–विश्व कप के महा-मुकाबले ने फैंस में भरा जोश, सड़कों पर उतरे लोग…
—पेरिस सहित कई शहरों में हिंसा, फैंस ने पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंके, आगजनी भी की
ब्यूनस आयर्स/पेरिस/नई दिल्ली। फीफा विश्व कप 2022 का फाइनल मुकाबला रोमांच से भरा रहा। दुनियाभर की निगाहें हर गोल पर टिकी रही। जैसे ही फाइनल मुकाबला पूरा हुआ। अर्जेंटीना की विश्वकप फाइनल में फ्रांस पर जीत के साथ ही पूरा देश जश्न में डूब गया तथा लोगों ने सड़कों पर उतर कर जमकर खुशियां मनाई। मैच में फ्रांस की टीम को हार का सामना करना पड़ा है। फ्रांस के फैंस टीम की इस हार को पचा नहीं पाए। फैंस हजारों की संख्या में सड़कों पर उतर आए और जमकर हिंसा की। इस दौरान उग्र फैंस ने पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंके और आतिशबाजी के जरिए भी पुलिसकर्मियों को परेशान किया। खिताबी मुकाबले में अर्जेंटीना ने पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से जीत दर्ज की। 2018 में चैंपियन बनने वाली फ्रांस की टीम के पास लगातार दूसरी बार विश्व कप जीतकर ब्राजील के रिकॉर्ड की बराबरी करने का मौका था, लेकिन फाइनल में यह टीम चूक गई।
अपनी राष्ट्रीय टीम की हार के बाद फ्रांस के फैंस हजारों की संख्या में सड़कों पर उतर आए और जमकर हिंसा की। इस दौरान उग्र फैंस ने पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंके और आतिशबाजी के जरिए भी पुलिसकर्मियों को परेशान किया। फ्रांस की राजधानी पेरिस सहित नाइस और ल्योन जैसे शहरों में जमकर हिंसा हुई। फ्रांस में हुई हिंसा के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इस वीडियो में फ्रांस की हार से नाराज फैंस की भीड़ को हिंसा करते दिखा जा सकता है। पुलिस ने सभी इलाकों में कानून व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश की, लेकिन नाराज फैंस ने पुलिसकर्मियों पर ही पत्थर फेंके और पुलिसवालों के ऊपर जलते हुए पटाखे भी फेंके। एक ट्वटर यूजर ने कहा कि फ्रांस में एक महिला दंगाइयों को भगाने की कोशिश कर रही थी और उस पर भी हमला कर दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने उग्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। फ्रांस की राजधानी में चैंप्स-एलिसीज पर फैंस और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प भी हुई। पुलिस ने भीड़ को काबू में करने के लिए पानी की बौछार का भी इस्तेमाल किया।
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14 हजार पुलिसकर्मी तैनात
विश्व कप फाइनल में अर्जेंटीना और फ्रांस के मुकाबले को ध्यान में रखते हुए भर में लगभग 14,000 पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया था। नाराज फैंस ने पुलिस पर झंडे, बोतलें और आतिशबाजी की। इसके बाद दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया गया।
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0 पहले भी हुए दंगे
फीफा विश्व कप के दौरान यूरोप में लगातार दंगे होते रहे हैं। इससे पहले 15 दिसंबर को, जब फ्रांस ने सेमीफाइनल में 2-0 की प्रभावी जीत के साथ विश्व कप में मोरक्को का सफर समाप्त कर दिया था, तो फ्रांस और बेल्जियम के कई शहरों में दंगे भड़क उठे थे। मोरक्को पर जीत के बाद फ्रांस में हिंसक झड़पों में एक 14 वर्षीय लड़के की मौत हो गई थी। मोरक्को की हार के बाद बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में पुलिस ने लगभग 100 लोगों को गिरफ्तार किया था।
