लागू आरक्षण नीति से ही बीएड, डीएलएड और बीएससी एग्रीकल्चर व हार्टीकल्चर की भी होगी काउंसिलिंग
‘लागू

हाईकोर्ट का बड़ा आदेश-

  • वर्तमान में लागू आरक्षण व्यवस्था के हिसाब से प्रक्रिया पूरी करने के आदेश
  • कालेज एसोसिएशन ने दायर की थी याचिका, फैसले से सैकड़ों छात्रों को राहत

बिलासपुर। बीएड, डीएलएड व बीएससी एग्रीकल्चर व हार्टीकल्चर की काउंसिलिंग भी अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद होगी। कालेज एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका के बाद पी सैम कोशी की सिंगल बेंच ने आदेश दिया है कि 31 दिसंबर से पहले हर हाल में काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी की जाए। सिंगल बेंच ने कहा है कि शासन स्तर पर आरक्षण के नियमों पर फैसला बाद में भी लिया जा सकता है लेकिन छात्रों का साल बरबाद नहीं होनी चाहिए। छत्तीसगढ़ में वर्तमान में लागू आरक्षण व्यवस्था के हिसाब से काउंसलिग की प्रक्रिया पूरी की जाए। फैसले के बाद सैकड़ों छात्रों में राहत है जो कि अपना साल बरबाद होने के लेकर चिंतित थे। ज्ञात हो कि इस साल बीएड की 14 हजार 400 सीटें, डीएलएड की 6710 सीटें और एग्री-हार्टीकल्चर की 2600 सीटों पर काउंसलिंग होनी है।

ज्ञात हो कि बीएड, डीएलएड की कालेजों में एससीईआरटी और बीएससी एग्रीकल्चर व हार्टीकल्चर की सीटों पर एडमिशन की प्रक्रिया इंदिरा गांधी कृषि विवि द्वारा पूरी की जाती है। प्रवेश परीक्षा के बाद अक्टूबर तक काउंसलिंग का पहला चरण तो पूरा हुआ लेकिन बाद में हाईकोर्ट के 50 प्रतिशत तक ही आरक्षण लागू किए जाने के आदेश के बाद इस पर रोक लग गई थी। रोक जारी थी और 31 दिसंबर के बाद जीरो ईयर की आशंका थी। काउंसलिंग की मांग को लेकर बीएड, डीएलएड कालेज एसोसिएशन ने अधिवक्ता क्षितिज शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की।


सत्र जीरो ईयर होने का हवाला

याचिका में कहा गया कि प्रदेश में आरक्षण पर पेंच दो महीने से फंसा है। इससे काउंसलिंग नहीं हो पा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने 31 दिसंबर तक की डेडलाइन जारी की है। इस तिथि से पहले यदि काउंसलिंग शुरू नहीं हो पाई तो सत्र जीरो ईयर घोषित हो जाएगा। इसके बाद कॉलेजों में प्रवेश बंद हो जाएंगे और फिर इसे अगले सत्र में ही इसे शुरू किया जा सकेगा। कोर्ट में यह भी कहा गया कि एक दिन पहले ही हाईकोर्ट की डबल बेंच ने डायरेक्टर तकनीकी शिक्षा को निर्देश जारी किया है कि 31 दिसंबर से पहले हर हाल में बी-फार्मेसी और डी-फार्मेसी की काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी की जाए। इसके परिपालन में बीएड, डीएलएड की कालेजों में एससीईआरटी और बीएससी एग्रीकल्चर व हार्टीकल्चर की सीटों पर काउंसलिंग हो सकती है। जस्टिस पी सैम कोशी की सिंगल बेंच ने याचिका स्वीकार करते हुुए निर्देश जारी किया है कि वर्तमान में प्रदेश में लागू आरक्षण व्यवस्था के हिसाब से काउंसलिंग की जाए।

मेडिकल की तरह दूसरे कोर्स में हो एडमिशन

बीएड, डीएलएड व बीएससी एग्रीकल्चर व हार्टीकल्चर की 7747 सीटों में अब तक दाखिले पूरे नहीं हुए हैं। जानकारों का भी मानना है कि जिस तरह से मेडिकल एजुकेशन में दाखिले हो रहे हैं उसी फार्मूले पर अन्य कोर्स में भी एडमिशन होने चाहिए। इसके लिए जल्द ही निर्देश जारी किए जाए ताकि छात्रों को नुकसान न हो। गौरतलब है कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट से स्टे नहीं मिल पाया है। दूसरी ओर काउंसलिंग लेने वाले जिम्मेदार भी सामान्य प्रशासन विभाग से निर्देश मिलने के बाद प्रक्रिया शुरु कराने की बात कह रहे हैं। इन सबके बीच छात्रों को प्रवेश नहींं मिलने का डर सता रहा है। छात्रों का कहना है, 31 दिसंबर तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं होगी शैक्षणिक सत्र प्रवेश प्रक्रिया बंद हो जाएगी। इसके बाद आदेश भी निकलेगा, तो उनका प्रवेश नहीं होगा और उन्हें एक साल तक इंतजार करना होगा।

फैक्ट फाइल

बीएड- 14400 सीटें

प्रवेश- 10666

खाली- 3734

डीएलएड 6710 सीटें

प्रवेश- 3302

खाली- 3408

एग्री-हार्टीकल्चर 2600 सीटें

प्रवेश- 1995

खाली- 605


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