बीसीसीआई का बड़ा डिसीजन… महिला टीम को मिलेगा पुरुष टीम जैसा वेतन

–ऐतिहासिक फैसला : समान वेतन मिलेगा पर जारी रहेगी ग्रेड में असमानता

इतनी फीस

15 लाख टेस्ट मैच

06 लाख वन डे

03 लाख टी-20 मैच

नई दिल्ली। 46 साल बाद वह दिन आया, जब बीसीसीआई ने पुरुष क्रिकेटरों के बराबर महिला खिलाड़ियों को सम्मान दिया। बीसीसीआई ने गुरुवार को बड़ा ऐलान करते हुए भारतीय महिला क्रिकेट टीम की मैच फीस को भी पुरुष क्रिकेटरों के बराबर कर दिया। बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने ट्वीट कर ये बड़ा ऐलान किया है। अब से महिलाओं को भी पुरुष को समान ही मैच फीस मिलेगी।

भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए देश के सबसे लोकप्रिय खेल में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के मकसद से केंद्रीय अनुबंधित महिला और पुरुष क्रिकेटरों को समान मैच फीस देने का फैसला किया है। गुरुवार को सचिव जय शाह ने बीसीसीआई के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर ऐलान किया- मैंने वादा किया था कि बीसीसीआई पुरुष और महिला क्रिकेट टीम के प्लेयर्स की मैच फीस में बराबरी लाएगा। यह उसी दिशा में उठाया गया कदम है। अब बीसीसीआई की सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट में शामिल महिला क्रिकेटर्स को पुरुष टीम के खिलाड़ियों के बराबर फीस मिलेगी।

नई व्यवस्था के तहत बीसीसीआई महिला क्रिकेटरों को भी अब पुरुष क्रिकेटरों के समान प्रत्येक टेस्ट के लिए 15 लाख रुपए, वनडे के लिए छह लाख और टी20 के लिए तीन लाख रुपए मैच फीस देगा। इससे पहले महिला खिलाड़ियों को प्रत्येक एकदिवसीय और टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले के लिए एक लाख रुपए दिए जाते थे जबकि टेस्ट मैच की फीस चार लाख रुपए थी। बीसीसीआई की शीर्ष परिषद की आपात बैठक में यह फैसला किया गया।

0 न्यूजीलैंड में पहले से लागू

इस साल की शुरुआत में न्यूजीलैंड क्रिकेट समान मैच फीस लागू करने वाला पहला बोर्ड था जबकि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की लैंगिक असमानता को दूर करने की दिशा में काम कर रहा है। भारत समान वेतन की व्यवस्था लागू करने वाला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सिर्फ दूसरा देश है।

0 सालाना करार में भेदभाव

हर साल किए जाने वाला करार में कोई बदलाव नहीं किया गया है। एनुअल कॉन्ट्रैक्ट में अब भी महिला क्रिकेटर्स की 3 कैटेगरी ही हैं। दूसरी तरफ, पुरुष क्रिकेटर्स की 4 कैटेगरी हैं। इससे भी ज्यादा हैरानी की बात है कि ए ग्रेड महिला क्रिकेटर्स को जो अमाउंट मिलता है वह सी ग्रेड पुरुष क्रिकेटर्स से भी कम है।

0 सेंट्रल कांट्रेक्ट राशि

पुरुष राशि महिला राशि

ग्रेड ए+ 7 करोड़ ग्रेड ए 50 लाख

ग्रेड ए 5 करोड़ ग्रेड बी 30 लाख

ग्रेड बी 3 कराेड़ ग्रेड सी 10 लाख

ग्रेड सी 1 करोड़ 00 00

1976 में हुई थी शुरुआत

महिला क्रिकेट की शुरुआत भारत में 1976 में हुई थी। महिला टीम ने तब टेस्ट डेब्यू किया था। तब से वेतन विसंगतियां बनी हुई थीं। आइसीसी से महिला टीम को मान्यता 1976 में ही मिली।

0 वर्सन…

फैसले का स्वागत

‘इस फैसले से क्रिकेट की प्रगति और विकास का मंच तैयार होगा। मेरा मानना है कि यह महिला क्रिकेट और कुल मिलाकर खेल के लिए महत्वपूर्ण कदम होगा।

रोजर बिन्नी, बीसीसीआई अध्यक्ष

‘यह एक ऐतिहासिक फैसला है और हम भारतीय क्रिकेट के नए युग में प्रवेश कर रहे हैं। मैं बीसीसीआई की शीर्ष परिषद में अपने साथियों को धन्यवाद देना चाहता हूं।’

जय शाह, बीसीसीआई सचिव

‘यह ऐतिहासिक कदम है। महिला क्रिकेट के लिए यह नया सवेरा है। समान मैच फीस और महिला आईपीएल महिला क्रिकेट को वहां तक ले जाने की दिशा में उठाए गए कदम हैं जहां पुरुष क्रिकेट आज है।’

मिताली राज, क्रिकेटर

=

यह क्रांतिकारी फैसला है। इससे साबित होता है कि भारत में महिलाओं को बराबरी की नजर से देखा जाता है और कोई पक्षपात नहीं है। मैं जय शाह, रोजर बिन्नी और राजीव शुक्ला को धन्यवाद देती हूं।

शांता रंगास्वामी, पूर्व खिलाड़ी

बीसीसीआई ने दूसरे खेल संघों के लिए मानक स्थापित किए हैं। इससे महिलाओं को खेल में भागीदारी की प्रेरणा मिलेगी। ऐतिहासिक कदम।’

-हरभजन सिंह

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