-रेपो दर 0.5 प्रतिशत बढ़कर तीन साल के उच्चस्तर 5.9 प्रतिशत पर
-आरबीआई ने घटाया वृद्धि दर का अनुमान
नई दिल्ली। महंगाई पर काबू पाने के लिए केंद्रीय बैंक लगातार रेपो रेट में इजाफा कर रहा है। आरबीआई ने रेपो रेट 0.50 फीसद बढ़ा दिया है। इससे उपभोक्ताओं के लिए घर, कार और अन्य कर्ज और ज्यादा महंगे हो जाएंगे। खाने-पीने का सामान भी महंगा हो जाएगा। हालांकि, इसके बाद जमा पर मिलने वाले ब्याज में बढ़ोतरी होने की भी उम्मीद रहेगी।
आरबीआई ने शुक्रवार को रेपो दर को 0.50 प्रतिशत बढ़कर 5.90 प्रतिशत कर दिया। रूस-यूक्रेन युद्ध से पैदा हुए चुनौतीपूर्ण वैश्विक भू-राजनीतिक हालात के बीच चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपने मुद्रास्फीति के अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति का असर घरेलू बाजार पर पड़ रहा है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिये मुद्रास्फीति अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। दूसरी छमाही में इसके करीब छह प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। दास ने कहा कि तीसरी तिमाही के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 6.5 प्रतिशत और मार्च तिमाही के लिए 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि अगर तेल के दाम में मौजूदा नरमी आगे बनी रही, तो महंगाई से राहत मिलेगी। उल्लेखनीय है कि अगस्त में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति सात प्रतिशत थी, जो आरबीआई के संतोषजनक स्तर से ऊपर है। केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति को 2-6 प्रतिशत के बीच रखने की जिम्मेदारी दी गई है। अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में खुदरा महंगाई दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान है।
आरबीआई ने शुक्रवार को रेपो दर को 0.50 प्रतिशत बढ़कर 5.90 प्रतिशत कर दिया। केंद्रीय बैंक रेपो दर के आधार पर बैंकों को अल्पकालिक कर्ज देता है। महंगाई को काबू में करने के लिए रेपो दर में बढ़ोतरी की गई है। गवर्नर दास ने छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष की शुरुआत में आयातित मुद्रास्फीति के कारण दबाव तेज था, जो अब कुछ नरम पड़ा है, लेकिन खाद्य और ऊर्जा वस्तुओं की कीमतें अभी भी ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं। उत्पादक देशों से बेहतर आपूर्ति के साथ ही कीमतों के मोर्चे पर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के चलते खाद्य तेल की कीमतें नियंत्रित रहने की संभावना है। आगे चलकर आपूर्ति में सुधार, औद्योगिक धातुओं और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के कारण बिक्री मूल्य में वृद्धि कुछ कम हो सकती है। दास ने कहा, मुद्रास्फीति का अनुमान 2022-23 में 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। इसके दूसरी तिमाही में 7.1 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.5 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.8 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारत खाद्य कीमतों को लेकर जोखिम का सामना कर रहा है। खरीफ सत्र के दौरान धान की कम पैदावार के अनुमानों के कारण गेहूं से लेकर चावल तक, अनाज की कीमतों में दबाव बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘खरीफ दलहन की कम बुवाई से भी कुछ दबाव बन सकता है। मानसून की देरी से वापसी और विभिन्न क्षेत्रों में तेज बारिश ने सब्जियों, खासतौर से टमाटर की कीमतों को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। खाद्य मुद्रास्फीति के लिए ये जोखिम मुद्रास्फीति के अनुमानों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। दास ने कहा कि पिछले ढाई वर्षों में दुनिया ने महामारी का एक बड़ा झटका देखा और इस साल फरवरी के अंत में यूक्रेन संघर्ष से हालात और बिगड़े। इन झटकों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डाला है।
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चौथी बार हुआ इजाफा
केंद्रीय बैंक मई के बाद से रेपो रेट अब तक चार बार इजाफा कर चुका है। इस वजह से रेपो रेट अब 5.90 फीसदी पर पहुंच गया है। इससे पहले यह 5.40 पर था। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के झटके के बाद एक और तूफान वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा आक्रामक मौद्रिक नीतियों से उत्पन्न हुआ है।
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आरबीआई गवर्नर की ऐसी दलील
00 कोराेना और रूस-यूक्रेन से दुनिया में संकट
00 दुनियाभर के शेयर मार्केट में मची उथल-पुथल
00 सभी सेक्टर के लिए महंगाई चिंता का विषय
00 चुनौतीपूर्ण माहौल में भी देश की आर्थिक स्थिति अच्छी
00 सप्लाई की चिंता से महंगाई दर में बढ़ोतरी
00 रिटेल महंगाई लक्ष्य से ऊपर इसलिए दरें बढ़ाने का फैसला
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आरबीआई के अनुसार क्या होगा फायदा
00 तेल की कीमतों में कमी से लागत में कमी आएगी
00 भारत की जीडीपी ग्रोथ आज भी सबसे बेहतर
00 बाजार में पर्याप्त लिक्विडिटी
00 सरकारी खर्च बढ़ने से लिक्विडिटी में होगा सुधार
00 यूएस डॉलर की मजबूती से दुनियाभर की करेंसी पर दबाव
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एचडीएफसी ने ऋण पर बढ़ाया ब्याज
आवास ऋण कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड ने शुक्रवार को ऋण पर ब्याज दर 0.50 प्रतिशत बढ़ा दी। इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दी। ब्याज दरों में वृद्धि से एचडीएफसी से आवास ऋण लेने वालों की मासिक किस्त बढ़ जाएगी। एचडीएफसी ने बयान में कहा, एचडीएफसी ने आवास ऋण पर ब्याज दर 0.50 प्रतिशत बढ़ा दी है और यह एक अक्टूबर 2022 से प्रभावी होगी।
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