श्रीलंका में आर्थिक संकट की वजह क्या है, देश में आम लोगों के लिए कैसे हालात हैं?

दो करोड़ बीस लाख की आबादी वाला श्रीलंका वित्तीय और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है. प्रदर्शनकारी कर्फ्यू के विरोध में सड़कों पर उतर रहे हैं और सरकार के मंत्री सामूहिक इस्तीफ़े दे रहे हैं.

साल 1948 में स्वतंत्रता मिलने के बाद से इस वक़्त सबसे ख़राब आर्थिक स्थिति का सामना कर रहे इस देश में महंगाई के कारण बुनियादी चीज़ों की क़ीमतें आसमान छू रही हैं.

हफ्तों से उबल रहा गुस्सा पिछले गुरुवार को फट पड़ा, विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए और सरकार की नींव हिला दी.

पढ़िए उन उन सवालों के जवाब जो आपके मन में उठ रहे होंगे

विशेषज्ञों के मुताबिक़, पिछले एक दशक के दौरान श्रीलंकाई सरकार ने सार्वजनिक सेवाओं के लिए विदेशों से बड़ी रकम कर्ज़ के रूप में ली.

बढ़ते कर्ज़ के अलावा कई दूसरी चीज़ों ने भी देश की अर्थव्यवस्था पर चोट की. जिनमें भारी बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं से लेकर मानव निर्मित तबाही तक शामिल है. इसमें रासायनिक उर्वरकों पर सरकार का प्रतिबंध शामिल है, जिसने किसानों की फसल को बर्बाद कर दिया.

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