आतंकियों को हथियार देने वाले कट्टरपंथी तुर्की संगठन के साथ पीएफआई का संबंध

-अफसरों ने किया बड़ा खुलासा, बुधवार को लगा है इस संगठन पर बैन

  • अल-कायदा से जुड़े हैं तुर्की के संगठन के गहरे तार
  • पीएफआई की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने की है मुलाकात

नई दिल्ली। भारत में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस बीच, अधिकारियों ने एक और बड़ा खुलासा किया है। अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सीरिया में अल-कायदा से जुड़े आतंकियों को हथियार मुहैया कराने वाले कट्टरपंथी तुर्की समूह और आईएचएच के दो टॉप नेताओं के साथ घनिष्ठ संबंध हैं। उन्होंने बताया कि फाउंडेशन फॉर ह्यूमन राइट्स एंड फ्रीडम एंड ह्यूमैनिटेरियन रिलीफ, जिसे आईएचएच के नाम से जाना जाता है, खुद को तुर्की मानवाधिकार संगठन बताता है। इस संगठन का दावा है कि वह समाज सेवा के रचनात्मक कार्यों में शामिल रहता है। हालांकि जांच में इसकी हकीकत अलग ही पाई गई है। उन्होंने कहा कि जांच में सामने आया है कि यह अल-कायदा से जुड़ा तुर्की चैरिटी संगठन है। इस पर जनवरी 2014 में सीरिया में अल-कायदा से जुड़े जिहादियों, लीबियाई समूहों को हथियारों सप्लाई करने का आरोप भी लगा था।

ऐसे आई हकीकत सामने

तुर्की के पूर्व वित्त मंत्री और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोआन के दामाद बेरात अल्बायरक के लीक ईमेल से भी इसके हकीकत सामने आई थी। लीक हुए ईमेल में सामने आया था कि लीबियाई समूहों को हथियार देने में आईएचएच का हाथ था। यह भी पता चला था कि आईएचएच तुर्की की ख़ुफ़िया सेवा एमआईटी के साथ मिलकर काम करता है। नॉर्डिक मॉनिटर की एक रिपोर्ट के अनुसार, पीएफआई की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद के सदस्य ईएम अब्दुल रहिमन और प्रोफेसर पी कोया ने आईएचएच के साथ इस्तांबुल में एक बैठक की थी। पीएफआई और तुर्की के बीच संबंध का पता इस बात से भी चलता है कि पीएफआई ने 2016 के तख्तापलट के प्रयास के बाद एर्दोआन का समर्थन करते हुए एक बयान जारी किया था।

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पीएफआई को देना पड़ेगा 5.20 करोड़ का हर्जाना

पीएफआई के सदस्यों ने संगठन पर एनआईए की बड़ी कार्रवाई के बाद विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान संगठन के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने कई जगहों पर तोड़-फोड़ और आगजनी की थी। इस पर फैसला सुनाते हुए केरल हाईकोर्ट ने पीएफआई संगठन को 5.20 करोड़ रुपये भरने के आदेश दिए हैं। केरल स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (केएसआरटीसी) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्यों के खिलाफ केरल हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए केरल हाईकोर्ट ने केएसआरटीसी के पक्ष में फैसला सुनाया है।


ट्विटर अकाउंट बैन

इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का आधिकारिक ट्विटर (Twitter) हैंडल बैन कर दिया गया है। भारत सरकार द्वारा संगठन को प्रतिबंधित किए जाने के बाद ट्विटर ने यह कार्रवाई की है। भारत सरकार ने मंगलवार (27 सितंबर) देर रात पीएफआई को बैन करने का आदेश जारी किया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत पीएफआई को देश में प्रतिबंधित कर दिया है। सरकार ने देशभर के राज्यों से पीएफआई के खिलाफ कदम उठाने के लिए कहा था।

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