दिल्ली बनाम केंद्र मामले में याचिकाओं पर रोक

प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर दिल्ली बनाम केंद्र सरकार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी तरह की याचिका दायर करने पर रोक लगा दी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ 24 नवंबर को सुनवाई करेगी। इससे पहले दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस मामले में एक हलफनामा दाखिल किया है। दिल्ली सरकार का मामला यह है कि चुनी हुई सरकार को केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण नौकरशाहों और अधिकारियों पर किसी भी तरह के प्रशासनिक नियंत्रण से बाहर कर दिया है। अधिकारी केंद्र सरकार के आदेश पर उपराज्यपाल (एलजी) के माध्यम से नियुक्ति या तैनाती पाते हैं।

मृतक आश्रित कोटा : वापस ली जा सकती है नौकरी

इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आश्रित कोटे में नियुक्त कर्मचारी द्वारा परिवार के अन्य सदस्यों की देखरेख की जिम्मेदारी पूरी न करने के मामले में तीन माह में उचित निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि यदि सभी आश्रितों के हित पूरे नहीं करने की स्थिति हो तो वह आश्रित कर्मचारी की नियुक्ति वापस भी ले सकते हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने प्रयागराज की सुधा शर्मा व अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचियों का कहना था कि आश्रित कर्मचारी को इस आश्वासन पर नियुक्ति दी गई थी कि वह याचियों की भी देखभाल करेगी लेकिन वह अपने वादे का पालन नहीं कर रही है। याचियों के पिता रेलवे कर्मचारी थे। सेवाकाल में मृत्यु के कारण परिवार की एक सदस्य को आश्रित कोटे में नियुक्ति दी गई।

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