- भारतीय सेना के इतिहास में अब तक नहीं हुआ ऐसा
नई दिल्ली। पहली बार छह महिला अधिकारियों ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी) की परीक्षा पास की है। भारतीय सेना के अधिकारी ने बताया कि एक महिला अधिकारी ने अपने पति के साथ परीक्षा पास की है जो एक सेना अधिकारी भी हैं। इनमें से दो महिला अधिकारी सैन्य खुफिया कोर से हैं। भारतीय सेना के इतिहास में पहली बार महिला अधिकारियों को प्रतिष्ठित डीएसएससी में प्रवेश मिला है। अधिकारियों ने कहा कि पहली बार छह महिला अधिकारियों ने प्रतिष्ठित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी) और डिफेंस सर्विसेज टेक्निकल स्टाफ कोर्स (डीएसटीएससी) परीक्षा पास की है। यह परीक्षा हर साल सितंबर में आयोजित की जाती है। उन्होंने बताया कि इनमें से चार अधिकारी तीनों सेवाओं के अपने पुरुष समकक्षों के साथ तमिलनाडु के वेलिंगटन में स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में एक साल का कोर्स करेंगे। शेष दो महिला अधिकारियों में से एक डिफेंस सर्विसेज टेक्निकल स्टाफ कोर्स की आरक्षित सूची में है और दूसरी को प्रशासन और रसद प्रबंधन कोर्स (एएलएमसी) / इंटेलिजेंस स्टाफ कोर्स (आईएससी) के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है। महिला अधिकारियों को स्टाफ नियुक्तियों के परिचालन, सैन्य खुफिया, परिचालन रसद और प्रशासनिक पहलुओं के लिए प्रशिक्षण और दिशानिर्देश प्रदान किया जाएगा।
1500 अफसर होते हैं शामिल
सेना ने अधिकारी ने कहा कि भारतीय सेना के 1,500 से अधिक अधिकारी डीएसएससी/डीएसटीएससी प्रवेश परीक्षा में शामिल होते हैं। इस साल पहली बार सेना की 22 महिला अधिकारियों (आर्मी सर्विस कॉर्प्स, आर्मी एयर डिफेंस, आर्मी ऑर्डनेंस कॉर्प्स, कॉर्प्स ऑफ सिग्नल्स, कॉर्प्स ऑफ इंटेलिजेंस, कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर्स और कॉर्प्स ऑफ ईएमई में से) को संबंधित शस्त्रों और सेवाओं में स्थायी कमीशन प्रदान किया गया, ये सभी परीक्षा में शामिल हुए। अधिकारी प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद योग्यता के आधार पर कोर्स में भाग लेने के लिए नामांकित होते हैं जिसमें सेवा प्रोफाइल और अनुशासन भी शामिल होता है।
सेना द्वारा आयोजित यह एकमात्र कोर्स है जिसके लिए अधिकारियों को सभी छह पेपर्स पूरे करने और पास करने होते हैं। इनमें टैक्टिक्स, ला एंड मिलिट्री हिस्ट्री के पेपर शामिल हैं। हायर कमांड, हायर डिफेंस मैनेजमेंट और नेशनल डिफेंस कॉलेज जैसे अन्य कोर्स नामांकन पर आधारित होते हैं। डीएसएससी कोर्स पूरा करने के बाद अधिकारी सेना में अहम पदों पर नियुक्तियों के साथ-साथ विदेशी तैनातियों के लिए योग्य हो जाते हैं।
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