कर्नाटक पुलिस कांस्टेबल भर्ती में पुरुष थर्ड जेंडर के लिए कोटा निर्धारित

ऑनलाइन फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 31 अक्तूबर

बेंगलुरू। कर्नाटक सरकार ने राज्य के लिए पहली बार राज्य सशस्त्र बलों में भर्ती में ‘पुरुष थर्ड जेंडर’ के लिए आरक्षण की घोषणा की है। राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने मंगलवार को कहा कि कर्नाटक सशस्त्र बलों में 3,484 पदों को भरने के लिए कांस्टेबलों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उन्होंने कहा, ‘राज्य में पहली बार ‘पुरुष थर्ड जेंडर’ के लिए 79 पद आरक्षित किए गए हैं। वहीं, ट्रांसजेंडर कार्यकर्ताओं ने कोटा प्रदान करने के कदम की सराहना की।

वहीं, मंत्री ज्ञानेंद्र ने कहा कि कुल रिक्तियों में से, 420 पद ‘कल्याण कर्नाटक’ क्षेत्र या तत्कालीन हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित किए गए हैं, जिनमें से 11 ‘पुरुष’ थर्ड जेंडर के लिए हैं। ज्ञानेंद्र ने कहा कि कर्नाटक के बाकी हिस्सों में 3,064 पदों पर भर्ती की जाएगी, जिनमें से 68 ‘पुरुष’ थर्ड जेंडर के लिए आरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि भर्ती सबसे पारदर्शी तरीके से होगी और इसके लिए ऑनलाइन फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 31 अक्तूबर है।

पहल स्वागत योग्य है, लेकिन ‘पुरुष’ थर्ड जेंडर कोई तीसरा लिंग नहीं

ट्रांसजेंडर और ट्रांसजेंडरों के कल्याण के लिए काम करने वाले ‘ओन्डेडे’ के संस्थापक अक्कई पद्मशाली ने कहा कि मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं। एक्टिविस्ट पद्मशाली ने कहा कि घोषणा के अनुसार, थर्ड जेंडर को मुख्य धारा से जोड़ने की पहल स्वागत योग्य है, लेकिन ‘पुरुष’ थर्ड जेंडर कोई तीसरा लिंग नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं उनके (सरकार) दृष्टिकोण से समझता हूं कि शायद, वे ‘महिला से पुरुष ट्रांसजेंडर पुरुष’ की बात कर रहे हैं।

ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड स्थापित करने की मांग

ट्रांसजेंडरों की दुर्दशा के बारे में, पद्मशाली ने कहा कि यहां तक कि अगर कोई पुलिस विभाग में जाना चाहता है, तो उसके लिए कुछ योग्यताओं की आवश्यकता होती है। यहां हम में से अधिकांश ट्रांसजेंडर अनपढ़ हैं और स्कूल छोड़ चुके हैं – 10वीं कक्षा भी पास नहीं है, कॉलेज डिग्री तो भूल जाओ। इसके पीछे बहुत सारी बारीकियां हैं। पद्मशाली ने बताया कि ट्रांसजेंडर समुदाय के भीतर ‘जोगप्पा’, ‘मारला’, ‘जोगता’, ‘शक्ति’ और ‘अक्का’ जैसे विभिन्न “सांस्कृतिक पहचान और अस्तित्व की विविधता” को समझने की भी आवश्यकता है। कार्यकर्ता ने सरकार से समुदाय को बेहतर ढंग से समझने के लिए एक ‘तत्काल सर्वेक्षण’ करने और उनकी भलाई को बढ़ावा देने के लिए एक ‘ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड’ स्थापित करने की भी अपील की।

00000

प्रातिक्रिया दे