–नादव लापिड के बयान पर फिर नई बहस, सियासी उबाल
–दो गुट में बंटा बॉलीवुड, अनुपम खेर भड़के, स्वरा ने किया समर्थन
नई दिल्ली। एक बार फिर ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर विवाद शुरू हो गया है। गोवा में 53वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल के समापन समारोह में इजराइली फिल्म निर्माता नादव लापिड के बयान के बाद बवाल मचा हुआ है। लापिड ने फिल्म को अश्लील और प्रोपेगेंडा पर आधारित फिल्म बताकर एक नई बहस को जन्म दे दिया है। भाजपा नेता और अनुपम खेर एवं रणवीर शौरी जैसे अभिनेताओं और फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने लापिड के बयान की आलोचना की। कांग्रेस और फिल्म समुदाय में कुछ लोगों ने इजराइली फिल्मकार का बचाव किया है।
इजराइली फिल्म निर्माता और भारत अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के अंतरराष्ट्रीय जूरी अध्यक्ष नदव लापिद ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर अपनी टिप्पणियों को लेकर विवादों में घिर गए हैं। इजराइल के राजूदत ने लापिद के बयान की आलोचना की और कहा कि उन्होंने भारत के निमंत्रण का दुरुपयोग किया। गौरतलब है कि गोवा में 53वें भारत अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के जूरी प्रमुख और इज़राइली फिल्मकार नदव लापिद ने सोमवार को हिंदी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को ‘दुष्प्रचार करने वाली’ और ‘भद्दी’ फिल्म बताया था।
इफ्फी 2022 के समापन समारोह को संबोधित करते हुए लापिद ने कहा कि फिल्म समारोह में इस फिल्म का प्रदर्शन किए जाने से वह “परेशान और हैरान” हैं। इस समारोह में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ ही खेर और बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार तथा अभिनेत्री आशा पारेख भी शामिल हुईं। अग्निहोत्री ने नब्बे के दशक में आतंकवाद के कारण घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन को दिखाने वाली ‘द कश्मीर फाइल्स’ की तुलना स्टीवन स्पिलबर्ग की नरसंहार पर आधारित फिल्म ‘शिंडलर्स लिस्ट’ से की। भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन समेत कई लोगों ने 1993 की ऑस्कर विजेता इस फिल्म का जिक्र किया है। गिलोन ने सिलसिलेवार ट्वीट कर एक खुले पत्र में कहा कि लापिद को ‘‘शर्मिंदा” होना चाहिए और उन्होंने इसकी वजह भी दी। उन्होंने कहा, मैं इस तरह के बयानों की कड़ी निंदा करता हूं। इसका कोई औचित्य नहीं है। यह यहां कश्मीर मुद्दे की संवेदनशीलता दिखाता है।” इजराइली राजदूत ने फिल्म निर्माता की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें ‘शर्मिंदा’ होना चाहिए क्योंकि उन्होंने फिल्म महोत्सव में जज के पैनल की अध्यक्षता करने के भारत के निमंत्रण का ‘सबसे अधिक दुरुपयोग’ किया। ‘द कश्मीर फाइल्स’ के लेखक एवं निर्देशक विवेक अग्निहोत्री हैं। इसका निर्माता ‘ज़ी स्टूडियोज’ है। फिल्म पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा कश्मीरी पंडितों की हत्या के बाद समुदाय के कश्मीर से पलायन पर आधारित है। ‘द कश्मीर फाइल्स’ इस साल 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। यह इफ्फी के ‘इंडियन पनोरमा सेक्शन’ का हिस्सा थी और इसका 22 नवंबर को प्रदर्शन किया गया था। इस फिल्म को लेकर हुई आलोचनाओं के बावजूद इसने बॉक्स ऑफिस पर 330 करोड़ रुपये की कमायी की थी। इस फिल्म ने राजनीतिक दलों के बीच उस समय बहस शुरू कर दी थी, जब मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात समेत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा शासित कई राज्यों ने इसे मनोरंजन कर से छूट दी थी।
अंतरराष्ट्रीय फिल्म जूरी का हिस्सा रहे भारतीय फिल्म निर्देशक सुदिप्तो सेन ने लापिड के बयान से दूरी बनायी। उन्होंने कहा कि लापिद के बयान उनकी निजी राय है। भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने लापिद द्वारा ‘द कश्मीर फाइल्स’ की निंदा किए जाने की तुलना नरसंहार को खारिज किए जाने से की, जिसमें हिटलर सरकार ने लाखों यहूदियों की हत्या कर दी थी। मालवीय ने कहा, लंबे समय तक लोगों ने नरसंहार को भी मानने से इनकार कर दिया था तथा शिंडलर्स लिस्ट को दुष्प्रचार बताया था जैसा कि कुछ लोग कश्मीर फाइल्स के साथ कर रहे हैं। अंतत: सच की जीत होती है। लापिड के बयान पर भाजपा की गोवा इकाई के प्रवक्ता सेवियो रोड्रिगेज ने मीडिया से कहा, फिल्म निर्माता तथा इफ्फी जूरी प्रमुख नदव लापिद द्वारा ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर दिया बयान पूर्व में कश्मीरी हिंदुओं द्वारा झेली गयी भयावहता का अपमान है। फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने केंद्रीय मंत्री ठाकुर से लापिड के खिलाफ ‘गंभीर कार्रवाई’ करने की मांग की और कहा कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय