यांग्त्से झड़प के बीच पूर्वोत्तर में शुरू हुआ वायुसेना का मारक युद्धाभ्यास

-पूर्वी कमांड द्वारा दो दिवसीय कमांड स्तर की जा रही प्रैक्टिस

-अलग-अलग प्रकार के विमान, हेलिकॉप्टर और ड्रोन ने लिया हिस्सा

-ऑपरेशनल क्षमता का आकलन कर रही पूर्वी कमांड

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश के यांग्त्से सेक्टर में भारत और चीन की सेनाओं की हालिया झड़प के बीच गुरुवार से पूर्वोत्तर में भारतीय वायुसेना का एक बेहद मारक युद्धाभ्यास शुरू हो गया है। ये बल की पूर्वी कमांड द्वारा आयोजित किया गया एक दो दिवसीय (15 और 16 दिसंबर तक) कमांड स्तर का युद्धाभ्यास है। जिसमें वायुसेना के अलग-अलग प्रकार के विमान, हेलिकॉप्टर और ड्रोन ने हिस्सा लिया। हालांकि वायुसेना ने इस युद्धाभ्यास को लेकर यह स्पष्ट कर दिया है कि इसका यांग्त्से में भारत और चीन के बीच हुई झड़प के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बढ़े तनाव से कोई संबंध नहीं है। इलाके में इस युद्धाभ्यास को करने के लिए वायुसेना ने बहुत पहले से तैयारी की हुई थी। जिसके तहत वार्निंग नोटिफिकेशन भी जारी किया गया था।

परखी जाएगी रणनीतिक क्षमता

वायुसेना का कहना है कि इस युद्धाभ्यास के जरिए पूर्वी कमांड अपनी ऑपरेशनल क्षमता का आकलन करेगी। वहीं एलएसी पर बने हुए चुनौतीपूर्ण हालातों के बीच वायुसेना पूरे हाईअलर्ट पर है और इससे जुड़े हुए तमाम इलाकों में अपनी हवाई गश्त के जरिए दुश्मन की हर गतिविधि पर कड़ी निगरानी भी रख रही है। यहां बता दें कि भारत, चीन के साथ कुल करीब साढ़े तीन हजार किलोमीटर लंबी एलएसी को साझा करता है। वर्तमान में उसका पूर्वी लद्दाख में ड्रैगन के साथ करीब बीते ढाई साल से विवाद चल रहा है। इसका हल निकालने के लिए 16 दौर की सैन्य कमांडरों की बैठक हो चुकी हैं। लेकिन उसके बाद भी आज तक एलएसी पर हालात पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाए हैं। देपसांग, डीबीओ और डेमचौक में दोनों सेनाओं के बीच तनाव बरकरार है। लेकिन भारत की सशस्त्र सेनाएं किसी भी परिस्थिति का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उधर रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीन की तरफ से आने वाले वक्त में एलएसी के अलग-अलग इलाकों में यांग्त्से जैसी झड़प की घटनाएं देखने को मिल सकती हैं।

सोशल मीडिया पर चलते फेक वीडियो

उधर इन सबके बीच सेना ने 15 दिसंबर को यह स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया पर बीते कुछ दिनों से यांग्त्से में हुई सैन्य झड़प को लेकर चल रहा एक वीडियो फेक है। इसके अलावा न ही तवांग में चीनी सैनिकों के कोई स्लीपिंग बैग बरामद किए गए हैं। यह दोनों खबर गलत हैं। दरअसल यांग्त्से में हुई सैन्य झड़प के बाद से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है। जिसमें दोनों देशों के सैनिकों को आपस में लड़ते हुए दिखाया गया है। इसके अलावा कुछ प्लेटफार्म पर तवांग में पीएलए सेना के स्लीपिंग बैग मिलने की बात कही जा रही है। लेकिन सेना ने इन दोनों को पूरी तरह से गलत बताते हुए खारिज कर दिया है।

श्रीलंका के राष्ट्रपति से मिले नौसेनाप्रमुख

एलएसी पर जारी विवाद के बीच नौसेनाप्रमुख एडमिरल आर.हरि कुमार ने श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात की। कोलंबो में हुई इस मुलाकात के दौरान नौसेनाप्रमुख ने राष्ट्रपति विक्रमसिंघे को भारतीय नौसेना और श्रीलंका की नौसेना के बीच जारी द्विपक्षीय समुद्री संबंधों की प्रगति से अवगत कराया। बताते चलें कि एलएसी के दोनों हिस्सों पर चीन के साथ जारी विवाद और हिंद महासागर क्षेत्र में बढ़ती ड्रैगन की गतिविधियों के बीच नौसेनाप्रमुख श्रीलंका की चार दिवसीय (13 से 16 दिसंबर तक) आधिकारिक यात्रा पर हैं। भारत लगातार श्रीलंका के समक्ष चीन के शोध व जासूसी जहाजों की आईओआर में बढ़ती उपस्थिति और उसके बंदरगाहां पर लंगर डालने को लेकर आपत्ति भी जता चुका है।


तवांग तनाव के बीच भारत पहुंचा आखिरी राफेल

(फोटो : राफेल)

चीन के साथ ताजा झड़प के बीच आखिरी राफेल युद्धक विमान भारत पहुंच गया है। खुद भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने इसकी जानकारी दी। सेना ने बताया कि फ्रांस से सभी 36 राफेल लड़ाकू विमान अब भारत पहुंच चुके हैं। इस मौके पर भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन ने गुरुवार को कहा कि सभी उपकरणों से लैस आखिरी ‘राफेल’ विमान भारतीय धरती पर उतर चुका है। ये देखकर बहुत गर्व होता है। लेनिन ने ट्विटर पर कहा, \”भारत की धरती पर सभी 36 राफेल को देखकर गर्व होता है। बता दें कि आखिरी राफेल लड़ाकू विमान ऐसे समय में भारत पहुंचा है जब हाल ही अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीन के साथ ताजा झड़प की खबर सामने आई है। भारतीय वायु सेना ने ट्वीट कर लिखा, \”फीट ड्रॉय, पैक पूरा हुआ! 36 राफेल विमानों में से आखिरी विमान भारत पहुंच चुका है। विमान में रास्ते में यूएई वायुसेना के टैंकर से तेल भरा गया। बता दें कि भारत ने फ्रांस से 36 राफेल विमानों के लिए एक समझौता किया था। इनमें से 35 विमान पहले ही आ चुके हैं और अंबाला, हरियाणा और पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में तैनात हैं।

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