नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चीनी लोन ऐप के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने पेटीएम, ईजबज, कैश फ्री, रेजरपे, के बैंक खातों और वर्चुअल अकाउंट्स में रखे 46.67 करोड़ रुपए फ्रीज कर दिए हैं। ईडी ने कुछ दिन पहले ही चीनी लोन ऐप मामले में इन कंपनियों के दफ्तरों पर छापेमारी की थी। ईडी ने दिल्ली, गाजियाबाद, लखनऊ, मुंबई, बिहार के गया समेत छह ठिकानों पर छापे मारे थे। इसके अलावा ईडी ने एचपीजेड लोन ऐप के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई, पुणे, चेन्नई, हैदराबाद, जयपुर, जोधपुर और बेंगलुरु में भी इन कंपनियों के के 16 ठिकानों पर छापेमारी की।
ईजबज सहित सभी के खातों में मिले करोड़ों रुपए
ज्ञात हो कि पूर्व में सर्च के दौरान ईडी को पता चला था कि इन कंपनियों के वर्चुअल खातों में भारी रकम रखी गई है। ईजबज प्राइवेट लिमिटेड (पुणे) के खातों में 33.36 करोड़ रुपये, रेजरपे सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के खातों में 8.21 करोड़ रुपये, कैशफ्री पेमेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खातों में 1.28 करोड़ रुपये और पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड के खातों में 1.11 करोड़ रुपए मिले हैं।
ईडी के बयान के मुताबिक, इन विभिन्न बैंक खातों और वर्चुअली अकाउंट्स में लगभग 46.67 करोड़ रुपये की कुल राशि का पता लगाया गया और इन्हें फ्रीज कर दिया गया।
क्या है मामला?
एचपीजेड टोकेन एप बेस्ड कंपनी है, जिसने यूजर्स को बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर ज्यादा फायदा देने का वादा किया था। सबसे पहले यूजर्स को इस एप द्वारा कंपनी में निवेश करने पर निवेश को दोगुना करने का लालच दिया गया। यूजर्स से पेमेंट यूपीआईएस और अन्य पेमेंट गेटवे द्वारा लिया गया। शुरुआत में निवेशकों को आंशिक राशि का भुगतान भी किया गया। इसके बाद भुगतान करना बंद कर दिया और करोड़ों का घपला कर लिया। आरोप है कि बाकी राशि को विभिन्न भुगतान गेटवे और बैंकों के माध्यम से विभिन्न व्यक्तियों और कंपनी के खातों में ट्रांसफर कर दिया गया।
चीनी लोग नकली एड्रेस से कर रहे थे व्यापार
ईडी ने जांच के दौरान पाया कि चीनी व्यक्तियों द्वारा नकली एड्रेस के आधार पर काम किया जा रहा था। इन के द्वारा नियंत्रित संस्थाओं के मर्चेंट आईडी और बैंक खातों से 17 करोड़ रुपये की राशि जब्त की गई है। बता दें कि इसी महीने रेजरपे प्राइवेट लिमिटेड, कैशफ्री पेमेंट्स, पेटीएम पेमेंट सर्विसेज लिमिटेड सहित कई संस्थाओं के परिसरों की तलाशी ली थी।
00000

