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नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मंगलवार को भारत व इंडोनेशिया के बीच पारस्परिक शांति और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने में उलेमा की भूमिका की सराहना की। दिल्ली के इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, दोनों देश (भारत और इंडोनेशिया) आतंकवाद और अलगाववाद के शिकार रहे हैं। हालांकि, हमने चुनौतियों पर काफी हद तक काबू पा लिया है, लेकिन सीमापार आतंकवाद और आईएसआईएस प्रयोजित आतंकवाद आज भी एक खतरा बना हुआ है।
तेजी से मजबूत हो रहे संबंध
भारत और इंडोनिशिया के बीच संबंध पर उन्होंने कहा, दोनों देशों की बेहतरी के लिए हमारे आर्थिक और रक्षा संबंध भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। दोनों देशों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं। इस कारण भारत और इंडोनेशिया हिंद-प्रशांत क्षेत्र में फल-फूल रहे लोकतंत्र हैं। उन्होंने कहा, दोनों देश अपने-अपने इतिहास, विविधता और साझा परंपराओं के साथ एशिया में शांति, क्षेत्रीय सहयोग और समृद्धि की संभावनाओं को बढ़ाने की क्षमता रखते हैं। पर्यटन हमारे दोनों देशों के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण सेतु रहा है।
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कट्टरपंथ से निपटने में उलेमा की महत्वपूर्ण भूमिका
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मंगलवार को कहा कि इस्लाम के मूल सहिष्णु एवं उदारवादी सिद्धांतों के बारे में लोगों को शिक्षित करने तथा प्रगतिशील विचारों से कट्टरपंथ का मुकाबला करने में उलेमा की महत्वपूर्ण भूमिका है। ‘भारत और इंडोनेशिया में अंतर-धार्मिक शांति एवं सामाजिक सौहार्द की संस्कृति को आगे बढ़ाने में उलेमा की भूमिका’ विषय पर एक सत्र को संबोधित करते हुए डोभाल ने कहा, ‘‘हमें कट्टरता से दूर होने के साझे विचारों को मजबूत बनाने के लिये मिलकर काम करने की जरूरत है।’
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