कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव : थरूर ने दी खड़गे को खुली चुनौती

अध्यक्ष पद को लेकर दोनों उम्मीदवारों के अपने-अपने दावे

खड़गे ने बताई वजह, थरूर भी अपने मिशन में डटे


नई दिल्ली। >कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर जुबानी जंग शुरू हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वह किसी के विरोध में नहीं, बल्कि पार्टी को मजबूत बनाने तथा उसकी विचारधारा को आगे ले जाने के लिए मैदान में उतरे हैं। इधर, सांसद शशि थरूर ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे नेता पार्टी में बदलाव नहीं ला सकते हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर अब सीधा मुकाबला मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर में है। दोनों नेताओं ने अपनी जीत के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनने के बाद पहली बार पत्रवार्ता लेकर चुनाव लड़ने की वजह बताई। इधर, शशि थरूर ने नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में खड़गे को खुली चुनौती दी।

खड़गे ने संवाददाता सम्मेलन में गांधी परिवार की तरफ से पार्टी के ‘आधिकारिक प्रत्याशी’ होने की धारणा को रविवार को सिरे से खारिज कर दिया। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि वह पार्टी के एक कार्यकर्ता के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। अध्यक्ष बन जाने पर वह गांधी परिवार और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श करेंगे एवं उनके अच्छे सुझावों पर अमल भी करेंगे। खड़गे ने यह भी कहा कि उन्होंने आम सहमति का उम्मीदवार होने को लेकर अपने प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर से चर्चा की थी। हालांकि, थरूर ने ऐसा करने से मना कर दिया और कहा कि वह चुनाव लड़ेंगे। 80 वर्षीय खड़गे ने यह भी कहा कि वह किसी के विरोध में नहीं, बल्कि पार्टी को मजबूत बनाने तथा उसकी विचारधारा को आगे ले जाने के लिए मैदान में उतरे हैं। अपने करीब पांच दशक के राजनीतिक जीवन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, मेरे साथी लोगों ने मुझसे कहा कि मुझे चुनाव लड़ना चाहिए क्योंकि राहुल गांधी जी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी अध्यक्ष नहीं बनना चाहतीं। सभी ने कहा कि हमारा आपके साथ सहयोग है। इसके बाद मैं मैदान में उतरा। उन्होंने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया कि अनौपचारिक रूप से वह गांधी परिवार की तरफ से ‘आधिकारिक उम्मीदवार’ हैं। खड़गे ने कहा कि हमारे बहुत से वरिष्ठ नेताओं और युवा नेताओं ने कहा कि जब गांधी परिवार का कोई उम्मीदवार नहीं है, तो मुझे लड़ना चाहिए। उन्होंने जब मुझसे कहा और प्रोत्साहन दिया, तब मैं चुनाव लड़ रहा हूं।

थरूर और खड़गे में मुकाबला

झारखंड के पूर्व मंत्री के. एन. त्रिपाठी का नामांकन पत्र शनिवार को खारिज होने के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद के चुनाव में अब मुकाबला खड़गे और थरूर के बीच होगा। कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है। जरूरत पड़ने पर चुनाव 17 अक्टूबर को कराया जाएगा. मतगणना 19 अक्टूबर को होगी और नतीजे उसी दिन घोषित किए जाएंगे।

50 साल से चुनावी राजनीति

खड़गे ने कहा, मैं अध्यक्ष बनने के बाद गांधी परिवार और दूसरे वरिष्ठ नेताओं से विचार-विमर्श करूंगा। इसका अर्थ यह नहीं है कि खड़गे ने 50 साल की राजनीति में कुछ सीखा नहीं है। 50 साल से चुनावी राजनीति में हूं। उन्होंने कहा, मैं गांधी परिवार से पूछंगा, जो अच्छी चीजें होंगी, वो लूंगा और उनपर अमल करूंगा।

पार्टी के भविष्य का चुनाव

नागपुर में थरूर ने कहा, हम दुश्मन नहीं हैं, यह युद्ध नहीं है। यह हमारी पार्टी के भविष्य का चुनाव है। खड़गे जी कांग्रेस पार्टी के टॉप 3 नेताओं में आते हैं। उनके जैसे नेता बदलाव नहीं ला सकते और मौजूदा व्यवस्था को जारी रखेंगे। पार्टी कार्यकर्ताओं की उम्मीद के मुताबिक बदलाव मैं लाऊंगा। थरूर ने कहा, पिछले कुछ सालों से कार्यकर्ताओं से मैंने सुना कि हमारी पार्टी में बदलाव नहीं होगा तो हम आगे कैसे बढ़ेंगे? इसलिए मैं आगे आया। 2014 और 2019 में हमारी पार्टी को केवल 19% वोट मिले। अगर हम इस वोट को नहीं बढ़ाएंगे तो 2024 में अधिक वोट कैसे आएंगे।

1939 में पहली बार हुआ था चुनाव

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पहला सीरियस कंटेस्ट 1939 में सुभाष चंद्र बोस और पट्टाभि सीतारामय्या के बीच हुआ था। बाद में गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने समर्थन दिया, लेकिन बोस जीत गए। 1950 में फिर से इस पद के लिए चुनाव नासिक अधिवेशन से पहले जेबी कृपलानी और पुरुषोत्तम दास टंडन के बीच लड़ा गया था। टंडन विजयी रहे लेकिन बाद में उन्होंने तत्कालीन पीएम जवाहरलाल नेहरू के साथ मतभेदों के बाद इस्तीफा दे दिया।

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