-अध्यक्ष पद के चुनाव में खड़गे, थरूर और त्रिपाठी ने भी भरा नामांकन
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में मल्लिकार्जुन खड़गे, शशि थरूर और के. एन. त्रिपाठी आगे आए हैं। तीनों ही नेताओं ने शुक्रवार को अपने नामांकन पत्र दाखिल किया। वरिष्ठ कांग्रेसी दिग्विजय सिंह मैदान में नहीं उतरे। थरूर और त्रिपाठी के प्रस्तावकों में कुछ नेता थे, लेकिन गांधी परिवार की पसंद बताए जा रहे खड़गे के प्रस्तावकों की सूची में 30 बड़े नेताओं के नाम हैं। इनमें जी-23 के बड़े चेहरे आनंद शर्मा और मनीष तिवारी भी शामिल हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष के लिए शुक्रवार को पहला नामांकन शशि थरूर, दूसरा नामांकन झारखंड के कांग्रेस लीडर केएन त्रिपाठी और तीसरा नामांकन मल्लिकार्जुन खड़गे ने किया। इसके साथ ही तय हो गया है कि अगला अध्यक्ष गैर-गांधी ही होगा। कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे स्पष्ट रूप से पसंदीदा उम्मीदवार के तौर पर उभरे हैं। खड़गे (80) ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ नामांकन पत्रों के अनेक सेट जमा किये। उनके प्रस्तावकों में आनंद शर्मा, पृथ्वीराज चव्हाण, मनीष तिवारी और भूपेंद्र हुड्डा जैसे नेता शामिल रहे जो पार्टी में बदलाव की मांग उठाने वाले नेताओं के समूह जी-23 में शामिल हैं। थरूर स्वयं जी-23 में शामिल रहे हैं। उन्होंने नामांकन पत्रों के पांच सेट दाखिल किये, वहीं झारखंड के पूर्व मंत्री त्रिपाठी ने कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री के समक्ष नामांकन पत्र दाखिल किये। कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में खड़गे पसंदीदा उम्मीदवार माने जा रहे हैं और यहां एआईसीसी मुख्यालय में उनके नामांकन पत्र दाखिल करते समय पार्टी के अनेक नेता साथ थे। मल्लिकार्जुन खड़गे जहां गांधी परिवार के भरोसेमंद हैं, तो वहीं शशि थरूर उस G-23 ग्रुप का हिस्सा हैं, जो अक्सर गांधी परिवार पर सवाल खड़ा करता रहा है। ये जी-23 वही है, जिसने 2019 के चुनाव के बाद कांग्रेस नेतृत्व बदलने की मांग की थी. इस ग्रुप में कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद जैसे नेता थे। दोनों ही पार्टी छोड़ चुके हैं। खड़गे और थरूर, दोनों ही छात्र जीवन से राजनीति में हैं। हालांकि, राजनीतिक अनुभव में खड़गे कहीं आगे हैं। उनके पास 45 साल से ज्यादा लंबा राजनीतिक अनुभव है। वहीं, थरूर डिप्लोमैट रहे हैं और तीन दशकों तक संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर काम भी किया है।
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संघर्ष को तैयार : खड़गे
खड़गे ने कहा, मैं हमेशा वंचितों के हक की लड़ाई लड़ता रहा हूं। मैं कांग्रेस पार्टी के सिद्धांतों को कायम रखने के लिए और अधिक संघर्ष को तैयार हूं, जिसके साथ मैं बचपन से जुड़ा हूं।
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यह मैत्री मुकाबला : थरूर
थरूर (66) ने चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी खड़गे को पार्टी का ‘भीष्म पितामह’ करार दिया। उन्होंने कहा, यह मैत्री मुकाबला होने जा रहा है। हम दुश्मन या प्रतिद्वंद्वी नहीं हैं। उनके (खड़गे के) प्रति किसी तरह का असम्मान नहीं बरता जाएगा लेकिन मैं अपने विचारों को प्रस्तुत करुंगा।
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खड़गे से मुलाकात के बाद पीछे हटे दिग्गी
मैं कल खड़गे जी के घर गया और पूछा कि अगर आप नॉमिनेशन कर रहे हो तो मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा। आज जानकारी मिली कि वे उम्मीदवार हैं। मैं आज फिर उनके घर गया। कहा कि आप वरिष्ठ नेता हैं, मैं आपके खिलाफ चुनाव लड़ने की बात सोच भी नहीं सकता। अब उनका इरादा चुनाव लड़ने का है तो मैं उनका प्रस्तावक बनना स्वीकार करता हूं।
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17 अक्टूबर को मतदान
चुनाव के लिए मतदान 17 अक्टूबर को होगा और इसके परिणाम 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। इसमें 9,100 प्रतिनिधियों को मताधिकार प्राप्त है। चुनाव के लिए आज जब उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए तब कांग्रेस मुख्यालय में गांधी परिवार से कोई भी मौजूद नहीं था।
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मल्लिकार्जुन खड़गे
21 जुलाई 1942 को कर्नाटक के बीदर जिले में जन्म. गुलबर्ग के नूतन विद्यालय से पढ़ाई की। वहीं के सरकारी कॉलेज से कानून की डिग्री ली। वकालत की प्रैक्टिस के दौरान मजदूरों के हक के लिए कई मुकदमे लड़े। कॉलेज में मजदूर आंदोलन से जुड़े रहे. छात्र संघ के महासचिव बने। 1969 में कांग्रेस से जुड़े और उसी साल गुलबर्ग कांग्रेस के जिला अध्यक्ष बने. 1972 में पहला चुनाव लड़ा. वो 8 बार विधायक और 2 बार लोकसभा सांसद रहे हैं। फिलहाल राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं।
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शशि थरूर
9 मार्च 1956 को लंदन में पैदा हुए. थरूर जब 2 साल के थे, तब उनका परिवार भारत आ गया था। उन्होंने बंबई-कोलकाता से स्कूली पढ़ाई की। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद तीन दशक तक संयुक्त राष्ट्र से जुड़े रहे। संयुक्त राष्ट्र में काम करने के बाद 2009 में राजनीति में आए। 2009 में पहली बार तिरुवनंतपुरम से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता। यहां से तीन बार से सांसद हैं। अभी आईटी पर बनी संसदीय समिति के अध्यक्ष हैं।
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भाजपा बोली- खड़गे ‘रिमोट’ से नियंत्रित कांग्रेस अध्यक्ष
कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के उतरने के बाद भाजपा ने शुक्रवार को विपक्षी पार्टी पर तंज कसा। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक ट्वीट में कहा, गहलोत के परिवार का साथ खोने के बाद अब 80 वर्षीय मल्लिकार्जुन खड़गे को रिमोट से नियंत्रित ‘कठपुतली’ के रूप में चुना गया है, जिन्हें कांग्रेस के आधिकारिक उम्मीदवार के रूप में भी देखा जा रहा है। उनके नामांकन के मुकाबले थरूर का नामांकन फीका रहा। क्या आपको नहीं लगता कि यह मैच खड़गे के लिए फिक्स है?
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