ज्ञानवापी मामले में सुनवाई पूरी… शिवलिंग की कार्बन डेटिंग पर 7 का आएगा आदेश

वाराणसी। ज्ञानवापी सर्वे में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग होगी या नहीं, इस पर कोर्ट का आदेश सात अक्तूबर को आएगा। इस मामले में गुरुवार को सुनवाई पूरी होने के बाद आदेश के लिए जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने सात अक्तूबर की तारीख नियत की है। सुनवाई के दौरान वादिनी राखी सिंह के वकील ने कार्बन डेटिंग न कराये जाने की मांग की तो वहीं चार अन्य वादियों के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कार्बन डेटिंग या साइंटफिक जांच करवाकर उसकी प्राचीनता का पता लगाने की गुहार लगाई। इधर, इस मामले में मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता ने कार्बन डेटिंग के औचित्य पर सवाल उठाया। उन्होंने दोहराया कि सुप्रीम कोर्ट ने बरामद कथित शिवलिंग/फव्वारे को सुरक्षित व संरक्षित रखने का आदेश दिया है।

शिवलिंग के नीचे अरघे और आसपास जांच की मांग

अदालत में चार महिला वादियों की तरफ से जहां सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन और विष्णु जैन ने वैज्ञानिक विधि, जीआरपी सर्वे के जरिए भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण से 16 मई को बरामद शिवलिंग की लंबाई, चौड़ाई,गहराई, उम्र और आसपास की एरिया की जांच कार्बन डेटिंग या जो भी आधुनिक तरीके है उस माध्यम से कराने की गुहार लगाई। दलील दी कि सीपीसी 26 रूल 10 ए के तहत वैज्ञानिक जांच व सर्वे का आदेश कोर्ट दे सकती है। कहा कि हमने शिवलिंग के नीचे अरघे और आसपास जांच की मांग की है। इसमें जो कार्बन डेटिंग से हो या अन्य तरीके से हम भी नहीं चाहेंगे कि शिवलिंग के साथ छेड़छाड़ हो। जांच से यह पता चलेगा कि शिवलिंग कितना पुराना, लंबा, ऊंचा व गहरा है। वादिनी के अधिवक्ता मानबहादुर सिंह व अनुपम द्विवेदी ने कार्बन डेटिंग की मांग का विरोध किया। उन्होंने कहा कि इस इस जांच से शिवलिंग खंडित होने का अंदेशा है।

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