युजवेन्द्र चहल को बालकनी से लटकाने के मामले पर टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने कहा है कि उनके साथ दुर्व्यवहार करने वाले खिलाड़ी पर आजीवन बैन लगाया जाना चाहिए। चहल ने बताया था कि 2013 में मुंबई इंडियंस के उनके साथी खिलाड़ी ने नशे की हालत में उन्हें बालकनी से लटका दिया था। इसके बाद बाकी खिलाड़ियों ने आकर बीच बचाव किया था और उन्हें बचाया था। इसके बाद से लगातार चहल के समर्थन में लोग आ रहे हैं और दोषी खिलाड़ी के खिलाफ कार्रवाई की बात कह रहे हैं।
वीरेन्द्र सहवाग ने कहा है कि चहल को उस खिलाड़ी का नाम बताना चाहिए, जिसने उनके साथ बदसलूकी की थी। ऐसे लोगों को सजा मिलनी चाहिए। सहवाग के बाद शास्त्री ने भी इस घटना को खतरनाक बताते हुए दोषी खिलाड़ी के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है।
क्या बोले शास्त्री
रवि शास्त्री ने ईएसपीएन क्रिकेइनफो से बातचीत के दौरान कहा “यह किसी भी रूप में हंसने वाली बात नहीं है। मुझे नहीं पता कि कौन व्यक्ति इसमें शामिल था। वह अपने होश में नहीं था। अगर ऐसा है तो यह बड़ी बात है। किसी की जिंदगी खतरे में है। कुछ लोगों को यह हंसी वाली बात लग सकती है, लेकिन मुझे इसमें हंसी नहीं आती। इससे यह पता चलता है कि जो भी इंसान ऐसा कर रहा है, वह ऐसी स्थिति में है, जो ठीक नहीं है। जब आप ऐसी स्थिति में होते हैं तो दुर्घटना होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। इसे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।”
दोषी पर आजीवन बैन लगे
शास्त्री ने कहा कि वो पहली बार ऐसी बात सुन रहे हैं। यह किसी भी सूरत में हंसी की बात नहीं है। अगर आज के समय में ऐसी कोई घटना होती है तो उस व्यक्ति पर आजीवन बैन लगाया जाना चाहिए और जल्दी से जल्दी उसे रीहैब सेंटर भेजा जाना चाहिए। जब वह क्रिकेट फील्ड से दूर रहेगा तो उसे समझ आएगा कि यह मजेदार है या नहीं। उन्होंने आगे कहा “आप नहीं चाहते हैं कि ऐसी कोई दुर्घटना आपके साथ हो इसके बाद आप जगें। अगर ऐसा कुछ होता है तो आपको आगे आकर संबंधित लोगों को बताना चाहिए। जैसे कि भ्रष्टाचार रोधी समिति के निर्देश है कि आपसे कोई फिक्सिंग के लिए संपर्क करता है तो उसकी सूचना देनी है, उसी तरह ऐसे मामलों की सूचना भी दी जानी चाहिए।”
चहल ने क्या बताया था
चहल ने बताया कि 2013 में मैच के बाद सभी खिलाड़ियों को गेट टुगेदर यानी आपस में मिलने-जुलने के लिए बुलाया गया। मैं उनका नाम नहीं लेना चाहूंगा, लेकिन एक खिलाड़ी ने कुछ ज्यादा ही शराब पी रखी थी। वह बहुत ज्यादा नशे में था। उसने मुझे काफी देर तक घूरा और फिर मुझे बुलाया। उन्होंने मुझसे बाहर चलने को कहा और 15वीं मंजिल की बालकनी में टांग दिया।
चहल ने बताया- उस समय मैं पूरी तरह से डर गया था। मैंने उस खिलाड़ी को जोर से पकड़ लिया। मैंने उसका गला पकड़ रखा था। अगर मेरी ग्रिप छूट जाती तो मैं 15वीं मंजिल से नीचे गिर गया होता। हालांकि, कुछ ही देर में बाकी लोग बालकनी में आए और मामले को कंट्रोल में लिया। मैं काफी डर गया था और बेहोश सा हो गया था। मुझे लोगों ने पानी दिया, तब जाकर होश में आया।
चहल ने कहा- उस दिन मुझे समझ में आया कि हमें कहीं भी जिम्मेदार होना कितना जरूरी है। यह एक ऐसी घटना है, जिसे मैं आज तक नहीं भूला पाया हूं। चहल जब यह खुलासा कर रहे थे तो उनके साथ अश्विन और करुण नायर भी मौजूद थे।
चहल को बालकनी से लटकाने वाली घटना पर बोले रवि शास्त्री- दोषी पर आजीवन बैन लगे

