मोबाइल से गूगल-फोन पे का फोटो ……….
नई दिल्ली। दुनिया में सबसे अधिक ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने वाले देश में भारत का नाम टॉप लिस्ट में आता है। आज के समय में हम सभी लोग यूपीआई के जरिए आसानी से पेमेंट का लाभ उठा रहे हैं, लेकिन जल्द ही इसको लेकर एक नियम जारी किया जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) तीसरे पक्ष (टीपीएपी) द्वारा चलायी जाने वाली यूपीआई भुगतान सेवा के लिए कुल लेनदेन की सीमा को 30 प्रतिशत तक सीमित करने के फैसले पर भारतीय रिजर्व बैंक के साथ बातचीत कर रहा है।
आम से लेकर खास तक कर रहा डिजिटल पेमेंट
भारत में अब आम आदमी से लेकर खास आदमी तक यूपीआई पेमेंट का इस्तेमाल हो रहा है। छोटे से बड़े व्यापारी इस सुविधा के चलते अपना बिजनेस चला रहे हैं। अब उन सभी लोगों को समस्या का सामना करना पड़ सकता है। एनसीपीआई अब यूपीआई पेमेंट लिमिट तय करने का प्लान बना रहा है। एनपीसीआई ने इस फैसले को लागू करने के लिए 31 दिसंबर की समय सीमा तय की है।
वर्तमान में लेनदेन की कोई सीमा नहीं
इस समय लेनदेन की कोई सीमा नहीं है। ऐसे में दो कंपनियों गूगल पे और फोनपे की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर लगभग 80 प्रतिशत हो गई है। एनपीसीआई ने नवंबर 2022 में एकाधिकार के जोखिम से बचने को तीसरे पक्ष के ऐप प्रदाताओं (टीपीएपी) के लिए 30 प्रतिशत लेनदेन की सीमा तय करने का प्रस्ताव दिया था।
सभी पहलुओं पर विचार
सभी पहलुओं पर व्यापक रूप से विचार करने के लिए एक बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में एनपीसीआई के अधिकारियों के अलावा वित्त मंत्रालय और आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। फिलहाल एनपीसीआई सभी संभावनाओं का मूल्यांकन कर रहा है और 31 दिसंबर की समयसीमा बढ़ाने पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।
इसी महीने हो सकता है फैसला
एनपीसीआई इस महीने के अंत तक यूपीआई बाजार सीमा लागू करने के मुद्दे पर फैसला कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक, एनपीसीआई फिलहाल सभी संभावनाओं का मूल्यांकन कर रहा है। हालांकि, एनपीसीआई को समय-सीमा बढ़ाने के लिए उद्योग के हितधारकों से अनुरोध मिले हैं और उनकी जांच हो रही है।
समय सीमा बढ़ाने के अनुरोध
रिजर्व बैंक का कहना है कि एनपीसीआई को समय सीमा बढ़ाने के लिए उद्योग के हितधारकों से अनुरोध मिले हैं और उनकी जांच की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक एनपीसीआई इस महीने के अंत तक यूपीआई बाजार सीमा लागू करने के मुद्दे पर फैसला कर सकता है।