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अर्जेंटीना में सड़कों पर उतरकर मनाई खुशियां
अर्जेंटीना की विश्वकप फाइनल में फ्रांस पर जीत के साथ ही पूरा देश जश्न में डूब गया। लोगों ने सड़कों पर उतर कर जमकर खुशियां मनाई। यह 1986 के बाद देश का पहला और कुल तीसरा खिताब है। अर्जेंटीना के कई शहरों में सार्वजनिक स्थलों पर बड़ी बड़ी स्क्रीन लगाई गई थी जहां पर लोगों ने फाइनल मैच देखा। अर्जेंटीना की जीत के साथ ही वे सभी जश्न में डूब गए। ऐसे ही एक स्थल पर मैच का आनंद लेने वाली 55 वर्षीय जोसेफिना विलाल्बा ने कहा, मैं बहुत खुश हूं हम इसके वास्तव में हकदार थे। टीम को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा लेकिन समय बढ़ने के साथ वह इससे उबरने में सफल रही। सुरक्षाकर्मी के रूप में काम करने वाले 34 वर्षीय हेक्टर क्विंटेरोस ने कहा, मैं बहुत खुशी महसूस कर रहा हूं क्योंकि यह पहला विश्वकप था जिसका मैंने भरपूर आनंद लिया।” अर्जेंटीना ने 36 साल बाद विश्व कप जीता। इससे पहले उसने 1978 और 1986 में विश्वकप हासिल किया था। वह 1930, 1990 और 2014 में उपविजेता रहा था। अर्जेंटीना मध्यांतर पर 2-0 से आगे चल रहा था और तभी से उसके प्रशंसक जश्न मनाने लगे थे। लेकिन फ्रांस ने दूसरे हाफ में अच्छी वापसी करके स्कोर बराबर किया।
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देश में जश्न भी और हिंसा भी…
0 केरल में तीन लोगों पर चाकू से हमला, जश्न के दौरान लड़के की मौत
नई दिल्ली/ तिरुवनंतपुरम। फीफा विश्व कप के फाइनल में अर्जेंटीना ने गत विजेता फ्रांस को हराकर ट्रॉफी अपने नाम की। रोमांच से भरपूर इस मैच में कई टर्निंग पॉइंट्स आए। भारत में भी लोगों ने इस मैच का आनंद उठाया। मैच के बाद अर्जेंटीना और मेसी के फैन्स ने जीत का जश्न भी मनाया। खासतौर पर केरल में अर्जेंटीना की जीत का खूब जश्न मनाया गया। हालांकि, इस दौरान हिंसक घटनाएं भी सामने आई हैं। केरल के कन्नूर में फ्रांस और अर्जेंटीना के समर्थक आपस में भिड़ गए। इसमें तीन लोग घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि उनमें से एक की हालत गंभीर है। पुलिस के मुताबिक, यह घटना पल्लियामूला के पास की है। अर्जेंटीना के फैन्स ने फ्रांस के फैंस पर तंज कसा, जिसके बाद हिंसा हुई। छह लोगों को हिरासत में लिया गया और जल्द ही उनकी गिरफ्तारी भी दर्ज की जाएगी। इसके अलावा कोच्चि और तिरुवनंतपुरम में भी हिंसा की कुछ घटनाएं सामने आईं। अर्जेंटीना की जीत के बाद जश्न मना रहे लोगों को संभालने के दौरान दो पुलिस अफसरों पर हमला हो गया। पुलिस ने बताया कि कोच्चि में एक सिविल पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट की गई और उसे सड़क पर घसीटा गया। यह घटना तब घटी जब वह यातायात बाधित कर रही भीड़ को हटाने की कोशिश कर रहे थे। तिरुवनंतपुरम के पास पोझियूर में, एक सब-इंस्पेक्टर पर स्क्रीनिंग फाइनल के दौरान हमला किया गया। कार्यक्रम स्थल पर हंगामा करने वाले दो युवकों को हटाने के दौरान दारोगा पर हमला किया गया। इसके अलावा पुलिस ने बताया कि कोल्लम में, एक स्थानीय स्टेडियम से अर्जेंटीना के प्रशंसकों के विक्ट्री मार्च के दौरान एक 17 वर्षीय किशोर अक्षय कुमार की मौत हो गई। अर्जेंटीना ने 1978 और 1986 के बाद 36 साल बाद फीफा विश्व कप जीता है। मेसी सात गोल के साथ टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा गोल करने में दूसरे नंबर पर रहे। फाइनल में फ्रांस के लिए हैट्रिक लगाने वाले किलियन एम्बाप्पे आठ गोल के साथ शीर्ष पर रहे।

