बताया अभियुक्तों द्वारा नार्को टेस्ट से मना करने पर वह न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में अपना अधिवक्ता नियुक्त करने जा रहे हैं। जिससे मामले की सही तरीके से पैरवी हो सके। बता दें, अंकिता हत्याकांड के तीनों आरोपियों ने नार्को टेस्ट से इनकार कर दिया है। पुलकित और सौरभ ने टेस्ट के लिए दिए गए सहमति पत्र वापस ले लिए हैं जबकि अंकित ने अपना असहमति पत्र भी वापस ले लिया है। अब तीनों आरोपी वकील के जरिये बताएंगे कि वे नार्को टेस्ट कराएंगे या नहीं।
बचाव पक्ष ने टेस्ट कराने की वजहों को भी स्पष्ट कराने की अपील अदालत से की है। अदालत ने इस पर सुनवाई के लिए तीन जनवरी की तारीख मुकर्रर की है। दरअसल, 12 दिसंबर को पुलकित और सौरभ ने नार्को टेस्ट के लिए जेलर के माध्यम से सहमति जता दी थी। लेकिन, अंकित ने 10 दिन का समय मांगा था। इस पर अदालत ने सुनवाई के लिए 22 दिसंबर का दिन तय किया था। सुनवाई से पहले ही इस मामले में नया मोड़ आ गया। बृहस्पतिवार को तीनों आरोपियों की ओर से अदालत में उनके अधिवक्ता अमित सजवाण प्रस्तुत हुए। वीडियो कांफ्रेंसिंग से आरोपियों की पेशी भी कराई गई। इस बीच तीसरे आरोपी अंकित ने नार्को टेस्ट के लिए असहमति जताई। वकील ने अदालत से कहा कि अन्य दो आरोपियों की सहमति बिना कानूनी सलाह के दी गई है। सजवाण ने इन सभी पत्रों को अदालत से वापस लेने की अपील की। कहा कि अब कानूनी सलाह के बाद ही सहमति या असहमति पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। उन्होंने पुलिस की इस मांग पर भी आपत्ति जताई। अदालत से कहा कि एसआईटी से यह कारण स्पष्ट कराया जाए कि नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट क्यों कराना चाहते हैं। पॉलीग्राफ टेस्ट की मांग की है या फिर नार्को की। या दोनों ही टेस्ट पुलिस कराना चाहती है।

