बस्तर संभाग के छह जिलों में अब तक 112 ने बसाया परिवार… 56 समर्पित नक्सल जोड़े बंधे विवाह बंधन में



जगदलपुर> कहते हैं इश्क और जंग में सब जायज है, लेकिन अगर जंग के दौरान इश्क हो जाए तो…? ऐसे ही बस्तर के बीहड़ों में पुलिस के साथ अस्तित्व की जंग लड़ रहे नक्सल लड़ाकों के बीच जब मोहब्बत हो जाती है तो संगठन के कठोर नियमों के चलते उन्हें समर्पण की राह अपनानी पड़ती है। बस्तर संभाग के छह जिलों में विगत 4 वर्षों में ऐसे 56 समर्पित नक्सल जोड़ों का विवाह पुलिस द्वारा करवाया गया है।

इन नक्सलियों ने प्यार की खातिर आंतक से तौबा करते हुए मुख्यधारा में शामिल हुए। नक्सल संगठन में शामिल कई युवक व युवतियों के बीच जगंल में रहने के दौरान प्यार हो जाता है, लेकिन संगठन में न तो प्यार की इजाजत होती है और न ही शादी व बच्चे पैदा करने की। इससे इतर जंगल में रहते हुए युवाओं के बीच प्यार जब परवान चढ़ता है तो युवाओं में संगठन के प्रति आस्था कम होने लगती है। वहीं पुलिस विभाग की समर्पण व पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर वे समर्पण की राह को चुनते है। पिछले चार वर्ष की बात करें तो बस्तर संभाग के छह जिलों में ऐसे 112 नक्सलियों ने आंतक से तौबा करते हुए समर्पण किया और मुख्यधारा में शामिल हो गए जिनका पुलिस ने स्वागत करते हुए धूमधाम से विवाह कराया।

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समर्पण करने के बाद प्यार हुआ साकार

नक्सली संगठन में बनाए गए नियमों और शीर्ष नेतृत्व की प्रताड़ना से तंग आकर पिछले कुछ सालों से बड़ी संख्या में स्थानीय नक्सली बस्तर पुलिस के सामने सरेंडर कर रहे हैं। खास बात यह है कि संगठन में रहते जिन महिला और पुरुष नक्सलियों के बीच प्यार हुआ, आज वह सरेंडर करने के बाद बकायदा शादी कर रहे हैं और एक अच्छी जिंदगी जी रहे हैं। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि वर्ष 2019 से 2022 अगस्त महीने तक 56 जोड़ों ने समर्पण कर विवाह रचाया है, इनकी ना सिर्फ धूमधाम से शादी हुई है, बल्कि इनके घरों में अब बच्चों की किलकारी भी गूंजने लगी है।

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लक्ष्मण व कोसी की तरह 4 साल में 56 नक्सल जोड़ो ने रचाई शादी

बस्तर पुलिस के सामने सरेंडर कर चुके नक्सली दंपति लक्ष्मण और कोसी का कहना है कि नक्सली संगठन में रहते उनके बीच प्यार हुआ वे एक दूसरे को बेहद पसंद करने लगे। संगठन के सामने उन्होंने शादी करने की इच्छा भी जताई, लेकिन संगठन ने साफ तौर पर मना कर दिया। ऐसे में उन्होंने अपने प्यार को हासिल करने के लिए संगठन को छोड़ना ही बेहतर समझा। एक दिन दोनों नक्सली संगठन को छोड़कर भाग निकले और पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। इस दौरान पुलिस ने ना सिर्फ लक्ष्मण कोसी की धूमधाम से शादी कराई, बल्कि बकायदा दोनों को पुलिस में नौकरी भी दी। अब उनके इस सुखद दांपत्य जीवन में उनके दो बच्चे भी हैं, केवल लक्ष्मण कोसी ही नहीं, बल्कि पिछले 4 सालों में 56 जोड़ों ने एक दूसरे को पसंद कर नक्सली संगठन छोड़ने के बाद विवाह रचाया और पुलिस ने भी इनकी भरपूर मदद की है।

संगठन में रहने से प्यार सफल नहीं होता

बस्तर पुलिस द्वारा वर्ष 2019 में 15 नक्सलियों की शादी कराई गई थी। वहीं 2020 में 24, 2021 में 12 और 2022 में 31 अगस्त तक 5 प्रेमी जोड़ों का विवाह संपन्न कराया है। सगंठन में रहने से उनका प्यार सफल नहीं होता, हम नक्सलियों से अपील करते है कि वे समर्पण करें पुलिस उनकी हर संभव मदद करेगी। इसके साथ ही सरकार की पुनर्वास नीति का भी पूरा लाभ उन्हें दिया जाएगा।

  • सुंदरराज पी, आईजी, बस्तर

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