-बड़ा खुलासा, एक्शन में एनआईए
चंडीगढ़। पंजाब के तरनतारन में हुए आरपीजी हमले की जांच तेज हो गई है। इस बीच खुलासा हुआ है कि सरहाली कलां पुलिस स्टेशन पर हुए इस हमले में रूस के बने आरपीजी-22 का इस्तेमाल किया गया है। इसके साथ ही पुलिस ने 10 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। पुलिस ने जिन संदिग्धों से पूछताछ की है उनमें अमृतसर से तीन और तरनतारन से दो संदिग्धों को पकड़ा गया है। इसके साथ ही गोविंदवाल साहिब जेल में बंद एक कैदी समेत 9 अन्य लोगों से पूछताछ की गई है। तरनतारन मामले को लेकर एनआईए का भी एक्शन जारी है।
5 हमलावरों ने दिया वारदात को अंजाम
तरनतारन के सरहाली कलां पुलिस थाने पर हमले की साजिश रचने वाले बदमाशों की संख्या पांच बताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार, दो बाइक पर सवार थे और अन्य एसयूवी ब्रेजा में जा रहे थे। सूत्रों का कहना है कि हमलावर हरिके पाटन और सरहाली के बीच एक ढाबे पर रुके थे। सरहाली कलां पुलिस थाने के SHO प्रकाश सिंह को हटाकर सुखबीर सिंह को बनाया गया है।
हमलावरों ने ढाबा पर मांगा था खाना
इन हमलावरों ने ढाबे पर खाना भी मांगा था, हालांकि मालिक ने मना कर दिया था। सूत्रों का कहना है कि पांच में से चार बदमाश हिंदी में बातचीत कर रहे थे, जबकि उनमें से एक बीमार था और एक शारीरिक रूप से अक्षम था। पंजाब पुलिस आसपास के इलाकों से सीसीटीवी फुटेज जुटाने की कोशिश कर रही थी। इसी इनपुट के आधार पर एनआईए ने लखबीर सिंह लांडा के घर की छापेमारी की थी।
एसएफजे ने ली हमले की जिम्मेदारी
तरनतारन के सरहाली कलां पुलिस स्टेशन पर देर रात आरपीजी (रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रैनेड) अटैक की जिम्मेदारी खालिस्तानी समर्थक सिख फॉर जस्टिस के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने ली है। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि शुरुआती जांच में पता चला है कि बीती रात करीब 11 बजकर 22 मिनट पर आरपीजी का इस्तेमाल कर हाईवे से ग्रेनेड दागा गया। यह सरहाली थाने के सुविधा केंद्र से टकराया। यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है।
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