जूरी प्रमुख के रूप में चुनना महोत्सव के आयोजकों की चूक थी। उन्होंने कहा, प्रिय अनुराग ठाकुर जी। कश्मीरी पंडित और नरसंहार का पीड़ित होने के नाते मैं, हमारी त्रासदी को भद्दा बताने के लिए इफ्फी 2022 के जूरी प्रमुख नदव लापिड के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करता हूं। इधर, कांग्रेस ने 53वें भारत अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के जूरी प्रमुख नदव लापिद द्वारा हिंदी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को ‘दुष्प्रचार करने वाली’ और ‘भद्दी’ फिल्म बताये जाने के बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि नफरत को आखिरकार पहचान ही लिया जाता है। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री मोदी, उनकी सरकार और भाजपा और उनके पूरे तंत्र ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ का प्रचार-प्रसार किया। इफ्फी द्वारा फिल्म को खारिज कर दिया गया। जूरी प्रमुख नदव लापिद ने इसे दुष्प्रचार, भद्दा करार दिया और इसे फिल्म महोत्सव के लिए अनुचित बताया।” उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “नफरत को आखिरकार नकारा ही जाता है।
लापिड का विवादास्पद बयान
इजराइली फिल्म निर्माता नादव लापिड ने कहा था-द कश्मीर फाइल्स फिल्म देखकर हम सभी डिस्टर्ब और हैरान थे। यह फिल्म हमें अश्लील और प्रोपेगेंडा बेस्ड लगी। इतने प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के लिए ये फिल्म उचित नहीं है। मैं आप लोगों के साथ अपनी फीलिंग को खुले तौर पर इसीलिए शेयर कर सकता हूं, क्योंकि इस समारोह की आत्मा ही यही है कि हम यहां आलोचनाओं को स्वीकार करते हैं और उस पर चर्चा करते हैं।इस समारोह में हमने डेब्यू कॉम्पिटिशन में 7 फिल्में देखीं और इंटरनेशनल कॉम्पिटिशन में 15 फिल्में देखीं। इसमें से 14 फिल्म सिनेमैटिक फीचर्स वाली थीं। 15वीं फिल्म द कश्मीर फाइल्स से हम सभी को परेशान और हैरान करने वाली थी।
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करण जौहर, प्रसून जोशी समेत कई निशाने पर
नादव लापिड के विवादित बयान के बाद उन्हें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल जूरी हेड बनाने वाली कमेटी भी निशाने पर आ गई है। लैपिड का नाम जूरी हेड के लिए करण जौहर, प्रसून जोशी, मनोज मुंतशिर, खुशबू सुंदर, प्रियदर्शन, बॉबी बेदी, हृषिता भट्ट, निखिल महाजन, रवि कोट्टाराकारा, सुखविंदर सिंह और वाणी त्रिपाठी जैसे दिग्गजों ने दिया था।
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इजराइली राजदूत बोले- लैपिड को शर्म आनी चाहिए
इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने लैपिड के इस बयान पर उन्हें कड़ी फटकार लगाई। गिलोन ने कहा- भारत की मेजबानी और दोस्ती के बदले लैपिड के बयान पर मैं शर्मिंदा हूं और माफी मांगता हूं। उन्होंने कहा- लैपिड का बयान असंवेदनशील और अभिमान से भरा हुआ है। आपको शर्म आनी चाहिए।
झूठ सत्य के मुकाबले में हमेशा छोटा होता है..
अनुपम खेर ने कहा कि यदि कश्मीर में हुआ ये प्रलय सही है, तो कश्मीरी पंडितों का पलायन भी सही है। टूलकिट गैंग एक बार फिर एक्टिव हो गया है । यह पूरी तरह से प्री-प्लांड लगता है। भगवान उन्हें सद्बुद्धि दें। इससे पहले सोमवार की रात एक ट्वीट भी किया। इसमें उन्होंने फिल्म से जुड़ी कुछ तस्वीरें पोस्ट कीं, जिसमें उन्होंने लिखा-झूठ का कद कितना भी ऊंचा क्यों ना हो। सत्य के मुकाबले में हमेशा छोटा ही होता है।
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यह कश्मीरी पंडितों का अपमान
अशोक पंडित ने ट्वीट कर लिखा, इस्राइल फिल्मकार नादव लापिड ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को भद्दी फिल्म बताकर आतंकियों के खिलाफ भारत की लड़ाई का मजाक उड़ाया है। उन्होंने साल लाख कश्मीरी पंडितों का अपमान किया है। यह भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल की विश्वसनीयता के लिए बड़ा झटका है।
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इस्तेमाल की गई भाषा बेहद गलत
रणवीर शौरी ने लिखा, एक फिल्म का वर्णन करने के लिए जूरी द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा बेहद गलत थी। इसमें से राजनीति की गंध आ रही है। सिनेमा हमेशा से सच्चाई और बदलाव के मुद्दों पर बनाई गई फिल्मों के लिए जाना जाता है। न कि इसे दबाने के लिए। आईएफएफआई में राजनीतिक अवरसवाद का शर्मनाक प्रदर्शन।
आए साथ में…स्वरा ने बयान को बताया सही!
बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल जूरी हेड के पक्ष में सामने आई हैं। अभिनेत्री ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर दिए गए बयान को साझा करते हुए लिखा, जाहिर तौर पर ये दुनिया के लिए बहुत स्पष्ट है…।
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