आम आदमी से जुड़ी दस योजनाएं, जानें आपकी जिंदगी पर इनका क्या असर पड़ा?

प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान नरेंद्र मोदी ने कई योजनाओं की शुरुआत की। आज हम आपको उन दस योजनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके जरिए आम आदमी की जिंदगी काफी बदल गई। आइए जानते हैं…

  1. पीएम जनधन योजना
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री जन धन योजना की घोषणा की गई थी। इस योजना के माध्यम से देश के सभी लोगों तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इस योजना के तहत अब तक 46 करोड़ से भी अधिक बैंक खाते खोले जा चुके हैं। जिनमें 1.74 लाख करोड़ रुपए जमा हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार इस योजना की सहायता से देश के 67% ग्रामीण आबादी की पहुंच अब बैंकिंग सेवाओं तक हो चुकी है। इसके अलावा 56% महिलाओं ने भी जनधन खाते खुलवाए हैं।
  2. सुकन्या समृद्धि योजना
    देश की बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए और उनकी और तरक्की के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी, 2015 में सुकन्या समृद्धि योजना शुरू की थी। पैसे के कारण जो परिवार अपने बच्चों को पढ़ा नहीं सकते थे खास तौर पर लड़कियों को, उनकी चिंता दूर करने के लिए सरकार सुकन्या समृद्धि योजना लेकर आई। इसमें निवेश कर बेटी की पढ़ाई से लेकर शादी तक के खर्चे के पैसे जोड़ सकते हैं। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत 10 वर्ष से कम आयु की बेटियों का खाता उनके माता-पिता के नाम पर ही खुलता है। इस योजना के तहत पोस्ट ऑफिस या बैंक में जाकर खाता खुलवा सकते हैं. सुकन्या समृद्धि योजना 21 साल में मैच्योर होती है। हालांकि, लड़की की उम्र 18 साल होने के बाद पढ़ाई के लिए इस खाते से राशि निकाली जा सकती है, लेकिन पूरी रकम 21 साल के बाद ही मिलती है।
  3. उज्ज्वला योजना
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मई 2016 को इस योजना को लॉन्च किया था। योजना की शुरुआत में पांच करोड़ गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य था। बाद में इसे बढ़ाकर आठ करोड़ कर दिया गया। आठ करोड़ कनेक्शन मार्च 2020 तक दिए जाने थे। इसे सरकार ने सात महीने पहले यानी अगस्त 2019 में ही पूरा कर लिया। 2021-22 में एक करोड़ कनेक्शन और बांटने का लक्ष्य रखा गया। अगस्त 2021 में प्रधानमंत्री ने उज्जवला 2.0 की शुरुआत की। अब तक इस योजना के तहत 9.17 करोड़ एलपीजी गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं। योजना का असर: इस योजना के तहत बड़ी संख्या में गरीब परिवारों को फ्री गैस कनेक्शन बांटे गए। इससे सबसे बड़ा फायदा उन गरीब महिलाओं को हुआ, जो धुएं में खाना बनाने को मजबूर थीं।

योजना को लेकर क्या सवाल हैं: उज्ज्वला गैस योजना के असर पर विपक्ष लगातार सवाल उठाता रहा है। कहा जाता है कि पहली बार तो गैस सिलेंडर मुफ्त मिलता है, लेकिन जब दूसरी बार भरवाने की बारी आती है तो इसकी भारी रकम की वजह से गरीब ऐसा नहीं करा पाते। हाल ही में एक आरटीआई में भी ऐसा ही खुलासा हुआ। इसमें बताया गया कि करीब 90 लाख लाभार्थियों ने उज्ज्वला योजना में मिले सिलेंडर को एक बार भी नहीं भरवाया। वहीं, 1.08 करोड़ लाभार्थियों ने पिछले एक साल में केवल एक बार सिलेंडर रिफिल करवाया।

  1. पीएम किसान सम्मान निधि
    छोटे और सीमांत किसान परिवारों (जिनके पास 2 हेक्टेयर तक जमीन है) को इस योजना का लाभ मिलता है। योजना के तहत सरकार किसान परिवारों को सालाना छह हजार रुपये देती है। ये राशि तीन किश्तों में दी जाती है।

योजना का असर: सरकार की तरफ से मिलने वाली इस निधि से छोटे किसानों को काफी फायदा मिला है। इसके जरिए किसान आसानी से अपनी फसल तैयार कर पाते हैं। खाद, बीज, पानी और अन्य खर्चों को पूरा करने में मदद मिलती है।

योजना को लेकर क्या सवाल हैं: यूं तो इस योजना पर कोई सवाल नहीं उठता है, लेकिन कई बार विपक्ष इस राशि को बढ़ाने की मांग उठा चुका है।

  1. आयुष्मान भारत
    23 सितंबर 2018 को लॉन्च की गई यह स्वास्थ्य बीमा योजना है। इसके तहत गरीब वर्ग के एक परिवार को पांच लाख रुपये तक का बीमा दिया जाता है। इसका मकसद है कि बीपीएल कार्ड धारक गरीबों को मुफ्त इलाज मिल सके। देशभर में ऐसे बीपीएल कार्ड धारक गरीब परिवारों की संख्या करीब 10 करोड़ है, जबकि 50 करोड़ लोग इसका फायदा उठा सकेंगे।

योजना का असर: आयुष्मान भारत योजना के तहत अब तक देशभर में 1.77 करोड़ गोल्डन कार्ड जारी किए जा चुके हैं। 6.25 करोड़ से ज्यादा गरीब इसका लाभ ले चुके हैं। खासतौर पर कैंसर और हार्ट संबंधी गंभीर बीमारियों का इससे आसानी से इलाज हो सकता है।

