भाजपा का चुनावी खर्चा कांग्रेस से बहुत ज्यादा, 5 राज्यों के चुनाव में खर्च डाले करीब 345 करोड़

-इस साल यूपी, पंजाब, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में हुए थे चुनाव

-भाजपा ने खर्च किए कांग्रेस से 150 करोड़ ज्यादा

-पिछली बार के मुकाबले बीजेपी ने कई गुना ज्यादा पैसा बहाया

नई दिल्ली। भाजपा ने इस साल पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में हुए विधानसभा चुनावों में 344.27 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए, वहीं पिछली बार इन राज्यों में पार्टी द्वारा 218.26 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। यह जानकारी बीजेपी द्वारा चुनाव आयोग में सौंपी गई रिपोर्ट से मिली है। जानकारी के अनुसार, कांग्रेस ने इन पांच राज्यों में 2022 में 194.80 करोड़ रुपये खर्च किए और 2017 में पार्टी ने 108.14 करोड़ रुपये खर्च किए थे।

यूपी में 221.32 करोड़ खर्च

आंकड़ों से पता चलता है कि पांच राज्यों में बीजेपी की कुल राशि में से सबसे अधिक 221.32 करोड़ रुपये यूपी में खर्च किए गए, जहां पार्टी कम बहुमत के साथ सत्ता में लौटी। 2022 के चुनावों के दौरान यूपी में पार्टी का चुनावी खर्च 2017 के 175.10 करोड़ रुपये के आंकड़े से 26 प्रतिशत अधिक था। वहीं पंजाब की बात करें तो यहां 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 7.43 करोड़ रुपये खर्च किए थे और साल 2022 में ये रकम 5 गुना बढ़ गई। 2022 में पार्टी ने यहां 36.70 करोड़ रुपये खर्च किए, हालांकि, बीजेपी को पंजाब में फिर भी सिर्फ 2 सीटों पर ही जीत हासिल हुई। 2017 में बीजेपी ने पंजाब में 1 सीट जीती थी।

गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में भी चौगुना खर्च

गोवा (Goa) में पार्टी ने इस साल चुनावों में 19.07 करोड़ रुपये खर्च किए, जो 2017 में खर्च किए गए 4.37 करोड़ रुपये के चार गुना से अधिक था। वहीं मणिपुर में 2022 में पार्टी ने 23.52 करोड़ रुपये और उत्तराखंड में 2022 के विधानसभा चुनाव में 43.67 करोड़ रुपये खर्च किए. गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में भाजपा की सत्ता में वापसी हुई। पांच राज्यों में पार्टी के कुल चुनावी खर्च में से एक बड़ा हिस्सा नेताओं की यात्रा, सार्वजनिक सभाओं, जुलूसों और प्रचार पर खर्च किया गया था। पार्टी ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में वर्चुअल कैंपेन पर भी करीब 12 करोड़ रुपये खर्च किए।

कांग्रेस ने “सोशल मीडिया पर खर्चे 15.67 करोड़

कांग्रेस पार्टी के चुनावी खर्च का राज्यवार ब्यौरा उपलब्ध नहीं है। कांग्रेस ने “सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स/ऐप्स और अन्य माध्यमों से वर्चुअल कैंपेन” पर 15.67 करोड़ रुपये खर्च करने की सूचना दी है। आपको बता दें कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने वाले राजनीतिक दलों को चुनाव की घोषणा की तारीख से चुनाव की समाप्ति की तारीख तक नकद, चेक या ड्राफ्ट या वस्तु के रूप में एकत्र किए गए सभी धन का लेखा-जोखा रखना आवश्यक है। उन्हें विधानसभा चुनाव के 75 दिनों के भीतर और लोकसभा चुनाव के 90 दिनों के भीतर अपने चुनावी खर्च के विवरण भी चुनाव आयोग को सौंपने होंगे।


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