राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का शताब्दी वर्ष जैसे जैसे नजदीक आ रहा है। वैसे-वैसे संघ और उससे जुड़े अनुषांगिक संगठन इसकी तैयारियों में जुट गए हैं। इसी सिलसिले में समाज के सभी वर्गों के बीच अपने कामकाज को पंख लगाने के लिए संघ अब देशभर में तीन हजार से ज्यादा एडहॉक स्वयंसेवकों की तलाश कर रहा है। इसके लिए सभी राज्यों के क्षेत्रीय और प्रांत प्रचारकों को निर्देश भी दे दिए गए हैं। इन निर्देशों में साफ कहा गया है ऐसे युवाओं और कार्यकर्ताओं को संघ से जोड़ें जो उसकी विचारधारा से तालमेल बैठा सके।
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आरएसएस अगले दो वर्षों के लिए अपने अपने कार्यक्षेत्र दोगुना करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। इसलिए ऐसे समयदानी कार्यकर्ताओं को जोड़ने पर जोर दिया जा रहा है जो पूर्णकालिक के तौर पर एक से तीन का समय दे सकें। संघ ने देश के सभी 45 प्रांतों के क्षेत्रीय प्रचारक और प्रांत संघचालक सहित अन्य प्रमुख पदाधिकारियों को कामकाज बढ़ाने के लिए अगले दो साल का टारगेट सौंपा है। इसके लिए सभी प्रांतों में 3 हजार से अधिक पूर्णकालिक समयदानी स्वयंसेवकों को खोजा जा रहा है। संघ में वर्तमान में देशभर में करीब 4 हजार से अधिक पूर्णकालिक प्रचारक काम कर रहे है।
सूत्रों ने बताया कि फिलहाल एडहॉक के रूप में एक से तीन साल के लिए समयदानी पूर्णकालिकों की भर्ती की जाएगी। इनमें से ही आगे संघ के लिए समर्पित और जीवनदानी प्रचारक भी मिल जाएंगे। ये नए कार्यकर्ता विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे कामकाज की ब्रांडिंग के साथ कार्यक्षेत्र बढ़ाने के लिए तैनात किए जाएंगे। 2025 में संघ के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इसके लिए कई साल के आयोजन देशभर में किए जाएंगे।
जानकारों का कहना है कि 2024 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए सबसे अहम है। क्योंकि वर्ष 2025 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर संघ देशभर में शताब्दी वर्ष मनाने की भव्य तैयारी में जुटा है। इसलिए इस समय संघ का पूरा होकर शाखा कार्य विस्तार पर है। संघ समयदानी युवाओं को उनकी रुचि के हिसाब से शिक्षा, पर्यावरण, खेल और अन्य सामाजिक कार्यों में तैनात करने के पहले बुनियादी ट्रेनिंग भी दी जाएगी। अभी देश में शाखाओं की संख्या करीब 50 से 60 हजार है। इसे एक लाख से अधिक पहुंचाने की कवायद संघ काफी लंबे समय से कर रहा है।

