भारत के खिलाफ आतंकवादी संगठनों को सक्रिय करने में जुटा पाकिस्तान

-खुफिया रिपोर्ट में हुआ खुलासा, लोकल सपोर्ट जुटा रहा

— पड़ोसी देश एक बार फिर परदे के पीछे से साजिश रच रहा

नई दिल्ली। पाकिस्तान का डर्टी प्लान ‘कश्मीर लोकल’ अब सबके सामने आ गया है। खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की आईएसआई (आईएसआई) ने हिजबुल मुजाहिद्दीन को साजिश का काम दिया है। इसमें मुज़फ़्फ़राबाद के हिजबुल, लश्कर और जैश के कमॉडरों ने प्लान तैयार किया है। इसके तहत लोकल कश्मीरियों को जेहाद का चेहरा बनाने की साजिश रची गई है। आतंकी संगठन आजादी के नाम पर घाटी में एक बार फिर से लोकल सपोर्ट जुटाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके ठीक उलट कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद से नया माहौल बना है और आवाम तेजी से मेन स्ट्रीम से जुड़ रही है।

कश्मीर में बर्फबारी शुरू हो चुकी है और घाटियां बर्फ़ से गुलज़ार हैं। जल्द ही घाटी में आतंकियों की घुसपैठ के रूट में भी बर्फ भर जाएगी। ये पाकिस्तान को भी बख़ूबी पता है। सर्दियों की तैयारियां भी तेज की जा चुकी हैं, लेकिन इस बार साजिश दूसरे तरह की है। इस बार साजिश का डर्टी प्लान है ‘कश्मीर लोकल’ और उसके लिए जेहाद का चेहरा अब स्थानीय लोगों को बनाने का बनाना है। दरअसल धारा 370 के हटाए जाने के बाद कश्मीर की आवाम को केंद्र सरकार की वो सुविधाएं मिल रही हैं जो कि पूरे देश के लोगों को तो मिलती थी लेकिन ये लोग वंचित रह जाते थे और सरकार की नीतियों के चलते अब आम कश्मीरी देश की मुख्यधारा से जोरशोर से जुड़ना शुरू कर चुका है।

80-90 के दशक की साजिश को फिर अमल में लाने की कोशिश

खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक़ यह पाकिस्तान और आंतकी संगठनों के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है। यही वजह है कि 80 -90 के दशक के कश्मीर को आज़ाद देश बनाने की साज़िश को फिर से अमल में लाने की क़वायद को शुरू किया जा रहा है। एक अक्टूबर को पीओके के मुज़फ़्फ़राबाद में आतंकी तंजीमों के कमांडरों की बैठक हुई थी। इस बैठक की अध्यक्षता हिज़बुल के डिप्टी कमांडर मौलाना शमशेर बुख़ारी और लश्कर के डिविजनल चीफ असरार रहमंद की अध्यक्षता में हुई. इस साझा बैठक में पीओके मुज़फ़्फ़राबाद का लोकल जैश कमॉडर अमिर अतीक उर रहमान, हिजबुल का लॉचपैड कमॉडर ताहिर महमूद और लश्कर लॉंचिंग कमॉडर ज़ाहिद हुसैन तराबी मौजूद था।

सुरक्षा बलों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और प्रवासियों पर हमलों में बढ़ोतरी की आशंका

इस बैठक में ज्यादा से ज़्यादा कश्मीरी लोगों को घाटी में जेहाद संबंधी गतिविधियों में शामिल करके कश्मीर को एक अलग देश बनाने को कहा गया है। आने वाले दिनों में सुरक्षा बलों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं, प्रवासियों पर हमलों में और बढ़ोतरी हो सकती है। आतंकियों के एनकाउंटर के दौरान जो पत्थरबाज़ी के लिये आम लोगों को उकसाया जाता था उसे भी बढ़ाने की तैयारी है जो कि घाटी में लगभग बंद हो चुकी है।

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