केंद्र के रवैये से नाखुश सुप्रीम कोर्ट, लॉ सेक्रेट्री को जारी किया नोटिस
-शीर्ष न्यायालय ने जजों की नियुक्ति के लिए दिया था नामों का प्रस्ताव
- प्रक्रिया पूरी करने की समयसीमा का किया जिक्र
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जजों की नियुक्ति में हो रही देरी के मामलों में लॉ सेक्रेटरी को नोटिस भेजा है। कोलेजियम ने उच्च न्यायालयों में जजों की नियुक्ति के लिए नामों का प्रस्ताव दिया था, जिनकी अभी तक नियुक्ति नहीं हुई है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सवाल उठाने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। कोलेजियम द्वारा प्रस्तावित नामों की नियुक्ति करने में केंद्र सरकार की तरफ से हो रही देरी पर कोर्ट ने कहा कि नामों को होल्ड पर रखना स्वीकार्य नहीं है। जस्टिस संजय किशन कौल और एएस ओका की बेंच ने अपने आदेश में कहा कि नामों को होल्ड पर रखना स्वीकार्य नहीं है, यह इन व्यक्तियों को अपना नाम वापस लेने के लिए मजबूर करने के लिए एक उपकरण बनता जा रहा है, जैसा कि हुआ भी है।
केंद्र कर रहा उल्लंघन
कोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन बेंगलुरु द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इसमें कहा गया कि नियुक्ति के लिए सुझाए गए नामों की नियुक्ति करने में केंद्र की विफलता दूसरे न्यायाधीशों के मामले का सीधा उल्लंघन है। शुक्रवार (11 नवंबर, 2022) को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि जस्टिस दीपांकर दत्ता के नाम का प्रस्ताव दिए हुए 5 हफ्ते हो चुके हैं। इसे कुछ दिनों में ही मंजूरी मिल जानी चाहिए थी। इस पर जस्टिस कौल ने कहा कि ऐसा क्यों हो रहा है, ये हमारी समझ से बाहर है। बेंच ने कहा, “उच्च न्यायालयों में नियुक्तियों में महत्वपूर्ण देरी के चलते उच्चतम न्यायालय को 2021 में आदेश पारित कर समयरेखा दी थी, जिसमें प्रक्रिया पूरी की जानी चाहिए।
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