.नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के लगातार दुर्घटनाग्रस्त हो रहे मिग-21 लड़ाकू विमानों की एक और 51वीं स्क्वाड्रन सितंबर के अंत तक सेवानिवृत्त हो जाएगी। रक्षा सूत्रों ने बताया कि मूल रूप से यह स्क्वाड्रन श्रीनगर की तैनाती वाली वह स्क्वाड्रन है। जिसमें विंग कमांडर (अब ग्रूप कैप्टन) अभिनंदन वर्धमान भी शामिल थे। उन्हें पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान में की गई बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद 27 फरवरी को 2019 को नियंत्रण रेखा पर एक पाकिस्तानी एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराने के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वीर चक्र सम्मान से सम्मानित किया था। गौरतलब है कि इसी साल जुलाई महीने में राजस्थान के बाड़मेर में दुर्घटनाग्रस्त हुए मिग-21 लड़ाकू विमान के बाद वायुसेना ने यह घोषणा की थी कि वह वर्ष 2025 तक इन विमानों की सभी 4 स्क्वाड्रन को अपने बेड़े से बाहर कर देगी। इसमें एक 51वीं स्क्वाड्रन जिसे स्वॉर्ड आर्म्स भी कहा जाता है 30 सितंबर तक सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा। इसके बाद क्रमवार ढंग से आगामी तीन वर्षों में हर साल एक मिग-21 लड़ाकू विमान की स्क्वाड्रन को वायुसेना अपने जंगी बेड़े से बाहर कर देगी। यहां बता दें कि वायुसेना के लड़ाकू विमानों के बेड़े में मिग-21 विमान को वर्ष 1963 में शामिल किया गया था। आमतौर पर एक लड़ाकू विमान का कुल सेवाकाल करीब तीन दशक का होता है। लेकिन मिग-21 वायुसेना में फिलहाल अपने दोगुने सेवाकाल को पूरा कर चुका है। वर्ष 2013 में इसने अपने सेवाकाल के 50 वर्ष पूरे हुए हैं।
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वायुसेना को 42 स्क्वाड्रन की दरकार
सूत्रों ने बताया कि लगातार बदल रहे भू-राजनीतिक परिदृश्य और चीन-पाकिस्तान की साझा चुनौती का मुकाबला करने के लिए वायुसेना को वर्तमान में लड़ाकू विमानों की कुल 42 स्क्वाड्रन की आवश्यकता है। जबकि अभी उसके पास करीब 30 स्क्वाड्रन की शेष बची हैं। एक स्क्वाड्रन में 16 से 18 लड़ाकू विमान होते हैं।
बीते दो साल में छठी मिग विमान दुर्घटना
बीते दो साल में मिग-21 लड़ाकू विमानों से जुड़ी कुल छह दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इसमें 2021 में 5 हादसे हुए और इस साल 1 दुर्घटना राजस्थान के बाड़मेर में हुई है। इससे पहले 2013 में 2, 2014 में 3, 2015 में 2, 2016 में 3, 2018 में 2, 2019 में 3 मिग-21 विमान दुर्घटना का शिकार हुए हैं। वर्ष 2012 में तत्कालीन रक्षा मंत्री ए.के.एंटनी ने अपने एक आधिकारिक बयान में कहा था कि वायुसेना में शामिल होने के बाद से लेकर 2012 तक 482 मिग-21 विमान हादसे का शिकार हुए हैं। इन हादसों में 171 पायलटों और 39 नागरिकों के अलावा 8 अन्य लोगों की मृत्यु हुई है।
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