गुजरात विधानसभा चुनावों में मतदान का दूसरा चरण सोमवार को खत्म हो गया। विपक्षी पार्टियों खासकर कांग्रेस का आरोप है कि प्रधानमंत्री मोदी से लेकर बड़े-बड़े कद्दावर नेताओं को आखिर गुजरात के चुनावों में क्यों इतनी दौड़-भाग करनी पड़ रही है। जबकि हकीकत यह है कि प्रधानमंत्री मोदी की 2022 में हो रहे विधानसभा चुनाव में रैलियां और जनसभाएं 2017 के चुनाव की तुलना में कम हुई हैं। आंकड़े बताते हैं कि 2017 में प्रधानमंत्री मोदी ने 34 रैलियां की थीं। जबकि इस बार उससे कम 31 रैलियों में ही पूरे गुजरात से संपर्क साधा है। हालांकि इस बार प्रधानमंत्री का 50 किलोमीटर का रोड शो जरूर चर्चा में बना हुआ है। सियासी जानकारों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का या 50 किलोमीटर का रोड शो बूस्टर रोड शो हो सकता है।
पीएम की 31 रैलियां और जनसभाएं
गुजरात चुनावों का जैसे-जैसे अंतिम पड़ाव नजदीक आता जा रहा था, विपक्षी दल आरोप लगा रहे थे कि प्रधानमंत्री मोदी से लेकर तमाम बड़े नेताओं को आखिर गुजरात में क्यों इतनी मेहनत करनी पड़ रही थी। कांग्रेस नेताओं का आरोप था कि सरकार को सत्ता विरोधी लहर का डर सता रहा है। यही वजह है कि देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री समेत अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों को गुजरात में लगातार दौरे करने पड़ रहे हैं। हालांकि हकीकत इससे इतर है। जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी की 2022 के इस विधानसभा चुनाव में पूरे गुजरात में महज 31 रैलियां और जनसभाएं ही हुई हैं। जबकि 2017 के विधानसभा चुनावों में प्रधानमंत्री मोदी ने समूचे गुजरात में 34 जनसभाएं और रैलियां की थीं। राजनीतिक विश्लेषक हरिहर दवे कहते हैं कि दरअसल प्रधानमंत्री जब गुजरात में चुनावी जनसभा या रैलियां करते हैं तो उसका संदेश और चर्चाएं ज्यादा होती हैं। यही वजह है कि विपक्षी दलों में खासतौर से कांग्रेस इस बात को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा कर रही है कि अगर गुजरात में हार का डर नहीं है, तो देश के प्रधानमंत्री सबसे ज्यादा गुजरात में क्यों डेरा डाले हैं। दवे कहते हैं कि हकीकत में ऐसा नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी रैलियां और जनसभाएं 2022 के विधानसभा चुनावों में पिछले विधानसभा चुनावों की तुलना में तो कम ही हुई हैं।
कांग्रेस का झूठा दावा
कांग्रेस के नेताओं का आरोप है कि भाजपा को गुजरात में अपनी सत्ता विरोधी लहर में सरकार गिरती हुई नजर आ रही है। वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी को गुजरात के चुनावों में दिनरात एक करना पड़ रहा है। हालांकि भाजपा इसे महज कांग्रेस का झूठा दावा करार देती है। गुजरात भाजपा के तरुण भाई पटेल कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुजरात में चुनावी दौरा या उनका लोगों से जनसंपर्क कोई नई बात नहीं है। वह कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा का चुनाव जीतने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी अहमदाबाद में बहुत बड़ा रोड शो करते हैं। गुजरात में देश के प्रधानमंत्री से लेकर गृहमंत्री और तमाम बड़े-बड़े नेता लगातार आते ही रहते हैं। पटेल कहते हैं की डेवलपमेंट के लिए सिर्फ प्रधानमंत्री ही नहीं देश के तमाम बड़े नेता गुजरात समेत अलग-अलग राज्यों में लगातार जाते रहते हैं। उनका कहना है कि क्योंकि कांग्रेस के पास कोई बड़ा चेहरा भी नहीं है और चुनाव में भी नजर नहीं आया। ऐसे में भाजपा की परिपाटी पर कांग्रेस सवालिया निशान लगा रही है। जबकि बेहतर होता कांग्रेस खुद इस चुनाव में इसी तरीके से जूझती, जिस तरीके से भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव लड़ा है।
2017 में की थीं 34 रैलियां
गुजरात चुनाव में प्रधानमंत्री की पिछले चुनाव की तुलना में कम रैली और जनसभाओं को लेकर सियासी जानकारों का कहना है कि इस बार सियासी हालात थोड़े बदले हुए हैं। वरिष्ठ पत्रकार जनार्दन भट्ट कहते हैं कि 2017 में पाटीदार आंदोलन भाजपा के लिए पूरे गुजरात में बड़ी मुसीबत बना हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस चुनाव में भी 34 रैलियों और जनसभाओं को संबोधित करके चुनावों की दशा दिशा बदली। हालांकि इस दौरान भारतीय जनता पार्टी अपने सबसे निम्नतम स्कोर पर पहुंची। लेकिन पूर्ण बहुमत से सरकार फिर भी बनाई। भट्ट कहते हैं कि 2022 के चुनावों में इस तरीके का भारतीय जनता पार्टी के प्रति विरोध नजर नहीं आ रहा है। उनका कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को जब बड़े विरोध का अंदाजा था, तो उन्होंने गुजरात की पूरी सरकार बदल दी। पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर उपमुख्यमंत्री और कैबिनेट के सभी मंत्रियों को बदलकर गुजरात में एक बहुत बड़ा प्रयोग भी कर डाला।


 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                