योजना को लेकर क्या सवाल हैं: इस योजना पर फिलहाल कोई सवाल नहीं उठा है। हालांकि, धोखाधड़ी के कुछ मामले जरूर सामने आए हैं। इन मामलों में किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर कार्ड जारी कराकर सुविधाओं का लाभ लिया जा रहा है।

  1. स्वच्छ भारत मिशन
    इस मिशन के तहत 2014 से लेकर अब तक देशभर में 15 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनवाए गए। दुनिया में अपनी तरह के इस सबसे बड़े अभियान के तहत 50 करोड़ परिवारों को लाभ हुआ और उनके जीवन-स्तर में सुधार आया।

योजना का असर: स्वच्छ भारत मिशन का ही असर है कि आज देश के करीब एक लाख गांवों में लोग खुले में शौच करना बंद कर चुके हैं। सरकार ने 40 हजार से ज्यादा गांवों को उदीयमान श्रेणी में रखा है। ये वो गांव हैं, जो ओडीएफ होने के साथ-साथ सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर भी काम कर रहे हैं। 11 हजार 217 गांवों को उज्ज्वल श्रेणी में रखा गया है। ये वो गांव हैं, जिन्होंने ओडीएफ के साथ-साथ सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए भी काम किया। 20 हजार 828 गांवों को उत्कृष्ट दर्जा दिया गया है। यहां की साफ-सफाई काफी सराहनीय है।

योजना को लेकर क्या सवाल हैं: विपक्ष का आरोप है कि इस योजना का कोई फायदा नहीं मिला है। आज भी लोग खुले में शौच जाते हैं। सही तरह से शौचालय नहीं बनाए गए हैं। कई जगहों पर भ्रष्टाचार का भी आरोप है।

  1. प्रधानमंत्री आवास योजना
    यह योजना शहरी तथा ग्रामीण लोगों के लिए है। इसके तहत जिन लोगों के पास कच्चे मकान हैं, जिनके पास छत नहीं हैं, वो पीएम आवास योजना के तहत घर के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के तहत गरीबों को मकान बनवाने के लिए राशि दी जाती है। इसके अलावा कम आय वाले लोगों को होम लोन में भी सब्सिडी दी जाती है। योजना का आगाज 25 जून 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।

योजना का असर: इसके तहत अब तक 1.22 करोड़ लोगों को आवास आवंटित हो चुके हैं। योजना में अब तक कुल 8.31 लाख करोड़ का निवेश हो चुका है। शहरी इलाकों में कम आय वाले नौकरी-पेशा लोग भी इस योजना का लाभ उठाकर होम लोन ले रहे हैं।

योजना को लेकर क्या सवाल हैं: कई बार अपात्रों को पीएम आवास आवंटित होने की खबरें आती हैं। कुछ राज्यों में सरकारी कर्मचारियों द्वारा योजना में भ्रष्टाचार करने के मामले भी सामने आते रहे हैं।

  1. हर घर नल योजना
    2019 के बजट में वित्त मंत्री ने इसका एलान किया। योजना का उद्देश्य देश के प्रत्येक घर तक स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाना है। इसके अंतर्गत 2030 तक प्रत्येक घर तक स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिसे अब 2024 कर दिया गया है।

योजना का असर: इस मिशन के तहत अभी तक छह करोड़ घरों में नल के जरिए पानी की सप्लाई शुरू हो चुकी है। बुंदेलखंड और सूखा ग्रस्त इलाकों में योजना का काफी लोगों को लाभ मिला है। योजना के तहत 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की दर से पीने योग्य जल उपलब्ध कराया जा रहा है।

  1. प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना
    इस योजना का मुख्य फोकस बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पूर्वोत्तर राज्यों के गरीब लोगों को बिजली उपलब्ध कराना है। सौभाग्य योजना की शुरुआत 25 सितम्बर 2017 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर की गई थी। इस योजना के तहत जिन लोगों का नाम सामाजिक-आर्थिक जनगणना में नहीं है, उन्हें बिजली का कनेक्शन सिर्फ 500 रुपये के शुल्क पर मिलता है। ऐसे लोग यह 500 रुपये भी दस आसान मासिक किस्तों में चुका सकते हैं।

योजना का असर: सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इसके तहत 21 करोड़ 44 लाख से ज्यादा घरों तक बिजली का कनेक्शन पहुंचा। कई ऐसे गांव और घर में भी बिजली पहुंची, जहां आजादी के बाद से अब तक बिजली नहीं थी। अब केवल 18 हजार 734 घर ही ऐसे बचे हैं, जिन्हें इस योजना के जरिए लाभ देना है।

  1. प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना … प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को 7 साल पूरे हो चुके हैं। इस योजना के तहत गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु या सूक्ष्म उद्यम से जुड़े लोगों को 10 लाख रुपए तक का लोन दिया जाता है। ये लोन पर्सनल बिजनेस शुरू करने के लिए दिया जाता है। इसके अलावा बिजनेस बढ़ाने के लिए भी इस योजना के तहत लोन की सुविधा दी जाती है। इसमें शिशु, किशोर और तरुण कैटेगरी है, जिसमें लोन दिया जाता है। शिशु योजना के तहत 50 हजार रुपये तक, किशोर योजना में 5 लाख तक और तरुण योजना के तहत 5 से 10 लाख रुपए तक का लोन दिया जाता है।

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